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राजाजी टाइगर रिजर्व में 5 सालों के 'राज' से उठेगा पर्दा, कमेटी का गठन

राजाजी टाइगर रिजर्व में वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच के आदेश से अधिकारियों में हड़कंप है. शिकायतें पुरानी हैं, लेकिन जांच पिछले 5 सालों में हुए विभिन्न कामों की होनी है.

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Published : Oct 26, 2020, 4:47 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड वन मुख्यालय ने एक 4 सदस्यीय कमेटी गठित कर राजाजी टाइगर रिजर्व में 5 सालों के दौरान हुई अनियमितताओं की जांच के आदेश कर दिए हैं. मामला तब का है, जब साल 2018 में राजाजी के मोतीचूर रेंज में वित्तीय अनियमितता को लेकर शिकायतें सामने आई थीं. इसके बाद मामले की जांच करवाई गई और मोतीचूर रेंज में हुए विभिन्न कामों में अनियमितता की पुष्टि भी हो गई.

पिज्जा हट के बाद न केवल फर्जी बिलों और जरूरत से ज्यादा धन का भुगतान करने की बातें सामने आईं, बल्कि मामले में वन क्षेत्राधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की गई. लेकिन मामला खुला तो पता चला कि सभी रेंज में इस तरह की अनियमिततायें हुई हैं. जिसके बाद प्रमुख वन संरक्षक की तरफ से अब राजाजी टाइगर रिजर्व में अब तक हुए 5 सालों के दौरान कामों की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

पढ़ेंः पाइंता पर्व पर कोरोना का असर, सीमित दायरे में ग्रामीणों ने निभाई गागली युद्ध की परंपरा

खास बात ये है कि जांच समिति को दो महीने का वक्त दिया है. इस वक्त में अपनी जांच आख्या समिति को तैयार कर जमा करनी होगी. एक और खास बात ये है कि कमेटी इस जांच के दौरान वन क्षेत्राधिकारी, वन्य जीव प्रतिपालक उपनिदेशक और निदेशक राजाजी पार्क की भूमिका की भी गहनता से जांच करेगी.

देहरादूनः उत्तराखंड वन मुख्यालय ने एक 4 सदस्यीय कमेटी गठित कर राजाजी टाइगर रिजर्व में 5 सालों के दौरान हुई अनियमितताओं की जांच के आदेश कर दिए हैं. मामला तब का है, जब साल 2018 में राजाजी के मोतीचूर रेंज में वित्तीय अनियमितता को लेकर शिकायतें सामने आई थीं. इसके बाद मामले की जांच करवाई गई और मोतीचूर रेंज में हुए विभिन्न कामों में अनियमितता की पुष्टि भी हो गई.

पिज्जा हट के बाद न केवल फर्जी बिलों और जरूरत से ज्यादा धन का भुगतान करने की बातें सामने आईं, बल्कि मामले में वन क्षेत्राधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की गई. लेकिन मामला खुला तो पता चला कि सभी रेंज में इस तरह की अनियमिततायें हुई हैं. जिसके बाद प्रमुख वन संरक्षक की तरफ से अब राजाजी टाइगर रिजर्व में अब तक हुए 5 सालों के दौरान कामों की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

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खास बात ये है कि जांच समिति को दो महीने का वक्त दिया है. इस वक्त में अपनी जांच आख्या समिति को तैयार कर जमा करनी होगी. एक और खास बात ये है कि कमेटी इस जांच के दौरान वन क्षेत्राधिकारी, वन्य जीव प्रतिपालक उपनिदेशक और निदेशक राजाजी पार्क की भूमिका की भी गहनता से जांच करेगी.

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