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बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आक्रामक हुई कांग्रेस, एम्स प्रबंधन पर भी उठाये सवाल

कांग्रेस ने सरकार से सवाल करते हुए कोरोना काल में केंद्र से प्राप्त हुए धन का जानकारी मांगी है. कांग्रेस का कहना है कि इस पर श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए.

Congress is aggressive about the poor health facilities in Uttarakhand
बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आक्रामक हुई कांग्रेस
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Published : Sep 10, 2020, 5:42 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 9:59 PM IST

देहरादून: कांग्रेस ने प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. साथ ही कांग्रेस ने ऋषिकेश एम्स प्रबंधन पर भी सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि ऋषिकेश स्थित एम्स कोरोना मरीजों के लिए लाक्षागृह बनता जा रहा है. विश्व स्तरीय चिकित्सा का दावा करने वाले ऋषिकेश एम्स में कोरोना से संक्रमित मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है. कांग्रेस ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि केंद्र से कोविड-19 की रोकथाम के लिए उत्तराखंड के हिस्से में कितना धन आया है. इस पर श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए.

बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आक्रामक हुई कांग्रेस,
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए संगठन महामंत्री विजय सारस्वत ने तंज कसते हुए कहा कि ऋषिकेश एम्स कोरोना मरीजों के लिए मौत का कुआं बनता जा रहा है. उन्होंने कहा स्वास्थ्य विभाग खुद मुख्यमंत्री के अधीन है लेकिन स्वास्थ्य महकमा राम भरोसे चल रहा है. खुद मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने आज तक समय निकालकर एम्स की व्यवस्थाओं का जायजा लेने तक की जहमत नहीं उठाई है.

पढ़ें- रेजांग ला की ठंडी चोटियों में गोलियों की आवाज से दम तोड़ती सच्चाई

उन्होंने कहा कि एम्स में भर्ती मरीजों को न तो उनके तीमारदारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या दूरभाष के जरिए बात कराई जा रही है और न ही एम्स प्रबंधन की ओर से किसी तरह का स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया जा रहा है.

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विजय सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण कोरोना मरीजों के मौत के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. एम्स ऋषिकेश की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने सरकार से मांग की है कि एम्स की ओपीडी खुलवाई जानी चाहिए ताकि लोगों को कम दरों पर इलाज की सुविधा मिल सके.

पढ़ें-श्रीनगर: 19 सितंबर से गढ़वाल विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी की परीक्षाएं

राज्य के अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों और सफाई कर्मियों की भारी कमी के चलते व्यवस्थाएं चरमरा चुकी है. ऐसे में सभी चिकित्सालयों में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाईकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए. अक्सर देखने में आ रहा है कि कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए कोविड वार्डों में चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों के स्थान पर अटेंडेंट को भेजा जा रहा है, जिससे मरीजों का मनोबल टूट रहा है. कांग्रेस ने एम्स प्रशासन से भी श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना महामारी में एम्स को कितना धन प्राप्त हुआ है, उन्हें ये बताना चाहिए.

देहरादून: कांग्रेस ने प्रदेश में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. साथ ही कांग्रेस ने ऋषिकेश एम्स प्रबंधन पर भी सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस का कहना है कि ऋषिकेश स्थित एम्स कोरोना मरीजों के लिए लाक्षागृह बनता जा रहा है. विश्व स्तरीय चिकित्सा का दावा करने वाले ऋषिकेश एम्स में कोरोना से संक्रमित मरीजों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है. कांग्रेस ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि राज्य सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि केंद्र से कोविड-19 की रोकथाम के लिए उत्तराखंड के हिस्से में कितना धन आया है. इस पर श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए.

बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आक्रामक हुई कांग्रेस,
कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए संगठन महामंत्री विजय सारस्वत ने तंज कसते हुए कहा कि ऋषिकेश एम्स कोरोना मरीजों के लिए मौत का कुआं बनता जा रहा है. उन्होंने कहा स्वास्थ्य विभाग खुद मुख्यमंत्री के अधीन है लेकिन स्वास्थ्य महकमा राम भरोसे चल रहा है. खुद मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव ने आज तक समय निकालकर एम्स की व्यवस्थाओं का जायजा लेने तक की जहमत नहीं उठाई है.

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उन्होंने कहा कि एम्स में भर्ती मरीजों को न तो उनके तीमारदारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या दूरभाष के जरिए बात कराई जा रही है और न ही एम्स प्रबंधन की ओर से किसी तरह का स्वास्थ्य बुलेटिन जारी किया जा रहा है.

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विजय सारस्वत ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण कोरोना मरीजों के मौत के आंकड़े दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. एम्स ऋषिकेश की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने सरकार से मांग की है कि एम्स की ओपीडी खुलवाई जानी चाहिए ताकि लोगों को कम दरों पर इलाज की सुविधा मिल सके.

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राज्य के अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मियों और सफाई कर्मियों की भारी कमी के चलते व्यवस्थाएं चरमरा चुकी है. ऐसे में सभी चिकित्सालयों में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और सफाईकर्मियों की तैनाती की जानी चाहिए. अक्सर देखने में आ रहा है कि कोरोना संक्रमितों के लिए बनाए गए कोविड वार्डों में चिकित्सक और चिकित्साकर्मियों के स्थान पर अटेंडेंट को भेजा जा रहा है, जिससे मरीजों का मनोबल टूट रहा है. कांग्रेस ने एम्स प्रशासन से भी श्वेत पत्र जारी करने की मांग करते हुए कहा कि कोरोना महामारी में एम्स को कितना धन प्राप्त हुआ है, उन्हें ये बताना चाहिए.

Last Updated : Sep 10, 2020, 9:59 PM IST
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