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चारधाम यात्रा: गर्भगृह के दर्शन नहीं कर पाएंगे श्रद्धालु, कांग्रेस ने फैसले का किया विरोध

उत्तराखंड सरकार के फैसले के बाद चारों धामों (केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री) की यात्रा एक जुलाई से उत्तराखंडवासियों के लिए शुरू होने जा रही है.

देहरादून
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Published : Jun 30, 2020, 8:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा को शुरू करने के दी मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड ने इसको लेकर गाइन लाइन भी जारी की है. नई गाइड लाइन के अनुसार श्रद्धालु गर्भगृह में नहीं जा सकते हैं. जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय से उत्तराखंड के करीब 10 लाख परिवारों को रोजी-रोटी चलती है. उसी को देखते हुए कांग्रेस ने मांग की थी कि एहतियात बरतते हुए चार धाम यात्रा करनी चाहिए. लेकिन सरकार ने जिस तरह से गर्भगृह में जाने पर प्रतिबंध लगाया है, वे उसका विरोध करते है. क्योंकि सरकार का ये फैसला यात्रा को गति में बाधा उत्पन्न करेगा.

पढ़ें- कोरोना 'विजेता' मंत्री सतपाल महाराज का मंत्र, COVID-19 को कैसे दें मात

बिष्ट ने कहा कि चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की यही इच्छा होती है कि वे भगवान के दर्शन करें, लेकिन सरकार इस फैसले से वे भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगे. सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करते हुए गर्भगृह के दर्शनों की अनुमति देनी चाहिए.

वहीं, बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड का ये अच्छा फैसला है. श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने ईष्ट देवों के दर्शन कर पाएंगे. चारधाम के शुरू होने से प्रदेश की रुकी हुई आर्थिकी को गति मिलेगी.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने एक जुलाई से चारधाम यात्रा को शुरू करने के दी मंजूरी दे दी है. उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड ने इसको लेकर गाइन लाइन भी जारी की है. नई गाइड लाइन के अनुसार श्रद्धालु गर्भगृह में नहीं जा सकते हैं. जिस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है.

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय से उत्तराखंड के करीब 10 लाख परिवारों को रोजी-रोटी चलती है. उसी को देखते हुए कांग्रेस ने मांग की थी कि एहतियात बरतते हुए चार धाम यात्रा करनी चाहिए. लेकिन सरकार ने जिस तरह से गर्भगृह में जाने पर प्रतिबंध लगाया है, वे उसका विरोध करते है. क्योंकि सरकार का ये फैसला यात्रा को गति में बाधा उत्पन्न करेगा.

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बिष्ट ने कहा कि चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की यही इच्छा होती है कि वे भगवान के दर्शन करें, लेकिन सरकार इस फैसले से वे भगवान के दर्शन नहीं कर पाएंगे. सरकार को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करते हुए गर्भगृह के दर्शनों की अनुमति देनी चाहिए.

वहीं, बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि चारधाम देवस्थानम बोर्ड का ये अच्छा फैसला है. श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण होगा कि वे अपने ईष्ट देवों के दर्शन कर पाएंगे. चारधाम के शुरू होने से प्रदेश की रुकी हुई आर्थिकी को गति मिलेगी.

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