देहरादून: सरकार ने अनलॉक के तहत बसों में 100 फीसदी सीट क्षमता के साथ संचालन की छूट दिए जाने के साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य कोविड जांच की शर्त को समाप्त कर दिया है. राज्य सरकार के इस निर्णय की कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने निंदा की है. प्रीतम सिंह का कहना है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में बिना कोविड जांच के चारधाम यात्रा पर श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति देना तीर्थ पुरोहित और स्थानीय लोगों की जान के साथ खिलवाड़ है.
उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना महामारी में तुगलकी निर्णय लेने में लगी हुई है , जिसकी कांग्रेस कड़े शब्दों में भर्त्सना करती हैं. प्रीतम सिंह ने कहा कि सरकार ने गजब फैसला लिया है कि चारधाम यात्रा में जाने के लिए यात्रियों को राहत देते हुए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट की बाध्यता को समाप्त कर दिया है, सरकार ने यह इसलिए किया क्योंकि वहां उमा भारती और धन सिंह रावत भी गए थे, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. लेकिन जब सरकार पॉलिटिकल लोगों पर कार्रवाई करने का साहस नहीं जुटा पाई तो सरकार को कहना पड़ा कि बेफिक्र होकर बिना कोरोना जांच के चारधाम यात्रा पर चले आओ.
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प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार को वहां के पुजारियों और स्थानीय लोगों से कोई सरोकार नहीं है. चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और स्थानीय लोगों के हितों को देखते हुए निश्चित रूप से चारधाम जाने वाले यात्रियों की कोरोना जांच करने के बाद ही उन्हें वहां जाने की इजाजत दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार इस ओर कोई व्यवस्था करने को तैयार नहीं है.