ETV Bharat / state

कांग्रेस फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन की बैठक में 6 प्रस्ताव हुए पारित, फ्रंटफुट पर विरोध करेगी कांग्रेस - Congress passed 6 resolutions in Frontal Organization Meeting

आज कांग्रेस फ्रंटल संगठनों की बैठक में चर्चा करते हुए राज्य कर्मचारियों के वेतन कटौती का विरोध किया गया. इसके साथ ही निजीकरण को लेकर भी कांग्रेस ने नाराजगी व्यक्त की है.

congress-passed-6-resolutions-in-frontal-organization-meeting
कांग्रेस फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन की बैठक में 6 प्रस्ताव हुए पारित
author img

By

Published : Jul 9, 2020, 7:48 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में संगठन की मजबूती और पार्टी के शीर्ष नेताओं में मनमुटाव को दूर करने के लिए तीन दिवसीय बैठक आज संपन्न हो गई. कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में आज अनुषांगिक संगठनों के साथ बैठक की गई. जिसमें आगामी रणनीति पर मंथन करने के साथ ही संगठन को मजबूत करने की दिशा पर भी चर्चा की गई. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सर्वसम्मति से 6 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आज फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में सभी साथियों ने अपने अपने विचार रखें. इस दौरान विभिन्न विषयों पर बातचीत करते हुए 6 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए.

कांग्रेस फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन की बैठक में 6 प्रस्ताव हुए पारित

पढ़ें- हरिद्वार में जल्द तैयार होगा देश का दूसरा मेडिकल डिवाइस पार्क, ये होगी खासियत

पहला प्रस्ताव
प्रीतम सिंह ने बताया कि इंदिरा गांधी ट्रस्ट, राजीव गांधी ट्रस्ट और राजीव गांधी फाउंडेशन पर जिस तरह से केंद्र सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है कांग्रेस इसका विरोध करती है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों से कांग्रेस पूछना चाहती है कि केंद्र सरकार जय शाह और अडानी की तरफ भी देखे. इन लोगों को भाजपा का साथ मिला हुआ है.उन्होंने नोटबंदी के समय का भी जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात के एक बैंक में नोटबंदी के समय सात हजार करोड़ रुपये बदले गए थे, उसका भी केंद्र सरकार के पास हिसाब किताब होना चाहिए. प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि सरकार बदले की भावना से काम करेगी तो कांग्रेस को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

पढ़ें- ऋषिकेश एम्स: 24 घंटे में छह लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि


दूसरा प्रस्ताव
प्रीतम सिंह ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से 250 दिन मजदूरों को काम दिया जाना चाहिए. उन्हें केंद्र सरकार तीन सौ रुपये बतौर मजदूरी अदा करे. उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया है कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के बिना पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता, ऐसे में सरकार को यूएसबी बढ़ानी चाहिए. इसके साथ-साथ मजदूरी में भी इजाफा किया जाना चाहिए.

पढ़ें- अभिनेता जगदीप का 81 साल की उम्र में न‍िधन, बॉलीवुड में शोक की लहर


तीसरा प्रस्ताव
कोरोना काल में राज्य कर्मचारी फ्रंट फुट पर लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के एक दिन के वेतन कटौती का निर्णय लिया है. इसका विरोध करते हुए कांग्रेस सरकार से कहना चाहती है कि एक दिन वेतन कटौती के निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.

पढ़ें- सिटी बस संचालकों की विक्रम और ई-रिक्शा ने बढ़ाई परेशानियां, HC जाने की दी चेतावनी


चौथा प्रस्ताव
सार्वजनिक उपक्रमों में शुमार नौ रत्नों को सरकार मजबूती प्रदान करने की दिशा में काम करें. केंद्र सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंप रही है. जिसका कांग्रेस विरोध करती है. प्रीतम सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो कांग्रेस भविष्य में मजदूरों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी.

पढ़ें- उज्‍जवला के लाभार्थियों को सितंबर तक मिलेगा तीन सिलेंडर मुफ्त


पांचवा प्रस्ताव
बैठक में नशावृत्ति पर भी रोक लगाने की मांग की गई. प्रीतम सिंह ने बताया कि राज्य सरकार नशावृत्ति पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है. उन्होंने पंजाब का उदाहरण देते हुए बताया कि कहीं उत्तराखंड की स्थिति भी पंजाब की तरह न हो जाए. उन्होंने कहा कि अगर राज्य का भविष्य नशे की गर्त में चला जाएगा तो उत्तराखंड का फिर क्या होगा? इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

पढ़ें- लॉकडाउन के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले सीएम त्रिवेंद्र- समय पर होगा महाकुंभ 2021

छठा प्रस्ताव
बीती 22 मार्च को सरकार ने देश में 'जनता कर्फ्यू' इंपोज किया. तब से लेकर कोरोना की अवधि जब तक रहती है, उस दौरान लोगों के पानी और बिजली के बिल माफ किए जाएं. साथ ही अन्य टैक्सों को भी माफ किया जाए.

