देहरादून: विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज 22 अप्रैल से होने जा रहा है. जिसको लेकर उत्तराखंड सरकार जबरदस्त तैयारियां कर रही है. सरकार की चारधाम यात्रा की तैयारियों और मुकम्मल व्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस ने अभी से सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. बता दें कि, गंगोत्री एवं यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल को खुलेंगे. वहीं केदारनाथ मंदिर के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे.
उत्तराखंड की लाइफ लाइन कही जाने वाली चारधाम यात्रा को लेकर उत्तराखंड सरकार व्यवस्थाओं को बेहतर करने में जुटी हुई है, ताकि चारधाम की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु एक सुखद संदेश लेकर देवभूमि से जाएं. जिसे देखते हुए 21 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चारधाम की व्यवस्थाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. जिसमें धामों में व्यवस्थाओं को मुकम्मल और व्यवस्थित किए जाने को लेकर तमाम चर्चा की गई. लेकिन, सरकार की तैयारियों पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं.
दरअसल, साल 2022 में हुई चारधाम यात्रा में भले ही सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे थे. लेकिन इस दौरान 281 श्रद्धालुओं की मौत ने सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए थे.
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चारधाम यात्रा में 281 श्रद्धालुओं की मौत: साल 2022 में हुई चारधाम यात्रा के दौरान करीब 281 श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक सहित कई अन्य कारणों से मौत हुई थी. इस यात्रा सीजन में 15 लाख से अधिक यात्री केदारपुरी बाबा केदार के दर पर मत्था टेकने पहुंचे थे, जिसमें 150 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी. वहीं बदरीनाथ में दर्शन-पूजन के लिए आए 66 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. जबकि यमुनोत्री धाम में 48 यात्री और गंगोत्री धाम में 17 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई थी. इससे पहले साल 2019 में चारधाम यात्रा के दौरान 91 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी.
तैयारियों पर सरकार का फोकस: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले सीजन की यात्रा से अनुभव को लेते हुए इस सीजन में अभी से ही चारधाम की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की कवायद शुरू कर दी गई है. हालांकि, विभागीय स्तर पर अधिकारियों की पहले भी बैठक हो चुकी है. ऐसे में सभी को इस बाबत दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि समय रहते सभी व्यवस्थाओं को मुकम्मल कर लिया जाए.
कांग्रेस ने उठाए सवाल: कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व में जो कमियां यात्रा के दौरान दिखी थीं, उन्हें सरकार अभी तक दूर नहीं कर पाई है. यही वजह है कि विपक्ष को अब भी सवाल उठाने पड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले सीजन चारधाम यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के चलते 281 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी, ऐसे में इस बार स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं अभी तक कहीं दिखाई नहीं दे रही है.