देहरादून: बाजपुर में पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य (attack on yashpal arya in bajpur) और उनके बेटे संजीव आर्य के काफिला को रोककर अभद्रता करने के मामले में कांग्रेस में भारी आक्रोश है. जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने आज सीएम आवास के बाहर धरना का निर्णय लिया था. लेकिन पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हाथीबड़कला में बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. जिससे नाराज प्रदर्शनकारी सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और भाजपा सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करने लगे.
हाथीबड़कला में सड़क पर दिए जा रहे नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में धरने में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत रावत भी मौजूद रहे. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने इस घटना की तीखी निंदा करते हुए कहा कि सवाल यह नहीं है कि यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य पर किसने हमला किया. बल्कि सवाल यह उठता है कि जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया वह कृत्य सरकार के संरक्षण में किया गया है.
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा की गलत नीतियों के खिलाफ और लोगों की भावनाओं के अनुरूप यशपाल आर्य ने जब कांग्रेस ज्वॉइन की तब से लगातार भाजपा उन पर दबाव बना रही थी कि जैसे उन्होंने कांग्रेस ज्वॉइन करके कोई गलत फैसला ले लिया है. लेकिन यशपाल आर्य ने लोगों की भावनाओं के अनुरूप जो फैसला लिया उस पर वह अडिग हैं. देवेंद्र यादव ने कहा कि ऐसे में जब उनको दबाया नहीं जा सकता तो इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया गया.
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वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सरकार से तत्काल यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य को पुलिस सुरक्षा दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब से यशपाल आर्य ने कांग्रेस ज्वॉइन की है तब से उनके सुरक्षा गार्ड को भी सरकार ने वापस ले लिया है. ऐसे में यह घटनाएं चीख-चीख कर कह रही है कि यशपाल आर्य के कांग्रेस में सम्मिलित होने के बाद भाजपा सरकार बौखला गई है.
हरीश रावत ने इस घटना पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस घटना में शासन और सरकार के मंत्री विधायक तक शामिल हैं. इसके साथ यशपाल आर्य और संजीव आर्य पर हुए हमले में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस षड्यंत्र में शामिल है, ताकि यशपाल आर्य की आवाज बंद कर दी जाए. उन्होंने दोषियों के खिलाफ 307 और दूसरी गंभीर धाराओं में मामले के षड्यंत्र के तहत गिरफ्तार किए जाने की मांग की है और यशपाल आर्य को पुलिस सुरक्षा दिए जाने की भी मांग उठाई है.