देहरादून: बेरोजगार पर हुए लाठीचार्ज के मुद्दे पर प्रदेश की सियासत गर्म है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इसको लेकर काफी मुखर है और हर दिन सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में पांचवे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहा. इस दौरान भर्ती घोटालों के मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के तमाम बड़े नेता एकजुट नजर आ रहे हैं.
आज कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व में हुए एक दिवसीय धरने में सभी वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया. इस दौरान यशपाल ने सरकार को जमकर कोसा. इस धरने में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, चकराता विधायक प्रीतम सिंह, विधायक विक्रम नेगी, विधायक ममता राकेश समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे. इस दौरान सभी ने बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज की जमकर निंदा की.
इस मौके पर करण माहरा ने कहा कांग्रेस अब इस आंदोलन को जिला और ब्लॉक स्तर पर करने जा रही है. इसके साथ ही इस आंदोलन को एक सप्ताह और बढ़ाया जा रहा है. कांग्रेस सरकार से मांग करती है कि जेल में बंद बेरोजगार युवाओं को बिना शर्त रिहा करें. साथ ही राज्य में अब तक हुई भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच कराए और बेरोजगार युवाओं की सभी मांगों को सरकार पूरा करे.
माहरा ने कहा सरकार अभी भी हठधर्मिता पर है. एग्जाम देने वाले युवाओं के साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार करने में लगी हुई है. बेरोजगार युवा एक पारदर्शी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं. जिससे मेहनती युवक और युवतियों का भविष्य खराब नहीं हो. अयोग्य लोगों की यदि नौकरी लगेगी तो, राज्य और राष्ट्र का अहित होगा.
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वही, पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा शासनकाल की तुलना हिटलर के शासन से की है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार तानाशाही पूर्ण तरीके से काम कर रही है और सरकार ने इस बात को खुद प्रमाणित कर दिया है. जो युवा बेरोजगार शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, सरकार उनके साथ अन्याय पूर्ण रवैया अपना रही है.
गोदियाल ने कहा सरकार की मंशा युवा बेरोजगारों को डराना, धमकाना और राज करना है और यही तानाशाही के लक्षण है. हिटलर की तर्ज पर वैसा ही भय सरकार यहां पैदा करना चाहती है. तानाशाही के बल पर सरकार ऐसे देश में भय का माहौल बनाना चाहती है, जिस देश के लोगों ने अंग्रेजों से लड़कर स्वाधीनता प्राप्त की है.
वहीं, धरना प्रदर्शन के बाद कांग्रेस पार्टी मुख्यालय से सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सचिवालय का घेराव करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने कांग्रेसियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस कर्मियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. सचिवालय की ओर बढ़ने से रोके जाने से नाराज कांग्रेसी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. थोड़ी देर बाद पुलिस ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया और पुलिस लाइन भेज दिया.