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गणेश गोदयाल ने अंकिता हत्याकांड में वीआईपी को लेकर उठाई जांच की मांग, धामी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप - Ganesh Godiyal

Ankita Bhandari Case अंकिता भंडारी की वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो साथियों के साथ 18 सितंबर 2022 को उसकी हत्या कर दी थी. जिसके बाद से ही अंकिता के माता-पिता न्याय की गुहार लगा रहे हैं. वहीं बीते दिनों अंकिता भंडारी की मां ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर कथित तौर पर बीजेपी के बड़े नेता का नाम लिया था. जिसके बाद से ही प्रदेश में सियासत गरमा गई है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 10, 2024, 12:30 PM IST

कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने धामी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर कांग्रेस मुखर है. बीते दिन अंकिता भंडारी की मां ने बीजेपी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक तथाकथित बड़े नेता के नाम का खुलासा किया था. जिसके बाद से कांग्रेस धामी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पुलिस अंकिता हत्याकांड में वीआईपी को लेकर उसके परिजनों से सबूत मांगने की बजाय प्रकरण की जांच करें.

मां ने तथाकथित वीआईपी का नाम किया उजागर: गौर हो कि कांग्रेस पार्टी ने अंकिता हत्याकांड का मुद्दा जोर शोर से उठाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा अंकिता हत्याकांड में तथाकथित वीआईपी को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है. वहीं अब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पुलिस अंकिता हत्याकांड में वीआईपी को लेकर उसके परिजनों से सबूत मांगने की बजाय प्रकरण की जांच करें. गणेश गोदियाल ने इस मामले में भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इस मामले में हाल ही में नया मोड़ सामने आया है.
पढ़ें-अंकिता भंडारी की मां ने सरकार को कोसा, कांग्रेस ने दी चुनौती, बीजेपी ने बताया हार और खीज का परिणाम

गणेश गोदियाल ने धामी सरकार पर साधा निशाना: जब एक वीडियो के माध्यम से अंकिता की मां ने उस वीआईपी का नाम उजागर किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि नाम लेने से किसी व्यक्ति को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता है. लेकिन ऐसे जघन्य हत्याकांड में जब मृतक के परिजन ही किसी व्यक्ति का नाम ले रहे हों, तब संदेहास्पद स्थिति बन जाती है. गणेश गोदियाल ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उनका कहना है कि पुलिस के द्वारा वीआईपी को लेकर अंकिता के परिजनों से साक्ष्य मांगने की जगह पुलिस को प्रकरण की जांच करनी चाहिए. उन्होंने इसे राज्य के नागरिकों के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि जब मृतक व्यक्ति का निजी रिश्तेदार किसी व्यक्ति को संदेहास्पद बताकर कार्रवाई की मांग कर रहा है, तब पुलिस का काम निष्पक्ष तरीके से उस मामले की जांच करने का होता है.
पढ़ें-अंकिता भंडारी हत्याकांड: एक साल बाद भी नहीं मिला 'न्याय', परिजनों ने 'सिस्टम' पर उठाये सवाल

पुलिस से जांच करने की मांग: इस मामले में राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस को सामने लाकर अंकिता के परिजनों को साक्ष्य देने को कहा है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि इस प्रकरण में वीआईपी कौन है? जबकि अंकिता के परिजन मामले में कथित रूप से भाजपा के बड़े नेता का नाम ले रहे हैं तो पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए.

जानिए क्या था पूरा मामला: गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ की रहने वाली अंकिता भंडारी यमकेश्वर क्षेत्र स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता भंडारी (19 उम्र) 18 सितंबर 2022 को अचानक वनंत्रा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. उसके लापता होने के बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता के घरवालों को गुमराह करने के लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसके बाद 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ था. पुलकित आर्य और उसके दो साथी अंकित गुप्ता एवं सौरभ भास्कर पर आरोप है कि तीनों ने अंकिता को चीला नहर में धक्का दे दिया था. आरोप है कि पुलकित आर्य अंकिता भंडारी से रिजॉर्ट में गलत काम कराना चाहता था, जिसे अंकिता भंडारी ने साफ मना कर दिया था. जो बाद में अंकिता की मौत की वजह भी बनी.

कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने धामी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

देहरादून: उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर कांग्रेस मुखर है. बीते दिन अंकिता भंडारी की मां ने बीजेपी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक तथाकथित बड़े नेता के नाम का खुलासा किया था. जिसके बाद से कांग्रेस धामी सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पुलिस अंकिता हत्याकांड में वीआईपी को लेकर उसके परिजनों से सबूत मांगने की बजाय प्रकरण की जांच करें.

मां ने तथाकथित वीआईपी का नाम किया उजागर: गौर हो कि कांग्रेस पार्टी ने अंकिता हत्याकांड का मुद्दा जोर शोर से उठाना शुरू कर दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा अंकिता हत्याकांड में तथाकथित वीआईपी को लेकर लगातार सरकार पर हमलावर है. वहीं अब कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि पुलिस अंकिता हत्याकांड में वीआईपी को लेकर उसके परिजनों से सबूत मांगने की बजाय प्रकरण की जांच करें. गणेश गोदियाल ने इस मामले में भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि इस मामले में हाल ही में नया मोड़ सामने आया है.
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गणेश गोदियाल ने धामी सरकार पर साधा निशाना: जब एक वीडियो के माध्यम से अंकिता की मां ने उस वीआईपी का नाम उजागर किया है. हालांकि उन्होंने कहा कि नाम लेने से किसी व्यक्ति को अपराधी नहीं ठहराया जा सकता है. लेकिन ऐसे जघन्य हत्याकांड में जब मृतक के परिजन ही किसी व्यक्ति का नाम ले रहे हों, तब संदेहास्पद स्थिति बन जाती है. गणेश गोदियाल ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उनका कहना है कि पुलिस के द्वारा वीआईपी को लेकर अंकिता के परिजनों से साक्ष्य मांगने की जगह पुलिस को प्रकरण की जांच करनी चाहिए. उन्होंने इसे राज्य के नागरिकों के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि जब मृतक व्यक्ति का निजी रिश्तेदार किसी व्यक्ति को संदेहास्पद बताकर कार्रवाई की मांग कर रहा है, तब पुलिस का काम निष्पक्ष तरीके से उस मामले की जांच करने का होता है.
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पुलिस से जांच करने की मांग: इस मामले में राज्य सरकार के इशारे पर पुलिस को सामने लाकर अंकिता के परिजनों को साक्ष्य देने को कहा है. उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि इस प्रकरण में वीआईपी कौन है? जबकि अंकिता के परिजन मामले में कथित रूप से भाजपा के बड़े नेता का नाम ले रहे हैं तो पुलिस को इसकी जांच करनी चाहिए.

जानिए क्या था पूरा मामला: गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले के श्रीकोट डोभ की रहने वाली अंकिता भंडारी यमकेश्वर क्षेत्र स्थित वनंत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता भंडारी (19 उम्र) 18 सितंबर 2022 को अचानक वनंत्रा रिजॉर्ट से लापता हो गई थी. उसके लापता होने के बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता के घरवालों को गुमराह करने के लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. जिसके बाद 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला नहर से बरामद हुआ था. पुलकित आर्य और उसके दो साथी अंकित गुप्ता एवं सौरभ भास्कर पर आरोप है कि तीनों ने अंकिता को चीला नहर में धक्का दे दिया था. आरोप है कि पुलकित आर्य अंकिता भंडारी से रिजॉर्ट में गलत काम कराना चाहता था, जिसे अंकिता भंडारी ने साफ मना कर दिया था. जो बाद में अंकिता की मौत की वजह भी बनी.

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