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बीजेपी के चुनावी कैंपेन सॉन्ग में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल, क्या ये आचार संहिता का उल्लंघन नहीं?

भाजपा ने चुनावी कैंपेन के लिए पार्टी का थीम सॉन्ग लॉन्च कर दिया है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि भाजपा केवल धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करके ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. साथ ही कहा कि भाजपा अपने कैंपेन में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रही है, जो कि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

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Published : Jan 30, 2022, 10:39 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 12:19 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड भाजपा ने अपने चुनावी कैंपेन के लिए पार्टी का थीम सॉन्ग लॉन्च कर दिया है. भाजपा का यह थीम सॉन्ग बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने गाया है. लेकिन इस सॉन्ग के रिलीज होते ही भाजपा सवालों के घेरे में आ गई है. दरअसल, इस गीत में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल किया गया है. इसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि भाजपा केवल धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. भाजपा अपने कैंपेन में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रही है, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

कांग्रेस का आरोप है कि इस थीम सॉन्ग में भाजपा के किसी भी विकास कार्य और जनहित वाली योजनाओं का प्रदर्शन नहीं है. केवल पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे और पीएम मोदी द्वारा केदारनाथ सहित उत्तराखंड के धार्मिक महत्व के लिए किए गए प्रयासों का बखान है. हालांकि, इस थीम सॉन्ग की लॉन्चिंग के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने इतनी सफाई जरूर दी कि ये केवल पीएम मोदी की भावनाओं पर केंद्रित गीत है. लेकिन भाजपा ने इसे चुनावी कैंपेन गीत कहकर लॉन्च किया है, जो भाजपा के लिए अब मुश्किल का सबब बन सकता है.

भाजपा के चुनावी कैंपेन सॉन्ग को लेकर कांग्रेस हमलावर.

पढ़ें- हरीश रावत पर CM धामी का पलटवार, बोले- उन्हें तो कांग्रेस भी सीरियस नहीं लेती

दरअसल, भाजपा के इस चुनावी कैंपेन सॉन्ग में उत्तराखंड की धार्मिक यात्राओं, मठ-मंदिरों के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठने लगे हैं. आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने इसे निर्वाचन आयोग के नाक के नीचे भाजपा की गुंडागर्दी बताया है. साथ ही कहा कि इससे दिखता है कि कैसे भाजपा निर्वाचन आयोग को कठपुतली बनाकर रखती है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा केवल धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करके ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है और जिस तरह से पीएम मोदी धार्मिक स्थलों की पूजा-अर्चना करते हुए इस थीम सॉन्ग में दिखाई दे रहे हैं, भाजपा अपने कैंपेन में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रही है, जो खुलेआम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

चुनाव आयोग का जवाब: वहीं, भाजपा के इस चुनावी गीत को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का कहना है कि बीजेपी ने अभी इस थीम सॉन्ग को निर्वाचन द्वारा प्रमाणित नहीं कराया है. निर्वाचन आयोग की नजरें भी लगातार इन पर बनी हुई है और अगर भाजपा इस थीम सॉन्ग को बिना निर्वाचन से प्रमाणित कराए विज्ञापन के रूप में चलाती है तो निर्वाचन इस पर संज्ञान लेगा और जब इसे प्रमाणन के लिए भेजा जाएगा तो इसके तथ्यों की जांच की जाएगी.

बता दें कि इस गीत को आवाज देने वाले बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल भाजपा के चकराता से प्रत्याशी रामशरण नौटियाल के बेटे हैं. इसके अलावा भाजपा के इस थीम सॉन्ग को 90 फीसदी केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दर्शाया गया है और उनके उत्तराखंड से जुड़े आस्था, प्रेम पर इस थीम सॉन्ग को केंद्रित किया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड भाजपा ने अपने चुनावी कैंपेन के लिए पार्टी का थीम सॉन्ग लॉन्च कर दिया है. भाजपा का यह थीम सॉन्ग बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल ने गाया है. लेकिन इस सॉन्ग के रिलीज होते ही भाजपा सवालों के घेरे में आ गई है. दरअसल, इस गीत में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल किया गया है. इसको लेकर कांग्रेस का कहना है कि भाजपा केवल धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल कर ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. भाजपा अपने कैंपेन में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रही है, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

कांग्रेस का आरोप है कि इस थीम सॉन्ग में भाजपा के किसी भी विकास कार्य और जनहित वाली योजनाओं का प्रदर्शन नहीं है. केवल पीएम नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे और पीएम मोदी द्वारा केदारनाथ सहित उत्तराखंड के धार्मिक महत्व के लिए किए गए प्रयासों का बखान है. हालांकि, इस थीम सॉन्ग की लॉन्चिंग के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने इतनी सफाई जरूर दी कि ये केवल पीएम मोदी की भावनाओं पर केंद्रित गीत है. लेकिन भाजपा ने इसे चुनावी कैंपेन गीत कहकर लॉन्च किया है, जो भाजपा के लिए अब मुश्किल का सबब बन सकता है.

भाजपा के चुनावी कैंपेन सॉन्ग को लेकर कांग्रेस हमलावर.

पढ़ें- हरीश रावत पर CM धामी का पलटवार, बोले- उन्हें तो कांग्रेस भी सीरियस नहीं लेती

दरअसल, भाजपा के इस चुनावी कैंपेन सॉन्ग में उत्तराखंड की धार्मिक यात्राओं, मठ-मंदिरों के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठने लगे हैं. आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने इसे निर्वाचन आयोग के नाक के नीचे भाजपा की गुंडागर्दी बताया है. साथ ही कहा कि इससे दिखता है कि कैसे भाजपा निर्वाचन आयोग को कठपुतली बनाकर रखती है. कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा केवल धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करके ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है और जिस तरह से पीएम मोदी धार्मिक स्थलों की पूजा-अर्चना करते हुए इस थीम सॉन्ग में दिखाई दे रहे हैं, भाजपा अपने कैंपेन में धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल कर रही है, जो खुलेआम आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.

चुनाव आयोग का जवाब: वहीं, भाजपा के इस चुनावी गीत को लेकर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या का कहना है कि बीजेपी ने अभी इस थीम सॉन्ग को निर्वाचन द्वारा प्रमाणित नहीं कराया है. निर्वाचन आयोग की नजरें भी लगातार इन पर बनी हुई है और अगर भाजपा इस थीम सॉन्ग को बिना निर्वाचन से प्रमाणित कराए विज्ञापन के रूप में चलाती है तो निर्वाचन इस पर संज्ञान लेगा और जब इसे प्रमाणन के लिए भेजा जाएगा तो इसके तथ्यों की जांच की जाएगी.

बता दें कि इस गीत को आवाज देने वाले बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल भाजपा के चकराता से प्रत्याशी रामशरण नौटियाल के बेटे हैं. इसके अलावा भाजपा के इस थीम सॉन्ग को 90 फीसदी केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दर्शाया गया है और उनके उत्तराखंड से जुड़े आस्था, प्रेम पर इस थीम सॉन्ग को केंद्रित किया गया है.

Last Updated : Jan 31, 2022, 12:19 PM IST
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