देहरादूनः उत्तराखंड सचिवालय में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अधिकारियों और कर्मचारियों पर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (VRS) की तलवार लटक गई है. इसके लिए सचिवालय प्रशासन ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति की शर्तों के दायरे में आने वाले निजी सचिव संवर्ग के कर्मचारियों के नाम मांगे हैं. साथ ही सरकार ने राज्य कर्मियों के एक दिन के वेतन कटौती का निर्णय लिया है. जिसे लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए इसे कर्मचारी विरोधी निर्णय बताया है.
बता दें कि मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बीते 5 मई को इस संबंध में शासनादेश जारी किया था. जिसमें राज्य सचिवालय में 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके अधिकारी कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति का निर्णय लिया गया है. सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि सरकार को वर्तमान परिस्थितियों में कर्मचारियों को साथ लेकर चलने की जरूरत है.
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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य सरकार लगातार कर्मचारी विरोधी निर्णय ले रही है. कोरोना महामारी में जो राज्य कर्मी फ्रंट फुट पर लड़ाई लड़ रहे हैं, सरकार ने उनके एक दिन के वेतन कटौती का निर्णय लिया है, यह कदापि उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य कर्मचारियों के वेतन में किसी प्रकार की कटौती नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति का फरमान भी जारी किया है, कांग्रेस पार्टी इसका तीखा विरोध करती है. सरकार को वर्तमान परिस्थितियों में कर्मचारियों को साथ लेकर चलना पड़ेगा.