देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र (uttarakhand assembly session) 29 नवंबर से शुरू हो चुका है. सत्र 5 दिसंबर तक चलेगा. सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस आक्रामक दिखी. कांग्रेस विधायकों ने कानून व्यवस्था और किसान के उत्पीड़न से लेकर राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण विधेयक पर चर्चा की मांग की. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखंड में लॉ एंड ऑर्डर मुख्य मुद्दा रहेगा. जिसमें अंकिता मर्डर केस, केदार भंडारी और पिंकी केस, ममता का अभी तक गायब रहना और यूपी पुलिस द्वारा आतंकवादियों का पकड़ा जाना शामिल है. उन्होंने कहा कि जिस तरह अंकिता भंडारी हत्याकांड में सबूत मिटाए गए हैं. इन सभी विषयों पर सदन में सरकार को घेरा जाएगा.
उन्होंने कहा कि किसानों के लिए अभी तक सरकार ने गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया है. ना ही गन्ने की कीमत बढ़ाई है. इसको लेकर किसान आंदोलनरत हैं. करन माहरा का कहना है कि सचिवालय, पुलिस कॉपरेटिव भर्ती घोटाला. हरिद्वार जिला पंचायत भर्ती घोटाला को भी प्रमुखता से उठाया जाएगा.
इसके अलावा विधानसभा में बैक डोर से हुई भर्ती घोटालों जिसमें कई लोगों की नौकरियां गई हैं. इसमें भी कई किस्म के सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि 2016 और 2021 की भर्ती ही क्यों निरस्त की गई. इससे पहले वालों पर क्यों नहीं कार्रवाई की जा रही है. जबकि कोठिया कमेटी की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है. इसको भी विधानसभा के पटल पर रखे जाने की मांग उठाई जाएगी.
उन्होंने कहा कि इन नियुक्तियों में आरक्षण का ध्यान नहीं रखा गया है. इसके साथ ही इन नियुक्तियों में भाई भतीजावाद का बोलबाला रहा और भ्रष्टाचार हुआ. उन्होंने कहा कि इसमें कांग्रेस पार्टी की ओर से विधिक राय ली जा रही है. इस लड़ाई को आम जनता के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी लड़ने जा रही है.