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एक सीट पर दो प्रत्याशी उतारेगी कांग्रेस, पंचायत चुनाव में कांग्रेस का नया फार्मूला

कांग्रेस ने 2 बच्चों वाले प्रत्याशी को लेकर आए नए आदेश से इससे निपटने के लिए शैडो कैंडिडेट का फार्मूला निकाला है. इसके तहत कांग्रेस पंचायतों में मजबूत प्रत्याशियों का चयन करेगी. जिन सीटों पर 3 बच्चों वाले प्रत्याशी मजबूत होंगे. उन सीटों पर दो बच्चों वाले प्रत्याशी को भी शैडो कैंडिडेट के रूप में सूची में दर्ज किया जाएगा.

panchayat elections in uttarakhand
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Published : Sep 20, 2019, 8:07 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है. सूबे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों बड़ी पार्टियों ने चुनाव के मद्देनजर कमर कस ली है. इस बार पंचायत चुनाव के लिए कांग्रेस ने शैडो कैंडिडेट उतारने का फार्मूला तैयार किया है. फार्मूले के तहत पार्टी एक सीट पर 2 प्रत्याशियों के नाम तय करेगी.

पंचायत चुनाव में एक सीट पर दो प्रत्याशी उतारेगी कांग्रेस.

दरअसल, हाईकोर्ट के 2 बच्चों को लेकर आए नए आदेश से कांग्रेस असमंजस में है. राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर नया कानून बनाते हुए प्रत्याशियों के लिए दो बच्चों तक की बाध्यता तय की है. जिस पर हाई कोर्ट ने इस कानून पर सुनवाई करते हुए 25 जुलाई 2019 से पहले तक के 3 बच्चों वालों को भी पंचायत चुनाव लड़ने की इजाजत देने के आदेश दिए हैं.

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वहीं, हाई कोर्ट के आदेश के फौरन बाद सरकार की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के बयान भी सामने आए हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों में भी असमंजस की स्थिति है. उधर, इस आदेश के बाद कांग्रेस पार्टी अब शेडो केंडिडेट तय करने के फार्मूले पर काम कर रही है.

पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति-
असमंजस इस बात की है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के पक्ष में फैसला देता है तो फिर एक बार 3 बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. उधर, सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के आदेश को ही बरकरार रखता है तो 3 बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव में भागीदारी कर सकेंगे. यह स्थिति तब है, जब नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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ऐसे में अब राजनीतिक दलों के लिए दिक्कतें ये है कि वो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले पंचायतों में 3 बच्चे वाले प्रत्याशियों को अधिकृत करें या दो बच्चे वाले. जबकि, समय कम होने के चलते राजनीतिक दलों का जल्द ही प्रत्याशियों को अधिकृत करना भी जरूरी है. साथ ही प्रत्याशियों का नामांकन करवाना भी आवश्यक है.

उधर, इस असमंजस की स्थिति में कांग्रेस ने इससे निपटने के लिए शैडो कैंडिडेट का फार्मूला निकाल लिया है. इसके तहत कांग्रेस पंचायतों में मजबूत प्रत्याशियों का चयन करेगी. जिन सीटों पर 3 बच्चों वाले प्रत्याशी मजबूत होंगे. उन सीटों पर दो बच्चों वाले प्रत्याशी को भी शैडो कैंडिडेट के रूप में सूची में दर्ज किया जाएगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ही कांग्रेस किसी एक प्रत्याशी को अधिकृत करेगी.

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वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने भी अपना पक्ष साफ कर दिया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट की मानें तो पार्टी सरकार के बनाए गए कानून के साथ है. जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत को महसूस करते हुए पार्टी ने दो बच्चों वाले प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुछ भी आए, लेकिन पार्टी ने अपने जिन दो बच्चों तक वाले प्रत्याशियों को अधिकृत किया है. उसी फैसले पर पार्टी टिकी है.

देहरादूनः उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है. सूबे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों बड़ी पार्टियों ने चुनाव के मद्देनजर कमर कस ली है. इस बार पंचायत चुनाव के लिए कांग्रेस ने शैडो कैंडिडेट उतारने का फार्मूला तैयार किया है. फार्मूले के तहत पार्टी एक सीट पर 2 प्रत्याशियों के नाम तय करेगी.

पंचायत चुनाव में एक सीट पर दो प्रत्याशी उतारेगी कांग्रेस.

दरअसल, हाईकोर्ट के 2 बच्चों को लेकर आए नए आदेश से कांग्रेस असमंजस में है. राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर नया कानून बनाते हुए प्रत्याशियों के लिए दो बच्चों तक की बाध्यता तय की है. जिस पर हाई कोर्ट ने इस कानून पर सुनवाई करते हुए 25 जुलाई 2019 से पहले तक के 3 बच्चों वालों को भी पंचायत चुनाव लड़ने की इजाजत देने के आदेश दिए हैं.

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वहीं, हाई कोर्ट के आदेश के फौरन बाद सरकार की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के बयान भी सामने आए हैं. ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों में भी असमंजस की स्थिति है. उधर, इस आदेश के बाद कांग्रेस पार्टी अब शेडो केंडिडेट तय करने के फार्मूले पर काम कर रही है.

पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति-
असमंजस इस बात की है कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के पक्ष में फैसला देता है तो फिर एक बार 3 बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. उधर, सुप्रीम कोर्ट हाई कोर्ट के आदेश को ही बरकरार रखता है तो 3 बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव में भागीदारी कर सकेंगे. यह स्थिति तब है, जब नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

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ऐसे में अब राजनीतिक दलों के लिए दिक्कतें ये है कि वो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले पंचायतों में 3 बच्चे वाले प्रत्याशियों को अधिकृत करें या दो बच्चे वाले. जबकि, समय कम होने के चलते राजनीतिक दलों का जल्द ही प्रत्याशियों को अधिकृत करना भी जरूरी है. साथ ही प्रत्याशियों का नामांकन करवाना भी आवश्यक है.

उधर, इस असमंजस की स्थिति में कांग्रेस ने इससे निपटने के लिए शैडो कैंडिडेट का फार्मूला निकाल लिया है. इसके तहत कांग्रेस पंचायतों में मजबूत प्रत्याशियों का चयन करेगी. जिन सीटों पर 3 बच्चों वाले प्रत्याशी मजबूत होंगे. उन सीटों पर दो बच्चों वाले प्रत्याशी को भी शैडो कैंडिडेट के रूप में सूची में दर्ज किया जाएगा. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ही कांग्रेस किसी एक प्रत्याशी को अधिकृत करेगी.

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वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने भी अपना पक्ष साफ कर दिया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट की मानें तो पार्टी सरकार के बनाए गए कानून के साथ है. जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत को महसूस करते हुए पार्टी ने दो बच्चों वाले प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुछ भी आए, लेकिन पार्टी ने अपने जिन दो बच्चों तक वाले प्रत्याशियों को अधिकृत किया है. उसी फैसले पर पार्टी टिकी है.

Intro:exclusive report....


summary- उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के लिए कांग्रेस ने शेडो कैंडिडेट उतारने का फार्मूला तैयार किया है...फार्मूले के तहत पार्टी एक सीट पर 2 प्रत्याशियों के नाम तय करेगी..दरअसल हाईकोर्ट के 2 बच्चों को लेकर आये नए आदेश से कांग्रेस असमंजस में है...और अब पार्टी शेडो केंडिडेट तय करने के फार्मूले पर काम कर रही है....देखिये रिपोर्ट.....


Body:राज्य सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर नया कानून बनाते हुए प्रत्याशियों के लिए दो बच्चों तक की बाध्यता तय की... तो हाल ही में हाईकोर्ट ने इस कानून को काटते हुए 25 जुलाई 2019 से पहले तक के 3 बच्चों वालों को भी पंचायत चुनाव लड़ने की इजाजत देने के आदेश दिए.... हाईकोर्ट के आदेश के फौरन बाद सरकार की तरफ से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के बयान भी सामने आए... ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों में भी असमंजस की स्थिति है...


क्यों है पंचायत चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति

असमंजस इस बात पर है कि यदि सुप्रीम कोर्ट सरकार के पक्ष में फैसला देता है तो फिर एक बार 3 बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाएंगे...और यदि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के आदेश को ही बरकरार रखता है तो 3 बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव में भागीदारी कर सकेंगे... यह स्थिति तब है जब नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है...अब ऐसे में राजनीतिक दलों के लिए दिक्कत यह है कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से पहले पंचायतों में 3 बच्चे वाले प्रत्याशियों को अधिकृत करें या दो बच्चे वाले... जबकि समय कम होने के चलते राजनीतिक दलों का जल्द ही प्रत्याशियों को अधिकृत करना भी जरूरी है... साथ ही प्रत्याशियों का नामांकन करवाना भी आवश्यक है....

पंचायत चुनाव में बच्चों को लेकर नए कानून पर हाई कोर्ट के निर्णय के बाद असमंजस की स्थिति इस कदर बढ़ गई है कि कांग्रेस ने इससे निपटने के लिए शैडो कैंडिडेट का फार्मूला निकाल लिया है... इसके तहत कॉन्ग्रेस पंचायतों में मजबूत प्रत्याशियों का चयन करेगी..जिन सीटों पर 3 बच्चों वाले प्रत्याशी मजबूत होंगे, उन सीटों पर दो बच्चों वाले प्रत्याशी को भी शैडो कैंडिडेट के रूप में सूची में दर्ज किया जाएगा... इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ही कॉन्ग्रेस किसी एक प्रत्याशी को अधिकृत करेगी।।।

बाइट सूर्यकांत धस्माना प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस

कांग्रेस की इस नए फार्मूले के चलते जहां अब कॉन्ग्रेस पंचायतों में प्रत्याशियों की सूची बनाने के दौरान दो कैंडिडेट चयनित करने की दिशा में काम में जुट गई है.... तो दूसरी तरफ भाजपा ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है... भाजपा प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट की मानें तो पार्टी सरकार के बनाए गए कानून के साथ है और जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत को महसूस करते हुए पार्टी ने दो बच्चों वाले प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला कुछ भी आए लेकिन पार्टी ने अपने जिन दो बच्चों तक वाले प्रत्याशियों को अधिकृत किया है उसी फैसले पर पार्टी अधिक है।

बाइट विरेंद्र बिष्ट प्रदेश प्रवक्ता उत्तराखंड भाजपा


Conclusion:
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