देहरादून: उत्तराखंड में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सक्रियता से सियासत तेज हो गई है. एक तरफ जहां उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत हरदा की सक्रियता को जनता के मुद्दों की लड़ाई के बजाय अपने वजूद को बचाने की लड़ाई कह रहे हैं तो वहीं कांग्रेस ने भगत पर पलटवार करते हुए हरदा के इस संघर्ष को बीजेपी सरकार के लिए चुनौती बताया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि अगर बीजेपी के लिए उत्तराखंड की राजनीति में कोई चुनौती है तो वह हरीश रावत हैं. हरीश रावत ने बैलगाड़ी पर सवार होकर पेट्रोल-डीजल के दामों में हुई बढ़ोतरी का विरोध किया था. इसके बाद सरकार ने उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था. जिसके बाद उन्होंने सरकार विरोधी नीतियों के खिलाफ राजभवन के बाहर भी धरना दिया था. इससे भाजपा असहज हो गई थी. यही कारण था कि सीएम ने भी हरीश रावत से महामारी के दौरान आंदोलन न करने की अपील की थी.
पढ़ें- लोगों की मानसिकता का सॉल्यूशन तलाशने अपने गांव पहुंचे हरदा, दो समस्या से हैं परेशान
जोशी ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरेंगे. क्योंकि वह कांग्रेस के हर कार्यकर्ता को काफी करीब से जानते हैं और प्रत्येक वर्ग के व्यक्ति के संपर्क में बने रहते हैं. प्रदेश के विकास में उनके योगदान को लेकर लोग उन्हें याद कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी इस गलतफहमी में न रहे कि उनका राजनीतिक अस्तित्व समाप्ति की ओर है. जिस दिन हरीश रावत मैदान में उतरेंगे, उस दिन भारतीय जनता पार्टी के भीतर बेचैनी पैदा हो जाएगी.