देहरादून: केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान अधिनियमों के विरोध में आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रीतम सिंह के नेतृत्व में राजभवन कूच किया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हुजूम सड़कों पर उतरा. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन कूच करने के लिए पैदल मार्च निकालते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारी दिलाराम चौक से हाथीबड़कला की तरफ बढ़े, लेकिन वहां मौजूद भारी पुलिस बल ने राजभवन से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक लिया. रोके जाने से आक्रोशित प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. इसके बाद प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए.
इस दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने किसान अधिनियमों को काला कानून बताते हुए इसे किसान विरोधी करार दिया. उन्होंने कहा संसद के बीते मॉनसून सत्र में पास किए गए तीन काले कानून देश के 65 करोड़ किसानों को गुलाम बनाने की बड़ी साजिश हैं. जिसका सूत्रपात पीएम मोदी ने किया है. उन्होंने कहा अगर देश में एमएसपी प्रणाली ही समाप्त हो जाएगी तो किसान अपनी फसल का मूल्य किस प्रणाली से तय करेंगे.
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प्रीतम सिंह ने कहा अनाज मंडी और सब्जी मंडी समाप्त करके किसानों को अपाहिज बनाने की एक बड़ी साजिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन करके मोदी सरकार ने जमाखोरी और कालाबाजारी को कानूनी रूप से वैध बनाने का षड्यंत्र रचा है.
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इस दौरान काश्तकार रघुवीर बिष्ट ने कहा कि मोदी सरकार के किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ सभी किसान सड़कों पर हैं. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी आंखों में पट्टी बांधकर इन कानूनों को जायज ठहरा रहे हैं. रघुवीर बिष्ट ने कहा देश के पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों के अधिकारों के साथ केंद्र सरकार षड्यंत्र कर रही है.
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा इन काले कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है.