पढ़ें- रुड़की: पुलिस के हत्थे चढ़े दो स्मैक तस्कर, एक फरार

दरअसल, फ्रंटल संगठनों की बैठक में चर्चा करते हुए राज्य कर्मचारियों के वेतन कटौती का विरोध किया गया. इसके साथ ही निजीकरण को लेकर भी कांग्रेस ने नाराजगी व्यक्त की है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. जिसका कांग्रेस खुलकर विरोध करती है.

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में संगठन की मजबूती और पार्टी के शीर्ष नेताओं में मनमुटाव को दूर करने के लिए तीन दिवसीय बैठक आज संपन्न हो गई. कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में आज अनुषांगिक संगठनों के साथ बैठक की गई. जिसमें आगामी रणनीति पर मंथन करने के साथ ही संगठन को मजबूत करने की दिशा पर भी चर्चा की गई. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सर्वसम्मति से 6 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बैठक की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि आज फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन की बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में सभी साथियों ने अपने अपने विचार रखें. इस दौरान विभिन्न विषयों पर बातचीत करते हुए 6 प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए.

कांग्रेस फ्रंटल ऑर्गनाइजेशन की बैठक में 6 प्रस्ताव हुए पारित

पढ़ें- हरिद्वार में जल्द तैयार होगा देश का दूसरा मेडिकल डिवाइस पार्क, ये होगी खासियत

पहला प्रस्ताव
प्रीतम सिंह ने बताया कि इंदिरा गांधी ट्रस्ट, राजीव गांधी ट्रस्ट और राजीव गांधी फाउंडेशन पर जिस तरह से केंद्र सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है कांग्रेस इसका विरोध करती है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगों से कांग्रेस पूछना चाहती है कि केंद्र सरकार जय शाह और अडानी की तरफ भी देखे. इन लोगों को भाजपा का साथ मिला हुआ है.उन्होंने नोटबंदी के समय का भी जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात के एक बैंक में नोटबंदी के समय सात हजार करोड़ रुपये बदले गए थे, उसका भी केंद्र सरकार के पास हिसाब किताब होना चाहिए. प्रीतम सिंह ने कहा कि यदि सरकार बदले की भावना से काम करेगी तो कांग्रेस को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.

पढ़ें- ऋषिकेश एम्स: 24 घंटे में छह लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि


दूसरा प्रस्ताव
प्रीतम सिंह ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से 250 दिन मजदूरों को काम दिया जाना चाहिए. उन्हें केंद्र सरकार तीन सौ रुपये बतौर मजदूरी अदा करे. उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने भी स्वीकार किया है कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के बिना पुनर्स्थापित नहीं किया जा सकता, ऐसे में सरकार को यूएसबी बढ़ानी चाहिए. इसके साथ-साथ मजदूरी में भी इजाफा किया जाना चाहिए.

पढ़ें- अभिनेता जगदीप का 81 साल की उम्र में न‍िधन, बॉलीवुड में शोक की लहर


तीसरा प्रस्ताव
कोरोना काल में राज्य कर्मचारी फ्रंट फुट पर लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों के एक दिन के वेतन कटौती का निर्णय लिया है. इसका विरोध करते हुए कांग्रेस सरकार से कहना चाहती है कि एक दिन वेतन कटौती के निर्णय को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए.

पढ़ें- सिटी बस संचालकों की विक्रम और ई-रिक्शा ने बढ़ाई परेशानियां, HC जाने की दी चेतावनी


चौथा प्रस्ताव
सार्वजनिक उपक्रमों में शुमार नौ रत्नों को सरकार मजबूती प्रदान करने की दिशा में काम करें. केंद्र सरकार सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में सौंप रही है. जिसका कांग्रेस विरोध करती है. प्रीतम सिंह ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो कांग्रेस भविष्य में मजदूरों के साथ मिलकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी.

पढ़ें- उज्‍जवला के लाभार्थियों को सितंबर तक मिलेगा तीन सिलेंडर मुफ्त


पांचवा प्रस्ताव
बैठक में नशावृत्ति पर भी रोक लगाने की मांग की गई. प्रीतम सिंह ने बताया कि राज्य सरकार नशावृत्ति पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है. उन्होंने पंजाब का उदाहरण देते हुए बताया कि कहीं उत्तराखंड की स्थिति भी पंजाब की तरह न हो जाए. उन्होंने कहा कि अगर राज्य का भविष्य नशे की गर्त में चला जाएगा तो उत्तराखंड का फिर क्या होगा? इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.

पढ़ें- लॉकडाउन के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोले सीएम त्रिवेंद्र- समय पर होगा महाकुंभ 2021

छठा प्रस्ताव
बीती 22 मार्च को सरकार ने देश में 'जनता कर्फ्यू' इंपोज किया. तब से लेकर कोरोना की अवधि जब तक रहती है, उस दौरान लोगों के पानी और बिजली के बिल माफ किए जाएं. साथ ही अन्य टैक्सों को भी माफ किया जाए.

पढ़ें- रुड़की: पुलिस के हत्थे चढ़े दो स्मैक तस्कर, एक फरार

दरअसल, फ्रंटल संगठनों की बैठक में चर्चा करते हुए राज्य कर्मचारियों के वेतन कटौती का विरोध किया गया. इसके साथ ही निजीकरण को लेकर भी कांग्रेस ने नाराजगी व्यक्त की है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. जिसका कांग्रेस खुलकर विरोध करती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.