देहरादून: सरकार ने चारधाम यात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है. चारधाम यात्रा में प्रतिदिन तय की गई तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार फिर से हाईकोर्ट जाएगी. वहीं कांग्रेस ने सरकार पर चारधाम यात्रा के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
दरअसल, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में सीमित संख्या तय होने की वजह से कई तीर्थयात्री बिना दर्शन किए ही वापस लौट रहे हैं. ऐसे में राज्य सरकार याचिका दाखिल करके कोर्ट से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने का आग्रह करेगी. कांग्रेस का सरकार पर आरोप है कि राज्य सरकार चारधाम यात्रा को लेकर पहले भी तैयार नहीं थी और समय काट रही थी. कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. आरपी रतूड़ी ने कहा कि यदि सरकार ईमानदारी से चारधाम यात्रा शुरू करने को लेकर गंभीरता दिखाती तो क्यों नहीं उच्च न्यायालय में अच्छी पैरवी करती है.
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रतूड़ी ने आगे कहा कि जब उच्च न्यायालय ने चारधाम यात्रा की अनुमति दी, बेहतर होता उसी समय सरकार श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर अपना पक्ष रखती और हाईकोर्ट को बताती कि चारधाम यात्रा में सभी नियमों का सही प्रकार से पालन किया जाएगा. इसलिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी जाए. लेकिन अब चुनावी वर्ष सामने हैं, ऐसे में भाजपा को लग रहा है कि इन साढ़े चार साल में हमने कुछ नहीं किया है. इसलिए चारधाम यात्रा के नाम पर भाजपा जनता को गुमराह करने में लगी हुई है.
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बता दें कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए सरकार ने हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों पर प्रतिदिन के हिसाब से चारों धामों के लिए तीर्थ पुरोहितों की संख्या तय की थी, इसके तहत बदरीनाथ में 1000, यमुनोत्री धाम में 400, केदारनाथ में 800 और गंगोत्री में 600 श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या तय की गई है. इस समस्या से निपटने के लिए अब सरकार ने फिर से हाईकोर्ट जाने का मन बनाया है, जिससे चारधाम यात्रियों की संख्या बढ़ाई जा सके.