देहरादूनः आगामी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां दमखम से तैयारी में जुटी हुई है. इसी कड़ी में बीजेपी अब सिख समुदाय को साधने के लिए सिख युवा सम्मेलन करने जा रही है. जिसके तहत बीजेपी की कोशिश है कि लोकसभा चुनाव में सिख समुदाय के लोगों का भी समर्थन मिल सकें. जिसको लेकर अब विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. कांग्रेस ने बीजेपी को चुनावी पार्टी बताते हुए जनता से सरोकार न रखने वाली पार्टी बताया है.
दरअसल, बीजेपी और कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीतियां तैयार कर रही है. ताकि उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल कर सकें. पिछले दो लोकसभा चुनाव से बीजेपी पांचों लोकसभा की सीटों पर काबिज है. ऐसे में बीजेपी के लिए इस बार हैट्रिक बनाना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है तो वहीं कांग्रेस के लिए भी एक बड़ी चुनौती यही है कि पांचों में से कुछ सीटों पर ही काबिज होकर बीजेपी को बड़ा झटका दे सके. यही वजह है कि दोनों पार्टियां चुनाव से पहले वोटरों को साधने की कवायद में जुट गई है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि समाज के हर क्षेत्र में काम व्यापक रूप से बढ़े, इसके लिए पार्टी तैयारी कर रही है. पिछली लोकसभा चुनाव के दौरान 60 फीसदी मतदान के साथ बीजेपी ने पांचों सीटों को जीता था. ऐसे में इस बार मतदान प्रतिशत को बढ़ाने पर जोर है. इसी के तहत अनुसूचित जाति और जनजाति के जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मेलन करने के साथ ही सिख युवा सम्मेलन किया जा रहा है. जिसमें 18 से 35 साल तक के सिख युवाओं को केंद्र और राज्य सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारी दी जाएगी.
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इसके साथ ही बीजेपी युवा मतदाता समर्थक सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा. हालांकि, ये जरूरी नहीं है कि ये युवा सदस्य बनेंगे. बल्कि, बड़ी संख्या में युवा जो मोदी को चाहते हैं और बीजेपी सरकार के उद्घोषक हैं. इनको लेकर बीजेपी आने वाले दिनों में तमाम कार्यक्रम करेंगे. इसके लिए केंद्रीय मंत्रियों से समय मांगा गया है. साथ ही उत्तर प्रदेश के सिख मंत्री भी सिख युवा सम्मेलन में शामिल होंगे. ऐसे में जल्द ही सिख युवा सम्मेलन की जाएगी.
चुनाव के वक्त बीजेपी का याद आ रहे सिख समुदायः वहीं, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि बीजेपी 24 घंटे और सालभर चुनावी मूड में रहने वाली पार्टी है. लिहाजा, उन्हें जनता के सरोकारों से कोई लेना देना नहीं है. ऐसे में अब जब 2024 में लोकसभा के चुनाव होने हैं तो इन्हें सिख युवाओं की याद आ रही है. साथ ही कहा कि पंजाब के किसान और सिख समुदाय के लोग अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में डेरा डाले हुए थे. उस दौरान करीब 750 किसानों की मौत हुई थी, तब बीजेपी को किसानों और सिख समुदाय के लोगों की याद नहीं आई.