देहरादूनः समायोजन की मांग (demand for adjustment) को लेकर आंदोलनरत आउटसोर्सिंग कर्मियों (Agitating outsourcing personnel) ने सोमवार को सीएम आवास कूच किया था. जिसमें पुलिस से धक्का-मुक्की और तीखी नोकझोंक में कई स्वास्थ्य कर्मी चोटिल हो गए थे. इस मामले पर अब कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत (Health Minister Dhan Singh Rawat) को आड़े हाथों लेते हुए सवालों की बौछार की है.
कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी (Congress State Spokesperson Garima Dasoni) और प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पाल ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों पर की गई बर्बरता की तीखी निंदा की है. गरिमा ने स्वास्थ्य मंत्री पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब आप इन संविदा कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग में समायोजित करने की घोषणा कर चुके हैं, तो इस संबंध में लिखित शासनादेश क्यों नहीं जारी किया जा रहा है.
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उन्होंने ऋषिकेश एम्स में चल रहे करोड़ों के घोटालों पर भी कहा कि एम्स में लगातार घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है और वहां अवैध नियुक्तियां की जा रही हैं. उन्होंने कहा कि नौकरी पर पहला अधिकार उत्तराखंड के युवाओं का है. ऐसे में आखिर किसके इशारे और संरक्षण में राजस्थान के 600 लोग एम्स ऋषिकेश में नियुक्त कर दिए जाते हैं. यह सब देखकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री आखिर मौन क्यों हैं? गरिमा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि प्रदेश में नर्सिंग, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट और डेंटिस्ट के कई पद खाली हैं. ऐसे में प्रदेश के युवाओं को धरना और कूच करने पर मजबूर क्यों किया जा रहा है.
बता दें कि कोरोना काल में अपनी जान जोखिम में डालकर प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं दे रहे 2200 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं 31 मार्च को समाप्त कर दी गई थी. इसमें 610 कर्मचारी दून अस्पताल के हैं. ये सभी कर्मचारी 1 अप्रैल से अपनी समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं.