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सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कटौती मामले में 'बैकफुट' पर सरकार, हमलावर हुआ विपक्ष

सरकारी कर्मचारियों के एक दिन की वेतन कटौती का फैसला वापस लेने पर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है.

Congress attacked government over the salary waiver case of government employees
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कटौती मामले में 'बैकफुट' पर सरकार
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Published : Oct 19, 2020, 7:33 PM IST

देहरादून: कोरोना महामारी में सरकारी कर्मचारियों के एक दिन की वेतन कटौती के फैसले को उत्तराखंड सरकार ने वापस ले लिया है. इस पर कांग्रेस ने भी सरकार से सरकारी कर्मचारियों के 1 महीने के अलावा बाकी महीनों के वेतन कटौती को तत्काल प्रभाव से वापस किए जाने की मांग की है.

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार आखिर कब तक वेतन कटौती के भरोसे रहेगी. उन्होंने कहा सरकार ने जब विधायक निधि काटने का निर्णय लिया था. उस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने भी सरकार से इस फैसले को वापस लिए जाने को कहा था. कांग्रेस पहले से ही कर्मचारियों के वेतन कटौती का विरोध कर रही थी.

सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कटौती मामले में 'बैकफुट' पर सरकार

पढ़ें-जल्द करें चारधाम यात्रा, 16 नवंबर को बंद होंगे गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ के कपाट

धस्माना का कहना है कि यदि कोई आपदा आती है तो एक बार वेतन भत्तों में कटौती जायज है, लेकिन बार-बार वेतन कटौती किया जाना उचित नहीं है. उत्तराखंड में यही सब देखने को मिला है. मगर अब सरकार को सद्बुद्धि आई है जिससे उन्होंने इस फैसले को वापस किया है. सरकार को एक महीने के अलावा जो बाकी महीने भी कर्मचारियों के 1 दिन की वेतन कटौती की है, उसे तत्काल प्रभाव से वापस किया जाना चाहिए.

पढ़ें- राशन कार्डों का दोबारा होगा सर्वे, गड़बड़ी पाई गई तो होगी कार्रवाई

बता दें कि सरकार ने कोरोना काल में सरकारी कर्मियों के 1 दिन की वेतन कटौती का फैसला वापस ले लिया है. मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, दायित्व धारी और अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के वेतन में कटौती जारी रहेगी. इसके बाद अब कोरोना कोष के लिए कर्मचारियों के वेतन से एक दिन की वेतन कटौती नहीं होगी.

देहरादून: कोरोना महामारी में सरकारी कर्मचारियों के एक दिन की वेतन कटौती के फैसले को उत्तराखंड सरकार ने वापस ले लिया है. इस पर कांग्रेस ने भी सरकार से सरकारी कर्मचारियों के 1 महीने के अलावा बाकी महीनों के वेतन कटौती को तत्काल प्रभाव से वापस किए जाने की मांग की है.

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार आखिर कब तक वेतन कटौती के भरोसे रहेगी. उन्होंने कहा सरकार ने जब विधायक निधि काटने का निर्णय लिया था. उस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने भी सरकार से इस फैसले को वापस लिए जाने को कहा था. कांग्रेस पहले से ही कर्मचारियों के वेतन कटौती का विरोध कर रही थी.

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धस्माना का कहना है कि यदि कोई आपदा आती है तो एक बार वेतन भत्तों में कटौती जायज है, लेकिन बार-बार वेतन कटौती किया जाना उचित नहीं है. उत्तराखंड में यही सब देखने को मिला है. मगर अब सरकार को सद्बुद्धि आई है जिससे उन्होंने इस फैसले को वापस किया है. सरकार को एक महीने के अलावा जो बाकी महीने भी कर्मचारियों के 1 दिन की वेतन कटौती की है, उसे तत्काल प्रभाव से वापस किया जाना चाहिए.

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बता दें कि सरकार ने कोरोना काल में सरकारी कर्मियों के 1 दिन की वेतन कटौती का फैसला वापस ले लिया है. मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, दायित्व धारी और अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों के वेतन में कटौती जारी रहेगी. इसके बाद अब कोरोना कोष के लिए कर्मचारियों के वेतन से एक दिन की वेतन कटौती नहीं होगी.

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