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हरीश रावत की जुबां पर चढ़ा हिमालयन रेड बेरी का स्वाद, गिनाए औषधीय फायदे - local fruit Ghingaru

Congress Leader Harish Rawat कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत समय-समय पर उत्तराखंड के स्थानीय फलों का स्वाद चखते रहते हैं. साथ ही उनके औषधीय गुणों को भी लोगों को बताते रहते हैं. जिससे लोग अपनी माटी से जुड़े रहे और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिल सके.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 6, 2023, 1:35 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 1:51 PM IST

उत्तराखंड लोकल फल घिंगारू

देहरादून: उत्तराखंड के कई फलों में औषधीय गुण पाए जाते हैं. हिमालयन रेड बेरी के नाम से जाना जाने वाला घिंगारू का हल्का खट्टा, मीठा और कसैले स्वाद हर किसी की जुबान पर चढ़ा रहता है. पूर्व सीएम हरीश रावत पर्वतीय अंचलों में छोटे-छोटे लाल सेब सा दिखने वाले लोकल फल घिंघारू का स्वाद लेते दिखाई दिए. इस दौरान उन्होंने इस पौधे के गुणों से भी लोगों को रूबरू कराया. वहीं हरीश रावत के साथ अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी भी दिखाई दे रहे हैं, जो फल तोड़ने में उनका सहयोग करते दिखाई दिए.

Congress Leader Harish Rawat
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत घिंगारू के फल तोड़ते हुए

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत वैसे तो समय-समय पर पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने की भरसक कोशिश करते दिखाई देते हैं. लेकिन इन दिनों उनकी जुबां पर घिंघारू का स्वाद चढ़ा हुआ है. कौसानी में हरीश रावत को जैसे ही घिंघारू का पेड़ दिखाई दिया, वो उसकी टहनी पकड़कर फल खाते हुए दिखाई दिए. पर्वतीय अंचलों में बहुआयात में मिलने वाला घिंघारू एक औषधीय पौधा माना जाता है.
पढ़ें-हरीश रावत ने ककड़ी पार्टी का किया आयोजन, शामिल हुए कई दिग्गज नेता

जिसका पूरा पौधा ही औषधीय कार्यों में उपयोग में लाया जाता है. वहीं पहाड़ में महिलाओं, बच्चे, बुजुर्ग इस फल को बड़े ही चाव से खाते हैं. लेकिन इस फल को तोड़ते समय इसकी टहनी में उगे कांटों से सावधानी पूर्वक तोड़ना पड़ता है.वहीं घिंगारू का फल 3 माह जून, जुलाई और अगस्त के आसपास ही मिलता है.

हरीश रावत ने बीते दिन सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि,

ये हैं, हिमालयन बेरी! इसके अंदर कैल्शियम से लेकर मैग्नीशियम आदि बहुत सारे तत्व विद्यमान होते हैं. यदि किसी को पेट व कब्ज और अल्सर संबंधी बीमारियां हों तो उनके लिए बहुत ही लाभदायक है और घिंगारू जो बरसात के दिनों में होता है, इसका अपना महत्व है.जय घिंगारू

उत्तराखंड लोकल फल घिंगारू

देहरादून: उत्तराखंड के कई फलों में औषधीय गुण पाए जाते हैं. हिमालयन रेड बेरी के नाम से जाना जाने वाला घिंगारू का हल्का खट्टा, मीठा और कसैले स्वाद हर किसी की जुबान पर चढ़ा रहता है. पूर्व सीएम हरीश रावत पर्वतीय अंचलों में छोटे-छोटे लाल सेब सा दिखने वाले लोकल फल घिंघारू का स्वाद लेते दिखाई दिए. इस दौरान उन्होंने इस पौधे के गुणों से भी लोगों को रूबरू कराया. वहीं हरीश रावत के साथ अल्मोड़ा विधायक मनोज तिवारी भी दिखाई दे रहे हैं, जो फल तोड़ने में उनका सहयोग करते दिखाई दिए.

Congress Leader Harish Rawat
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत घिंगारू के फल तोड़ते हुए

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत वैसे तो समय-समय पर पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने की भरसक कोशिश करते दिखाई देते हैं. लेकिन इन दिनों उनकी जुबां पर घिंघारू का स्वाद चढ़ा हुआ है. कौसानी में हरीश रावत को जैसे ही घिंघारू का पेड़ दिखाई दिया, वो उसकी टहनी पकड़कर फल खाते हुए दिखाई दिए. पर्वतीय अंचलों में बहुआयात में मिलने वाला घिंघारू एक औषधीय पौधा माना जाता है.
पढ़ें-हरीश रावत ने ककड़ी पार्टी का किया आयोजन, शामिल हुए कई दिग्गज नेता

जिसका पूरा पौधा ही औषधीय कार्यों में उपयोग में लाया जाता है. वहीं पहाड़ में महिलाओं, बच्चे, बुजुर्ग इस फल को बड़े ही चाव से खाते हैं. लेकिन इस फल को तोड़ते समय इसकी टहनी में उगे कांटों से सावधानी पूर्वक तोड़ना पड़ता है.वहीं घिंगारू का फल 3 माह जून, जुलाई और अगस्त के आसपास ही मिलता है.

हरीश रावत ने बीते दिन सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि,

ये हैं, हिमालयन बेरी! इसके अंदर कैल्शियम से लेकर मैग्नीशियम आदि बहुत सारे तत्व विद्यमान होते हैं. यदि किसी को पेट व कब्ज और अल्सर संबंधी बीमारियां हों तो उनके लिए बहुत ही लाभदायक है और घिंगारू जो बरसात के दिनों में होता है, इसका अपना महत्व है.जय घिंगारू

Last Updated : Sep 6, 2023, 1:51 PM IST
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