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प्रवासियों की समस्या पर कांग्रेस ने सीएम को दिए 17 सुझाव, कहा- इससे बेहतर होंगे हालात

कांग्रेस ने कहा प्रदेश में पहले से ही बेरोजगारों बढ़ी हुई है.ऐसे में तीन लाख प्रवासियों के आने से यह संख्या और बढ़ गई है. प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में है, इसलिए यह कांग्रेस का नैतिक कर्तव्य बनता है कि राज्य सरकार को रोजगार की दिशा में सुझाव दिए जाएं.

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कांग्रेस ने सीएम को दिए 17 बिंदुओं के सुझाव
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Published : Jul 29, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 5:48 PM IST

देहरादून: कोरोना काल में लाखों की संख्या में प्रवासी अपने घर वापस लौट कर आये हैं. लॉकडाउन और कोरोना के कारण प्रवासियों का कारोबार और नौकरी सब कुछ छूट गया है. जिसके बाद प्रवासियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में कांग्रेस ने अन्य राज्यों से वापस उत्तराखंड लौटे प्रवासियों की समस्याओं के निदान के लिए 17 बिंदुओं का सुझाव पत्र सीएम त्रिवेंद्र रावत के समक्ष रखा है. कांग्रेस कमेटी की तरफ से वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने विस्तृत अध्ययन के बाद राज्य के लोगों से विचार-विमर्श करते हुए ठोस सुझाव प्रस्तुत किए हैं. 17 बिंदुओं पर आधारित सुझावों को राज्य मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और मुख्य सचिव को भेजा गया है.

प्रवासियों को लेकर कांग्रेस ने सीएम को दिया 17 बिंदुओं का सुझाव.
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण प्रवासियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में अब यह सरकार और राज्य की समस्त राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे प्रवासियों को पहाड़ों में ही रोककर उनके लिए रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास करें. प्रीतम सिंह ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में रोजगार वर्ष और इन्वेस्टर समिट भी आयोजित किए. साथ ही पलायन को रोकने के लिए पलायन आयोग भी गठित किया, लेकिन उसके भी कोई सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं.

पढ़ें-खुशखबरी: आज से शुरू होगी देहरादून से टिहरी, श्रीनगर और गौचर के लिए हवाई सेवा

प्रदेश में पहले से ही बेरोजगारों बढ़ी हुई है.ऐसे में तीन लाख प्रवासियों के आने से यह संख्या और बढ़ गई है. प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में हैं इसलिए यह कांग्रेस का नैतिक कर्तव्य बनता है कि राज्य सरकार को रोजगार की दिशा में सुझाव दिए जाएं. यही कारण है कि कांग्रेस द्वारा गठित समिति ने विस्तृत अध्ययन और राज्य के लोगों से विचार-विमर्श के बाद ठोस सुझाव प्रस्तुत किए हैं. जिन्हें मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के समक्ष रखा गया है. कांग्रेस ने राज्य सरकार से 17 बिंदुओं पर आधारित सुझाव पत्र पर तत्काल प्रभाव से अमल करने की मांग की है.

पढ़ें- आज आएगा उत्तराखंड बोर्ड का रिजल्ट, सीएम ने परीक्षार्थियों को दी शुभकामनाएं


कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार को दिए गए सुझाव

  • कांग्रेस का सुझाव है कि राज्य में वापस लौटे हर प्रवासी नागरिक को 5 लाख रुपए की राशि त्वरित राहत के रूप में दी जाए, ताकि वह यहीं पर रहकर अपने रोजगार को सृजित कर सके और दोबारा पलायन को मजबूर ना हो.
  • राज्य सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक एक्सपर्ट पैनल तैयार करें, जो कोरोना के चलते छिन्न-भिन्न हो चुकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर सके.
  • प्रवासी बंधुओं को उनके तकनीकी ज्ञान और शैक्षिक योग्यता का डेटाबेस तैयार करके उनकी क्षमता के अनुसार विकास किया जाए.
  • सौर ऊर्जा की योजनाओं से कृषक को किस तरह से जोड़ा जाए इस विषय में भी मंथन की आवश्यकता है.
  • राज्य में आईटी इंडस्ट्री को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है.
  • महिलाओं को प्रशिक्षण के विशेष अवसर देने के साथ ही प्राकृतिक उत्पादन से जुड़े हस्तशिल्प के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाए.
  • राज्य सरकार द्वारा जो ब्याज मुक्त ऋण का प्रावधान किया गया है वह सिर्फ जमीन जायदाद सिफारिश अथवा जो व्यक्ति गारंटर की व्यवस्था कर सकता है, यह योजना उसी व्यक्ति तक सीमित है.जिस व्यक्ति के पास इनमें से कुछ नहीं है उसके लिए सोचे जाने की जरूरत है.
  • डबल इंजन की सरकार ने 2017 के चुनाव में किसानों से ऋण माफी का वादा किया था, उस वादे को पूरा करने का उचित समय आ गया है. ऐसे में तत्काल प्रभाव से किसानों का ऋण माफ किया जाए.

