ETV Bharat / state

तीन तलाक बिल के पास होने पर बौखलाई कांग्रेस, धस्मान ने कही ये बड़ी बात - मुस्लिम महिला

मंगलवार को राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर वोटिंग हुई. पक्ष में 99 वोट पड़े तो विरोध में 84 वोट पड़े थे. इसके साथ ही यह बिल अब राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून का रूप ले लेगा.

कांग्रेस
author img

By

Published : Jul 31, 2019, 11:17 PM IST

देहरादून: मंगलवार को राज्यसभा में तीन तलाक बिल के पास होने पर जहां बीजेपी इसे अपनी बड़ी जीत के तौर पर देख रही है तो वहीं कांग्रेस बौखलाई हुई नजर आ रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अब शरियत का हवाला देने में लगे हुए हैं.

कांग्रेस का बयान

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जिस तीन तलाक को मोदी सरकार ने कुप्रथा बता कर राज्यसभा में बिल पास करा दिया है, उसे मुस्लिम शरीयत नहीं मानती है. तीन तलाक बिल को पारित कर बीजेपी देश के कम्युनिटी को आइसोलेट करना चाहती है. क्योंकि शरीयत (मुस्लिम कानून) में पहले से ही तीन तलाक अवैध है. फिर कानून बनाने का कोई औचित्य नहीं रहता है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री की विभागीय समीक्षा बैठक में तय होगी मंत्रियों की परफॉर्मेंस, हो सकता है मंत्रिमंडल में बदलाव

धस्माना ने कहा कि सवाल तीन तलाक बिल के स्वागत या विरोध का नहीं है. ये देश का पहला कानून होगा कि जिसके अंदर शिकायतकर्ता को बेल के दौरान अवसर दिया जाएगा कि वह आकर कचहरी में कहे कि अपराध घटित हुआ है या नहीं.

पढ़ें- दर्जनों विभागों को 'सेवा के अधिकार' से जोड़ना भूल गई सरकार, जनता को नहीं मिल रहा उनका हक

उन्होंने कहा कि मुस्लिम लॉ में विवाह एक सिविल कांट्रेक्टर और सिविल कांटेक्ट में सरकार ने संघीय अपराध बना दिया है. यदि ऐसी परिस्थितियां पैदा होती हैं कि कोई तीन बार तलाक एक साथ दे तो शरीयत भी इसकी इजाजत नहीं देता है. सरकार ने भले ही राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास करा दिया हो मगर सरकार को यह भी जोड़ना चाहिए था कि शरीयत में तीन तलाक का पहले से ही प्रावधान है. इसलिए सरकार तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में ला रही है.

देहरादून: मंगलवार को राज्यसभा में तीन तलाक बिल के पास होने पर जहां बीजेपी इसे अपनी बड़ी जीत के तौर पर देख रही है तो वहीं कांग्रेस बौखलाई हुई नजर आ रही है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अब शरियत का हवाला देने में लगे हुए हैं.

कांग्रेस का बयान

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने पर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जिस तीन तलाक को मोदी सरकार ने कुप्रथा बता कर राज्यसभा में बिल पास करा दिया है, उसे मुस्लिम शरीयत नहीं मानती है. तीन तलाक बिल को पारित कर बीजेपी देश के कम्युनिटी को आइसोलेट करना चाहती है. क्योंकि शरीयत (मुस्लिम कानून) में पहले से ही तीन तलाक अवैध है. फिर कानून बनाने का कोई औचित्य नहीं रहता है.

पढ़ें- मुख्यमंत्री की विभागीय समीक्षा बैठक में तय होगी मंत्रियों की परफॉर्मेंस, हो सकता है मंत्रिमंडल में बदलाव

धस्माना ने कहा कि सवाल तीन तलाक बिल के स्वागत या विरोध का नहीं है. ये देश का पहला कानून होगा कि जिसके अंदर शिकायतकर्ता को बेल के दौरान अवसर दिया जाएगा कि वह आकर कचहरी में कहे कि अपराध घटित हुआ है या नहीं.

पढ़ें- दर्जनों विभागों को 'सेवा के अधिकार' से जोड़ना भूल गई सरकार, जनता को नहीं मिल रहा उनका हक

उन्होंने कहा कि मुस्लिम लॉ में विवाह एक सिविल कांट्रेक्टर और सिविल कांटेक्ट में सरकार ने संघीय अपराध बना दिया है. यदि ऐसी परिस्थितियां पैदा होती हैं कि कोई तीन बार तलाक एक साथ दे तो शरीयत भी इसकी इजाजत नहीं देता है. सरकार ने भले ही राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास करा दिया हो मगर सरकार को यह भी जोड़ना चाहिए था कि शरीयत में तीन तलाक का पहले से ही प्रावधान है. इसलिए सरकार तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में ला रही है.

Intro:राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास होने के बाद एक और जहां मोदी सरकार मुस्लिम सुविधाओं की महिलाओं के हक में अध्यादेश लाकर वाहवाही बटोर रही है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अब शरियत का हवाला देने में लगे हुए हैं


Body:कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि जिस तीन तलाक को मोदी सरकार ने कुप्रथा बता कर राज्यसभा में बिल पारित करा दिया है, उसे मुस्लिम शरीयत नहीं मानती है। सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि तीन तलाक बिल को पारित कर भारतीय जनता पार्टी देश के कम्युनिटी को आइसोलेट करना चाहती है। क्योंकि शरीयत में मुस्लिम कानून में पहले ही तीन तलाक अवैध है फिर कानून बनाने का कोई औचित्य नहीं रहता है। वहीं धस्माना ने कहा कि सवाल तीन तलाक बिल के स्वागत या विरोध का नहीं है बल्कि देश के भीतर यदि सरकार जिनके लिए कोई कानून बना रही हो उससे लगता है की पूरे देश की कम्युनिस्ट को आइसोलेट करना चाह रही है। उन्होंने कहा कि देश में पहला कानून होगा कि जिसके अंदर शिकायतकर्ता को बेल के दौरान अवसर दिया जाएगा कि वह आकर कचहरी में कहे कि अपराध घटित हुआ है या नहीं घटित हुआ है, ऐसे में आखिर कैसे बेल होगी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लॉ में विवाह एक सिविल कांट्रेक्टर और सिविल कांटेक्ट में सरकार ने संघीय अपराध बना दिया है यदि ऐसी परिस्थितियां पैदा होती है कि कोई तीन बार तलाक एक साथ देते तो शरीयत भी इसकी इजाजत नहीं देता है। सरकार ने भले ही राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास करा दिया हो मगर सरकार को यह भी जोड़ना चाहिए था कि शरीयत में तीन तलाक मे पहले से ही प्रावधान है, इसलिए सरकार तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में ला रही है।

बाईट- सूर्यकांत धस्माना, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष


Conclusion: गौरतलब है कि देश की संसद में तीन तलाक बिल पास हो गया है, जिसके बाद बिल को लेकर देश की उन मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर नजर आ रही है जो इसकी पीड़ा झेल चुकी हैं। लेकिन कांग्रेस ने इसी बहाने भाजपा पर निशाना साधा है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.