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सरकार को दी गई 'मोहलत' खत्म होने पर कांग्रेस का हल्ला बोल, आपदा प्रभावितों के लिए 'सांकेतिक उपवास'

उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा पर सियासत गरमा गई है. इसी कड़ी में आपदा प्रभावितों तक सरकारी मदद न पहुंचाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गणेश गोदियाल और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में प्रदर्शन किया.

Ganesh Godiyal
Ganesh Godiyal
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Published : Oct 28, 2021, 2:23 PM IST

Updated : Oct 28, 2021, 6:35 PM IST

देहरादून: कांग्रेस पार्टी धामी सरकार पर आपदा राहत कार्यों में ढिलाई बरतने का आरोप लगा रही है. इसके विरोध में आज तमाम कांग्रेस जनों ने कांग्रेस भवन से लेकर सचिवालय तक मार्च निकाला लेकिन पुलिस ने सचिवालय से पहले प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. कांग्रेसी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में वहीं पर सांकेतिक उपवास पर बैठ गए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि सरकार को कांग्रेस ने भरपूर मौका दिया कि सरकार आपदा की स्थिति से निपटने के लिए और प्रभावितों को उचित मुआवजा दिए जाने की दिशा में कार्य करे, लेकिन राज्य सरकार कुछ करने को तैयार नहीं है. कानूनों और नियमों का हवाला देकर अपने फर्ज से मुंह मोड़ रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का लोकतांत्रिक कर्तव्य बनता है कि हम लोगों के हितों के लिए सड़कों पर उतरें. इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में यह सांकेतिक उपवास रखा गया है.

देहरादून में कांग्रेसियों का सांकेतिक उपवास.

वही, सांकेतिक उपवास में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमने सरकार को 27 तारीख तक की मोहलत दी थी, जो मोहलत खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की सूचनाएं आ रही हैं, उसके मुताबिक आपदा के बाद होने वाले राहत कार्यों की शुरुआत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ आर्थिक सहायता और अनाज जरूर वितरित किया गया है, लेकिन वह भी सब जगह नहीं पहुंचा. इससे आपदा प्रबंधन की पोल खुल गई है.

हरीश रावत ने कहा कि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों की सड़कें अव्यवस्थित हो रखी हैं. हालांकि आंशिक रूप से कुछ जगहों पर सड़कों को खोल दिया गया है लेकिन यह नाकाफी है. हरीश रावत ने कहा कि स्थितियां ऐसी हो गई हैं, जिससे सरकार की लापरवाही स्पष्ट दिखाई दे रही है.

पढ़ें- हरीश रावत ने BJP के लोगों से क्यों कहा था- 'आज हम रो रहे हैं, कल तुम रोओगे', किया खुलासा

बता दें, उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद कांग्रेस पार्टी ने पीड़ितों और प्रभावितों के मामले में राज्य सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था. कांग्रेस पार्टी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों और प्रभावितों की मदद किए जाने की मांग की थी और सरकार को चेताया था कि अगर 5 दिन के भीतर सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाती है तो उन्हें सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने आज सांकेतिक धरना और उपवास में बैठकर सरकार पर आपदा प्रभावितों तक सरकारी मदद ना पहुंचाने का आरोप लगाया है.

उत्तराखंड आपदा: उत्तराखंड में बीते 17, 18 और 19 अक्टूबर को हुई बारिश ने काफी तबाई मचाई थी. सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जिले में हुआ था. आपदा के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा और हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कई गांवों में जाकर प्रभावितों का हालचाल जानने की कोशिश की. साथ ही संबंधित अधिकारियों से प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचाने को कहा है. वहीं, मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए और घरों की मरम्मत के लिए 1 लाख 9 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा कर चुके हैं.

देहरादून: कांग्रेस पार्टी धामी सरकार पर आपदा राहत कार्यों में ढिलाई बरतने का आरोप लगा रही है. इसके विरोध में आज तमाम कांग्रेस जनों ने कांग्रेस भवन से लेकर सचिवालय तक मार्च निकाला लेकिन पुलिस ने सचिवालय से पहले प्रदर्शनकारियों को रोक दिया. कांग्रेसी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में वहीं पर सांकेतिक उपवास पर बैठ गए.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि सरकार को कांग्रेस ने भरपूर मौका दिया कि सरकार आपदा की स्थिति से निपटने के लिए और प्रभावितों को उचित मुआवजा दिए जाने की दिशा में कार्य करे, लेकिन राज्य सरकार कुछ करने को तैयार नहीं है. कानूनों और नियमों का हवाला देकर अपने फर्ज से मुंह मोड़ रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी का लोकतांत्रिक कर्तव्य बनता है कि हम लोगों के हितों के लिए सड़कों पर उतरें. इसलिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के तत्वाधान में यह सांकेतिक उपवास रखा गया है.

देहरादून में कांग्रेसियों का सांकेतिक उपवास.

वही, सांकेतिक उपवास में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमने सरकार को 27 तारीख तक की मोहलत दी थी, जो मोहलत खत्म हो गई है. उन्होंने कहा कि जिस तरह की सूचनाएं आ रही हैं, उसके मुताबिक आपदा के बाद होने वाले राहत कार्यों की शुरुआत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि कुछ आर्थिक सहायता और अनाज जरूर वितरित किया गया है, लेकिन वह भी सब जगह नहीं पहुंचा. इससे आपदा प्रबंधन की पोल खुल गई है.

हरीश रावत ने कहा कि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों की सड़कें अव्यवस्थित हो रखी हैं. हालांकि आंशिक रूप से कुछ जगहों पर सड़कों को खोल दिया गया है लेकिन यह नाकाफी है. हरीश रावत ने कहा कि स्थितियां ऐसी हो गई हैं, जिससे सरकार की लापरवाही स्पष्ट दिखाई दे रही है.

पढ़ें- हरीश रावत ने BJP के लोगों से क्यों कहा था- 'आज हम रो रहे हैं, कल तुम रोओगे', किया खुलासा

बता दें, उत्तराखंड में आई दैवीय आपदा के बाद कांग्रेस पार्टी ने पीड़ितों और प्रभावितों के मामले में राज्य सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया था. कांग्रेस पार्टी ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों और प्रभावितों की मदद किए जाने की मांग की थी और सरकार को चेताया था कि अगर 5 दिन के भीतर सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाती है तो उन्हें सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने आज सांकेतिक धरना और उपवास में बैठकर सरकार पर आपदा प्रभावितों तक सरकारी मदद ना पहुंचाने का आरोप लगाया है.

उत्तराखंड आपदा: उत्तराखंड में बीते 17, 18 और 19 अक्टूबर को हुई बारिश ने काफी तबाई मचाई थी. सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जिले में हुआ था. आपदा के बाद से ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश में प्रभावित क्षेत्रों का दौरा और हवाई सर्वेक्षण कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कई गांवों में जाकर प्रभावितों का हालचाल जानने की कोशिश की. साथ ही संबंधित अधिकारियों से प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचाने को कहा है. वहीं, मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए और घरों की मरम्मत के लिए 1 लाख 9 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा कर चुके हैं.

Last Updated : Oct 28, 2021, 6:35 PM IST
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