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चमोली हादसे के लिए कांग्रेस ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार, करन माहरा ने पेयजल और ऊर्जा मंत्री का मांगा इस्तीफा

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Published : Jul 22, 2023, 8:53 PM IST

करन महरा ने चमोली हादसे के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही पेयजल और ऊर्जा मंत्री का इस्तीफे का मांग की है. उन्होंने कहा घायलों के इलाज पर लापरवाही बरती गई. घायलों को अस्पताल में बेड नहीं मिले.

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चमोली हादसे के लिए कांग्रेस ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार

देहरादूनः चमोली से देहरादून पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने चमोली के नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत संचालित एसटीपी प्लांट में करंट लगने से 16 लोगों की मौत के मामले पर पेयजल और ऊर्जा मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है.

माहरा का कहना है कि सरकार का सिस्टम चमोली जिले में उस वक्त पूरी तरह फेल हो गया था, जब करंट लगने से 16 लोगों की जान गई. बदरीनाथ से पूर्व विधायक और वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चमोली जिले में हुई घटना के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दिए. क्योंकि जब यह घटना घटी उसी दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता घटनास्थल पर पहुंच गए थे. वह स्वयं भी इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही कार से चमोली पहुंच गए थे. लेकिन उस वक्त तक भाजपा का कोई नेता या फिर नमामि गंगे व यूपीसीएल का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था. इसका मतलब साफ है कि सरकार पर इस घटना का कोई दबाव नहीं था.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने घायलों को एयरलिफ्ट कर एम्स व जौलीग्रांट तो पहुंचा दिया लेकिन जौलीग्रांट में घायलों के लिए बेड भी सरकार उपलब्ध नहीं करा पाई. घायल लोगों को अगले ही दिन डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन उनके घर पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं की गई. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले से ही घायलों के लिए बेड और उनके जाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. माहरा ने चमोली जिले में घटी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पेयजल और ऊर्जा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि जो अधिकारी और कर्मचारी इस घटना के लिए दोषी पाए जाते हैं, उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. बता दें कि पेयजल और ऊर्जा मंत्रालय सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास है.
ये भी पढ़ेंः चमोली करंट हादसा: कांप उठी रूह जब एक साथ जलीं 15 चिताएं, मची चित्कार, अलकनंदा के तट पर बहा आंसूओं का सैलाब

उन्होंने इस हादसे में अपनी जान गंवा चुके लोगों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की धनराशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी, जबकि घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने बताया कि वहां एक परिवार ऐसा है, जिसके सभी पुरुष इस हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं. उस परिवार की महिलाओं के लिए सरकार को विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.
ये भी पढ़ेंः चमोली हादसे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा! BJP ने किया पलटवार, बोली- लाशों पर राजनीति कर रही कांग्रेस

चमोली हादसे के लिए कांग्रेस ने सरकार को ठहराया जिम्मेदार

देहरादूनः चमोली से देहरादून पहुंचे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने चमोली के नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत संचालित एसटीपी प्लांट में करंट लगने से 16 लोगों की मौत के मामले पर पेयजल और ऊर्जा मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है.

माहरा का कहना है कि सरकार का सिस्टम चमोली जिले में उस वक्त पूरी तरह फेल हो गया था, जब करंट लगने से 16 लोगों की जान गई. बदरीनाथ से पूर्व विधायक और वर्तमान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चमोली जिले में हुई घटना के प्रति गंभीर नहीं दिखाई दिए. क्योंकि जब यह घटना घटी उसी दिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता घटनास्थल पर पहुंच गए थे. वह स्वयं भी इस दुखद घटना की जानकारी मिलते ही कार से चमोली पहुंच गए थे. लेकिन उस वक्त तक भाजपा का कोई नेता या फिर नमामि गंगे व यूपीसीएल का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचा था. इसका मतलब साफ है कि सरकार पर इस घटना का कोई दबाव नहीं था.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने घायलों को एयरलिफ्ट कर एम्स व जौलीग्रांट तो पहुंचा दिया लेकिन जौलीग्रांट में घायलों के लिए बेड भी सरकार उपलब्ध नहीं करा पाई. घायल लोगों को अगले ही दिन डिस्चार्ज कर दिया गया, लेकिन उनके घर पहुंचने की कोई व्यवस्था नहीं की गई. उन्होंने कहा कि सरकार को पहले से ही घायलों के लिए बेड और उनके जाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी. माहरा ने चमोली जिले में घटी घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पेयजल और ऊर्जा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि जो अधिकारी और कर्मचारी इस घटना के लिए दोषी पाए जाते हैं, उन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए. बता दें कि पेयजल और ऊर्जा मंत्रालय सीएम पुष्कर सिंह धामी के पास है.
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उन्होंने इस हादसे में अपनी जान गंवा चुके लोगों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए की धनराशि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी, जबकि घायलों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की मांग उठाई है. उन्होंने बताया कि वहां एक परिवार ऐसा है, जिसके सभी पुरुष इस हादसे में अपनी जान गंवा चुके हैं. उस परिवार की महिलाओं के लिए सरकार को विशेष पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.
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