देहरादून: उत्तराखंड राज्य में दिन प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. अभी तक प्रदेश में 19,827 मरीजों में कोरोना संक्रमण पुष्टि हो चुकी है. जिसमें से 13,608 मरीज कोरोना संक्रमण से जंग जीत चुके है. वहीं, 269 मरीजों की मौत हो गई है. राज्य में अभी भी 5,887 मरीज कोरोना से जंग लड़ रहे हैं. प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण मामले को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस लगातार हमलावर नजर आ रही हैं और राज्य सरकार से टेस्टिंग बढ़ाने के साथ भी टेस्टिंग सेंटर को भी बढ़ाने की मांग कर रहा है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने बताया कि सरकार ने जो टेस्टिंग की व्यवस्था प्रदेश के भीतर की है, वह बिल्कुल शून्य के बराबर है. प्रदेश की मौजूदा हालात यह है कि अगर राज्य सरकार सैंपल टेस्टिंग बढ़ाती है तो बैकलॉग बहुत अधिक हो जाता है. जिसके चलते टेस्टिंग ना के बराबर हो गई है. यही नहीं, पूरे देश भर के सभी राज्यों में से उत्तराखंड राज्य सबसे निचले पायदान पर है. ऐसे में राज्य सरकार को चाहिए कि प्रदेश के भीतर न सिर्फ टेस्टिंग बढ़ाएं, बल्कि टेस्टिंग सेंटर को भी बढ़ाया जाए ताकि बैकलॉग ना हो और सभी का टेस्ट हो सके.
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प्रीतम सिंह ने बताया कि मौजूदा समय राज्य सरकार जेईई और नीट के एग्जाम करवा रही है. ऐसे में परीक्षा केंद्रों पर भीड़ होना लाजमी है. केंद्र सरकार कह रही है कि 23 लाख लोग जेईई और नीट के एग्जाम में हिस्सा ले रहे हैं, लेकिन उनके साथ आने वाले अभिभावकों को तो जोड़ा ही नहीं जा रहा है. जिसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल खड़े किए की शहर के भीतर होटल, धर्मशाला संचालित नहीं हो रही है. ऐसे में एक बड़ा सवाल यह है कि यह बच्चे कहां रुकेंगे. सरकार बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने पर आमादा है, लेकिन राज्य सरकार का जो दायित्व कोरोना को लेकर वह कहीं दिखाई नहीं दे रहा है.
वहीं, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि प्रदेश के भीतर सैंपल टेस्टिंग को पिछले महीने की तुलना में बढ़ाया गया है. जिसके चलते संक्रमित मरीजों की संख्या भी उसी अनुपात में बढ़ रही है. हालांकि, राज्य सरकार की यह कोशिश है कि लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम किया जा सके. इसके लिए राज्य के भीतर लगातार कंटेनमेंट जोन की संख्या को बढ़ाया जा रहा है. ताकि, संक्रमण को उसी जोन में रोका जा सके. हालांकि, कुछ फीसदी लोग ऐसे हैं, जो अभी भी केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उनसे भी अनुरोध है कि वह सभी दिशा निर्देशों का पालन करें. ताकि, वह खुद भी सुरक्षित रहेंगे और दूसरे को भी सुरक्षित रख पाएंगे.