देहरादून: कोरोना के इलाज के लिए हल्द्वानी से देहरादून आई नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को 4 घंटे इंतजार के बाद भी इलाज के लिए कमरा नहीं मिला. इससे नाराज कांग्रेस के नेताओं ने त्रिवेंद्र सरकार पर चौतरफा हमला शुरू कर दिया है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि राज्य की जर्जर स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब राज्य की सबसे वरिष्ठ राजनेता को दर-दर इलाज के लिए भटकना पड़ा है.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने ईसी रोड स्थित अपने कैम्प कार्यालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का 50 वर्ष लंबा संसदीय करियर रहा है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 30 वर्षों तक उच्च सदन की सदस्य रही हैं. ऐसे में उनको अपने इलाज के लिए देहरादून में दर-दर भटकना पड़ा है. इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्य के आम नागरिक की क्या स्थिति होगी ?
धस्माना ने कहा कि इस पूरे मामले के बाद प्रदेश की स्वास्थ सुविधाओं की पोल खुल गई है. राज्य सरकार एक वरिष्ठ राजनेता को देहरादून के नामी निजी अस्पताल में इलाज के लिये भर्ती नहीं करवा पाई. इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है कि आम नागरिक की वर्तमान परिस्थितियों में क्या दशा होगी?
बता दें कि नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें हल्द्वानी के एसटीएमएस में भर्ती कराया गया था, जहां उचित इलाज की सुविधा नहीं होने पर सरकार ने उनको एयर एंबुलेंस से देहरादून शिफ्ट किया. दोपहर उन्हें मैक्स अस्पताल लाया गया, जहां उनको इलाज के लिए अलग कमरा नहीं मिल सका. अस्पताल की ओर से उनको 45 हजार रुपए का बिल थमा दिया गया. वहां से डिस्चार्ज करने के बाद उन्हें सिनर्जी अस्पताल ले जाया गया. वहां रात भर रहने के बाद नेता प्रतिपक्ष को आज दोपहर एयर एंबुलेंस से गुरुग्राम मेदांता अस्पताल ले जाया गया.