ऋषिकेश: किसी भी प्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं जनहित सम्बंधित नीतियां निर्धारण करने में विधानसभा सत्र का अपना एक विशेष महत्व होता है. लेकिन उत्तराखंड में विधानसभा का सत्र संसदीय परंपरा के अनुसार न होकर सिर्फ औपचारिकता पूरी करने तक ही सीमित रहता है. जबकि यह सत्र अन्य राज्यों की तरह अधिक दिनों तक जारी रहना चाहिए. जिससे प्रदेश के सारे विकास कार्यों पर व्यापक बहस कर निर्णय हो सके.
कांग्रेस के पूर्व जिला महासचिव जयेंद्र रमोला ने कहा कि पिछले कुछ सालों के विधानसभा सत्र के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो उत्तराखंड में हर साल सभी विधानसभा सत्र मिलाकर सिर्फ 10-12 दिन ही चलती है. जोकि शर्मनाक ही नहीं बल्कि उत्तराखंड की भोली भाली जनता के साथ धोखा भी है.
विधानसभा सत्र में सरकार जहां एक ओर सरकार किए गए कार्यों का लेखा जोखा प्रस्तुत करती है. वहीं विपक्ष को भी सरकार की नाकामियों पर बहस के लिए अवसर मिलता है. एक बार फिर इस साल का बजट सत्र आने वाला है. बजट सत्र 03 मार्च 07 मार्च तक मात्र पांच दिनों तक होना प्रस्तावित है. जोकि पर्याप्त नहीं है.
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कांग्रेस नेता ने मुख्यमंत्री से निवेदन करते हुए कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर हमारी भावनाओं को समझकर विधानसभा के आगामी बजट सत्र को प्रदेश के विकास हेतु लंबी अवधि कम से कम 15 दिन बढ़ाया जाए. ताकि प्रदेश की सर्वांगीण विकास की जनहित की नीतियों पर गंभीर चर्चा हो सके.