देहरादून: कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मोबाइल प्रतिबंध पर कटाक्ष किया है. गणेश गोदियाल का कहना है कि इससे पहले मंदिर समिति की ओर से वीआईपी और वीवीआईपी के आगमन पर नियमों को ताक पर रखकर केदारनाथ मंदिर गर्भगृह में मोबाइल और कैमरे ले जाने दिए गए. जिस कारण अब मंदिर समिति को मोबाइल प्रतिबंध का फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वीआईपी लोगों को छूट दी गई तभी इस तरह के हालात बने.
गणेश गोदियाल ने कहा कि यह नियम पहले से ही बना था कि केदारनाथ और बदरीनाथ मंदिर गर्भगृह में कोई भी व्यक्ति अंदर जाकर रिकॉर्डिंग नहीं कर सकता है. लेकिन उच्च पदों पर बैठे लोग कैमरे लेकर अंदर गए, इसके अलावा वहां के अधिकारियों ने गर्भगृह के साथ अपनी अपनी फोटो खिंचवाकर बाहर भेजी, तब से आम लोगों ने भी गर्भगृह में जाकर फोटोग्राफी और रिकॉर्डिंग करनी शुरू कर दी. उन्होंने कहा कि जब उच्च पदों पर बैठे लोग इस तरह का कार्य करते हैं. तब आम लोग भी उनका अनुसरण करते हैं. अब बीकेटीसी ने वहां पर बोर्ड लगा दिए हैं कि यहां फोटोग्राफी वर्जित है तो उससे प्रतीत होता है कि वह अपनी इस भूल को महसूस कर चुके हैं.
लेकिन उन्हें यह भी याद रखना होगा कि जब कभी भी कोई वीआईपी वहां दर्शनों के लिए पहुंचे तो तब भी यह बोर्ड लगा रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि समिति का यह फैसला श्रद्धालुओं के साथ-साथ वीआईपी लोगों के लिए भी होना चाहिए. उन्होंने अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए नाम लिए बगैर कहा कि बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के एक ऐसे अध्यक्ष भी रहे हैं, जिन्होंने तथाकथित रूप से वहां लेजर शो नहीं होने दिया था. जिसमें एक नेता को भगवान के समकक्ष महिमामंडित किए जाने का प्रयास किया गया था, जिनसे सीख लेने की जरूरत है. गौरतलब है कि मंदिर समिति ने हाल ही में वायरल वीडियो की घटनाओं को देखते हुए कड़े कदम उठाए हैं, और मोबाइल फोन वर्जित करने को लेकर चेतावनी बोर्ड लगाए हैं. इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है.