देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा सभा में 2016 से हुई भर्तियों पर हाईकोर्ट के महाधिवक्ता की विधिक राय आने के बाद कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी खुद अपने फैसले में घिरती हुई नजर आ रही हैं. उन्होंने एक ऐसे समिति बनाई जो विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों की समीक्षा नहीं कर सकती है. उसके बाद महाधिवक्ता ने कानूनी राय देने के इनकार कर दिया है.
मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि इस मामले में होना ये चाहिए था कि मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को बैठकर फैसला करना चाहिए था. क्योंकि प्रस्तावक विधानसभा अध्यक्ष हैं और उस पर अनुमति प्रदान करने वाले मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में इस मसले का ये दो लोग ही इसका समाधान निकाल सकते हैं. इनको बैठकर इसका समाधन निकालना चाहिए.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि सरकार की नीति ये होनी चाहिए कि रोजगार छीनने की बजाय, रोजगार देने की नीति होनी चाहिए. इसलिए सरकार को इस पर पुनर्विचार करना चाहिए कि किस तरह से विधानसभा के बर्खास्त कर्मचारियों की समस्या का समाधान कर करेंगे.
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विधानसभा अध्यक्ष को लेना है निर्णय: बीजेपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा है कि विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर जो भी निर्णय लेना है वह विधानसभा अध्यक्ष को ही लेना है.
महाधिवक्ता ने विधिक राय देने से किया इनकार: उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से भर्ती मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने जांच बिठाई. जिसके बाद साल 2016 के बाद नियुक्ति पाए कर्मचारियों को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने बर्खास्त कर दिया. नियुक्तियों की जांच के लिए कमेटी बनाई. उसके बाद राज्य गठन से लेकर 2016 से पहले विधानसभा में हुई बैक डोर नियुक्तियों को लेकर हाईकोर्ट के महाधिवक्ता से विधिक राय मांगी. लेकिन हाईकोर्ट के महाधिवक्ता ने फिलहाल इस मामले पर राय देने से इनकार कर दिया है. उन्होंने मामला कोर्ट में होने के कारण राय देने से मना कर दिया.