देहरादून: उत्तराखंड में जनप्रतिनिधियों और अफसरों के बीच संघर्ष की संभावना बढ़ती जा रही है. यह बात हम नहीं बल्कि कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मौजूदा विधायक प्रीतम सिंह कह रहे हैं. प्रीतम सिंह का दावा है कि जिस तरह विधायकों और जनप्रतिनिधियों का अपमान हो रहा है, उससे आने वाले दिनों में अफसरों के साथ विधायकों का संघर्ष हो सकता है.
गैरसैंण में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाकर अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हालांकि यह गुस्सा उधमसिंह नगर के एसएसपी की कार्रवाई के खिलाफ दिखाई दिया, लेकिन इसके बाद प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू की कार्यप्रणाली पर भी विपक्षी विधायकों ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी. इतना ही नहीं कांग्रेसी विधायकों ने नौकरशाही पर भी जमकर हल्ला बोला है.
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इन सभी स्थितियों के बीच कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह ने अब बड़ा बयान देते हुए विधायकों और अफसरों के बीच संघर्ष होने की बात कह दी है. प्रीतम सिंह ने कहा कि जिस तरह विधायकों का अपमान किया जा रहा है उससे हालात बिगड़ रहे हैं और नौबत कभी भी अफसरों और विधायकों के बीच संघर्ष के रूप में आ सकती है.
प्रीतम सिंह ने कहा कि विधायक अपना अपमान कब तक सहेंगे और एक समय ऐसा आएगा जब कभी भी संघर्ष की नौबत आन खड़ी होगी. इतना ही नहीं प्रीतम सिंह ने कहा कि जब राज्य में मुख्य सचिव जो तमाम अधीनस्थ अधिकारियों को विधायकों के विशेषाधिकार का पाठ पढ़ाता है, वो खुद ही विधायकों का सम्मान ना करें तो स्थिति को समझा जा सकता है.