देहरादून: कोरोना काल में लाखों की संख्या में प्रवासी अपने घर वापस लौट कर आये हैं. लॉकडाउन और कोरोना के कारण प्रवासियों का कारोबार और नौकरी सब कुछ छूट गया है. जिसके बाद प्रवासियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में कांग्रेस ने अन्य राज्यों से वापस उत्तराखंड लौटे प्रवासियों की समस्याओं के निदान के लिए 17 बिंदुओं का सुझाव पत्र सीएम त्रिवेंद्र रावत के समक्ष रखा है. कांग्रेस कमेटी की तरफ से वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी की अध्यक्षता में गठित समिति ने विस्तृत अध्ययन के बाद राज्य के लोगों से विचार-विमर्श करते हुए ठोस सुझाव प्रस्तुत किए हैं. 17 बिंदुओं पर आधारित सुझावों को राज्य मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और मुख्य सचिव को भेजा गया है.

प्रवासियों को लेकर कांग्रेस ने सीएम को दिया 17 बिंदुओं का सुझाव.
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि कोरोना के कारण प्रवासियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में अब यह सरकार और राज्य की समस्त राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे प्रवासियों को पहाड़ों में ही रोककर उनके लिए रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास करें. प्रीतम सिंह ने कहा कि मौजूदा राज्य सरकार ने अपने कार्यकाल में रोजगार वर्ष और इन्वेस्टर समिट भी आयोजित किए. साथ ही पलायन को रोकने के लिए पलायन आयोग भी गठित किया, लेकिन उसके भी कोई सार्थक परिणाम देखने को नहीं मिल रहे हैं.

पढ़ें-खुशखबरी: आज से शुरू होगी देहरादून से टिहरी, श्रीनगर और गौचर के लिए हवाई सेवा

प्रदेश में पहले से ही बेरोजगारों बढ़ी हुई है.ऐसे में तीन लाख प्रवासियों के आने से यह संख्या और बढ़ गई है. प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य में कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में हैं इसलिए यह कांग्रेस का नैतिक कर्तव्य बनता है कि राज्य सरकार को रोजगार की दिशा में सुझाव दिए जाएं. यही कारण है कि कांग्रेस द्वारा गठित समिति ने विस्तृत अध्ययन और राज्य के लोगों से विचार-विमर्श के बाद ठोस सुझाव प्रस्तुत किए हैं. जिन्हें मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के समक्ष रखा गया है. कांग्रेस ने राज्य सरकार से 17 बिंदुओं पर आधारित सुझाव पत्र पर तत्काल प्रभाव से अमल करने की मांग की है.

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कांग्रेस द्वारा राज्य सरकार को दिए गए सुझाव

  • कांग्रेस का सुझाव है कि राज्य में वापस लौटे हर प्रवासी नागरिक को 5 लाख रुपए की राशि त्वरित राहत के रूप में दी जाए, ताकि वह यहीं पर रहकर अपने रोजगार को सृजित कर सके और दोबारा पलायन को मजबूर ना हो.
  • राज्य सरकार दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक एक्सपर्ट पैनल तैयार करें, जो कोरोना के चलते छिन्न-भिन्न हो चुकी अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ कर सके.
  • प्रवासी बंधुओं को उनके तकनीकी ज्ञान और शैक्षिक योग्यता का डेटाबेस तैयार करके उनकी क्षमता के अनुसार विकास किया जाए.
  • सौर ऊर्जा की योजनाओं से कृषक को किस तरह से जोड़ा जाए इस विषय में भी मंथन की आवश्यकता है.
  • राज्य में आईटी इंडस्ट्री को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है.
  • महिलाओं को प्रशिक्षण के विशेष अवसर देने के साथ ही प्राकृतिक उत्पादन से जुड़े हस्तशिल्प के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाए.
  • राज्य सरकार द्वारा जो ब्याज मुक्त ऋण का प्रावधान किया गया है वह सिर्फ जमीन जायदाद सिफारिश अथवा जो व्यक्ति गारंटर की व्यवस्था कर सकता है, यह योजना उसी व्यक्ति तक सीमित है.जिस व्यक्ति के पास इनमें से कुछ नहीं है उसके लिए सोचे जाने की जरूरत है.
  • डबल इंजन की सरकार ने 2017 के चुनाव में किसानों से ऋण माफी का वादा किया था, उस वादे को पूरा करने का उचित समय आ गया है. ऐसे में तत्काल प्रभाव से किसानों का ऋण माफ किया जाए.
Last Updated : Jul 29, 2020, 5:48 PM IST
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