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उत्तराखंड में शराब सस्ती करने पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा, कहा- प्रदेश में बह रही उल्टी गंगा - uttarakhand latest news

धामी सरकार की नई आबकारी नीति को विपक्ष ने विरोध किया है. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने शराब सस्ती करने पर सरकार को जमकर घेरा है. उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए है.

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Published : Mar 21, 2023, 5:56 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में आगामी एक अप्रैल से शराब सस्ती और पानी महंगा होने जा रही है. सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में धाम सरकार ने इस प्रस्ताव को पास किया है. धामी सरकार के शराब सस्ती और पानी का बिल बढ़ाने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है. कांग्रेस का कहना है कि ऐसा करके धामी सरकार प्रदेश में उल्टी गंगा बहाने में लगी हुई है.

कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि बिजली-पानी महंगा करके और शराब सस्ती करके बीजेपी सरकार प्रदेश में उल्टी गंगा बहा रही है. धामी सरकार ने प्रदेश में शराब सस्ती करके इस कहावत को चरितार्थ किया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने 20 से 28% की जीएसटी बढ़ाकर स्टेशनरी को महंगा कर दिया है.

गरिमा दसौनी ने कहा कि इस महीने को प्रदेश में बिडोली का महीना कहा जाता है. इस माह पहाड़ों में बहनों को ससुराल से मायके बुलाया जाता है और उन बहनों को कपड़े और खाद्य सामग्रियां भेंट की जाती है, लेकिन सरकार ने खाद्य सामग्रियां महंगी कर दी है. इससे समझा जा सकता है कि सरकार की क्या प्राथमिकताएं हैं.
पढ़ें- उत्तराखंड में सस्ती होगी शराब तो पानी होगा महंगा, एक अप्रैल से लागू होगी नई व्यवस्था

उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की प्राथमिकता शिक्षा, पठन-पाठन और अध्ययन नहीं है, बल्कि शराब है. ताकि उत्तराखंड के लोगों को ज्यादा से ज्यादा शराब का आदी बनाया जा सके. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने शराब नीति पर सरकार को अपने तरीके से घेरा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को दाम घटाने थे तो बिजली, हाउस टैक्स, गैस सिलेंडर के दाम घटाने चाहिए थे. लेकिन सरकार ने इसके ठीक उल्ट एक अप्रैल से शराब के दाम घटाने का फैसला किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह ने देश के लिए इसलिए कुर्बानी नहीं दी थी कि इस देश को शराबी और मवालियों को देश बनाया जाए. उन्होंने सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस किए जाने की मांग उठाई है. धीरेंद्र प्रताप ने यह भी कहा कि उत्तराखंड ने देश की आजादी और आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में सीमाओं की सुरक्षा के लिए बड़ी कुर्बानियां दी है, ऐसे में शराब का आदि होकर यहां का नौजवान देश की रक्षा कैसे कर पाएगा और इससे यहां के नौजवानों का चरित्र भी गिरेगा.
पढ़ें- CM पुष्कर धामी के सलाहकार बने पूर्व आईएफएस अधिकारी बीडी सिंह, कल ग्रहण करेंगे कार्यभार

आम आदमी पार्टी ने भी आबकारी की नई पॉलिसी पर सरकार को घेरा: आम आदमी पार्टी ने सरकार की ओर से 1 अप्रैल से शराब के दाम कम किए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं और कहा कि चैत्र नवरात्रों के समय शराब के दाम कम करना अधर्म का काम है. पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी और प्रदेश प्रवक्ता रविंदर आनंद में एक बयान जारी करते हुए कहा कि धामी सरकार नई पॉलिसी लाकर किसको लाभ पहुंचाना चाहती है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की कैबिनेट ने आबकारी की नई पॉलिसी को मंजूरी देती है. इसके तहत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए शराब की राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को 3600 करोड़ से बढ़ाकर 4000 करोड़ कर दिया है. साथ ही एक्साइज ड्यूटी ₹20 तक कम करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले से राज्य में शराब सस्ती होगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का निर्णय लेकर सरकार ने अपने आप को कटघरे में खड़ा कर दिया है. क्योंकि एक तरफ भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली में नई शराब नीति पर सवाल उठा रही है कि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आप नई शराब नीति लाई, जबकि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने भी नई पॉलिसी लाकर शराब को सस्ता करने का काम किया है ऐसे में क्या यह दोनों बातें विरोधाभासी नहीं हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में आगामी एक अप्रैल से शराब सस्ती और पानी महंगा होने जा रही है. सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में धाम सरकार ने इस प्रस्ताव को पास किया है. धामी सरकार के शराब सस्ती और पानी का बिल बढ़ाने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है. कांग्रेस का कहना है कि ऐसा करके धामी सरकार प्रदेश में उल्टी गंगा बहाने में लगी हुई है.

कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि बिजली-पानी महंगा करके और शराब सस्ती करके बीजेपी सरकार प्रदेश में उल्टी गंगा बहा रही है. धामी सरकार ने प्रदेश में शराब सस्ती करके इस कहावत को चरितार्थ किया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने 20 से 28% की जीएसटी बढ़ाकर स्टेशनरी को महंगा कर दिया है.

गरिमा दसौनी ने कहा कि इस महीने को प्रदेश में बिडोली का महीना कहा जाता है. इस माह पहाड़ों में बहनों को ससुराल से मायके बुलाया जाता है और उन बहनों को कपड़े और खाद्य सामग्रियां भेंट की जाती है, लेकिन सरकार ने खाद्य सामग्रियां महंगी कर दी है. इससे समझा जा सकता है कि सरकार की क्या प्राथमिकताएं हैं.
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उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की प्राथमिकता शिक्षा, पठन-पाठन और अध्ययन नहीं है, बल्कि शराब है. ताकि उत्तराखंड के लोगों को ज्यादा से ज्यादा शराब का आदी बनाया जा सके. वहीं, कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने शराब नीति पर सरकार को अपने तरीके से घेरा है. उन्होंने कहा कि यदि सरकार को दाम घटाने थे तो बिजली, हाउस टैक्स, गैस सिलेंडर के दाम घटाने चाहिए थे. लेकिन सरकार ने इसके ठीक उल्ट एक अप्रैल से शराब के दाम घटाने का फैसला किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं.

उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह ने देश के लिए इसलिए कुर्बानी नहीं दी थी कि इस देश को शराबी और मवालियों को देश बनाया जाए. उन्होंने सरकार से तुरंत इस फैसले को वापस किए जाने की मांग उठाई है. धीरेंद्र प्रताप ने यह भी कहा कि उत्तराखंड ने देश की आजादी और आजादी के बाद देश के नवनिर्माण में सीमाओं की सुरक्षा के लिए बड़ी कुर्बानियां दी है, ऐसे में शराब का आदि होकर यहां का नौजवान देश की रक्षा कैसे कर पाएगा और इससे यहां के नौजवानों का चरित्र भी गिरेगा.
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आम आदमी पार्टी ने भी आबकारी की नई पॉलिसी पर सरकार को घेरा: आम आदमी पार्टी ने सरकार की ओर से 1 अप्रैल से शराब के दाम कम किए जाने के फैसले पर सवाल उठाए हैं और कहा कि चैत्र नवरात्रों के समय शराब के दाम कम करना अधर्म का काम है. पार्टी के गढ़वाल मीडिया प्रभारी और प्रदेश प्रवक्ता रविंदर आनंद में एक बयान जारी करते हुए कहा कि धामी सरकार नई पॉलिसी लाकर किसको लाभ पहुंचाना चाहती है.

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की कैबिनेट ने आबकारी की नई पॉलिसी को मंजूरी देती है. इसके तहत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए शराब की राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य को 3600 करोड़ से बढ़ाकर 4000 करोड़ कर दिया है. साथ ही एक्साइज ड्यूटी ₹20 तक कम करने का निर्णय लिया है. सरकार के इस फैसले से राज्य में शराब सस्ती होगी.

उन्होंने कहा कि इस प्रकार का निर्णय लेकर सरकार ने अपने आप को कटघरे में खड़ा कर दिया है. क्योंकि एक तरफ भाजपा की केंद्र सरकार दिल्ली में नई शराब नीति पर सवाल उठा रही है कि कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए आप नई शराब नीति लाई, जबकि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने भी नई पॉलिसी लाकर शराब को सस्ता करने का काम किया है ऐसे में क्या यह दोनों बातें विरोधाभासी नहीं हैं.

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