कोलकाता/देहरादून: उत्तराखंड के उभरते क्रिकेटर 8 वर्षीय अक्षज त्रिपाठी के लिए बुधवार का दिन बहुत खास था. आखिर अक्षज की दो बार के वर्ल्ड चैंपियन कोच ऑस्ट्रेलिया के जॉन बुकानन से मुलाकात जो हुई. जब से अक्षज का जसप्रीत बुमराह स्टाइल में बॉलिंग करने और विकेट लेने के बाद जश्न मनाने का वीडियो वायरल हुआ था, कोच जॉन बुकानन भी उससे मिलने को बेताब थे.
बुधवार को सिटी ऑफ जॉय कोलकाता में उत्तराखंड के 8 वर्षीय उभरते क्रिकेटर अक्षज के लिए भी एंजॉय करने वाला दिन था. आखिर अक्षज की तीन साल पुरानी इच्छा जो पूरी हो रही थी. जूनियर बुमराह यानी अक्षज त्रिपाठी कोलकाता में क्रिकेट के सबसे बड़े कोच माने जाने वाले जॉन बुकानन से मिले. ये वही जॉन बुकानन हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया को दो बार क्रिकेट वर्ल्ड कप जिताया है.
कोच जॉन बुकानन से मिलकर अक्षज की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अक्षज ने जॉन बुकानन के सामने सवालों की झड़ी लगा दी. जॉन बुकानन ने भी उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले से आने वाले इस नन्हें उभरते हुए क्रिकेटर को निराश नहीं किया. जॉन ने उनके हर सवाल का प्यार से जवाब दिया. जॉन बुकानन ने धैर्य से उनकी हर बात सुनी.
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सबसे रोचक वो पल था जब जॉन बुकानन ने जूनियर बुमराह अक्षज त्रिपाठी को बॉलिंग की टिप्स दीं. जॉन ने अक्षज त्रिपाठी को बताया कि बॉल की ग्रिप कैसे पकड़नी चाहिए. इन स्विंगर, आउट स्विंगर, रिवर्स स्विंग, सीधी बॉल कैसे फेंकी जाती है, ये सभी टिप्स जॉन ने नन्हें उभरते हुए क्रिकेटर अक्षज त्रिपाठी को दीं. अक्षज ने एक अच्छे छात्र की तरह क्रिकेट के सबसे बड़े गुरु जॉन बुकानन की बातों को ध्यान से सुना.
क्रिकेट कोच जॉन बुकानन के साथ बेटे जूनियर बुमराह अक्षज त्रिपाठी की इस मुलाकात का वर्णन उनके पिता डीपी त्रिपाठी ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर किया है. अक्षज त्रिपाठी के पिता ने लिखा-
आखिर विश्व क्रिकेट गुरु से बहुप्रतीक्षित मुलाकात हो ही गई
कभी कभी खुली आंखों से देखे सपने भी सच होते हैं. कुछ समय पहले रिकी पोंटिंग को दो वर्ल्ड कप थमाने वाले विश्व के सबसे सफल कोच सर जॉन बुकनन ने अपनी वाल पर लिखा था कि "Looking forward to the day I meet Akshaj" and finally the day has come today..
बुकनन सर से ये मुलाकात किसी सपने से कम नहीं थी. 20 मिनट की इस अदभुत अकल्पनीय अविश्वसनीय मुलाकात में क्या नहीं था. ऐसा लगा ही नहीं कि अक्षज पहली बार उनसे मिल रहा है. आपने इतने सवाल किए हालांकि पल्ले तो मेरे भी ना पड़े लेकिन फिर भी मधुर मुस्कान लिए हर बार अक्षज से उत्तर की अपेक्षा करते रहे. शायद ये सोचकर कि ये कुछ तो बोले और वो बस yes sir Yes sir ही लगा रहा.
आपका होटल से निकलते ही पूछना कि "Where is Akshaj? और मिलने पर प्यार भरी, आशीष भरी नजरों से कहना कि "I was waiting for you" मुझे तो अंदर से हिररर कर गया था. कैमरे में बंद एक एक तस्वीरों में जॉन सर का अक्षज के प्रति प्रेम साफ साफ झलक रहा है. जहां आपका वक्त कलकत्ता की स्पोर्ट्स मीडिया के लिए फिक्स था, फिर भी आपने उसमे 20 मिनट कटौती कर अक्षज को दिया और हद तो तब हुई जब जाते हुए उन उन लंबे लंबे कदमों से 2-4 कदम चलकर फिर से वापिस आए और एक बार फिर अक्षज से हाथ मिला लिए, सर ये कोई बड़ा वीआईपी तो दूर छोटा मोटा वीआईपी भी नहीं कर सकता. मैं तो बरबस यही सोच रहा था कि इतने शिखर पर होने के बाद भी इंसान इतना साधारण कैसे हो सकता है. जिसे कभी देखा नहीं उससे नजरें कैसे नहीं हटा सकता है. उसकी बॉल पर ऑटोग्राफ तथा इंस्पिरेशन से पूरी बाल कैसे भर सकता है.
यूं तो मम्मा ने बाप बेटे की क्रिकेट गुरु से मीटिंग के लिए दो दिन तक शॉपिंग की थी. लेकिन समय की किल्लतों के कारण कपड़े अटैची में ही बंद रहे. लेकिन सच कहें इस बात का जरा भी मलाल नहीं. अगर हम फटी बनियान पहन कर भी जाते तो भी शायद जॉन सर अक्षज को इतना ही प्यार करते. आज का दिन निसंदेह मेरे जीवन का एक अद्वितीय दिन रहा.
सर आपका covid के बाद भारत आना और पहली ही मुलाकात में अक्षज को याद करना हमारे सम्पूर्ण उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है.
क्रिकेट के बाल हनुमान को क्रिकेट के गुरु सूर्य से मिलाने के लिए Adzguru की गुरु खुशबू जी का विशेष आभार.
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कौन हैं अक्षज त्रिपाठी: अक्षज त्रिपाठी उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के मूल निवासी हैं और देहरादून की यमुना कॉलोनी में रहते हैं. अक्षज की क्रिकेट के प्रति दीवानगी देखकर अक्षज की इंजीनियर माता रेखा डंगवाल ने अपने किचन गार्डन को ही क्रिकेट मैदान में तब्दील कर दिया है, जिसकी प्रशंसा किए बिना ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर रहे माइक हसी भी न रह सके. इस मैदान में अक्षज अपने पिता के निर्देशन में गेंदबाजी, बल्लेबाजी व थ्रो का अभ्यास करते हैं. जनवरी 2021 में जॉन बुकानन ने अपनी स्पोर्ट्स गियर कंपनी ‘लांच टी’ के लिए देहरादून की एक क्रिकेट अकादमी और एक प्राइवेट स्कूल के मैदान पर अक्षज के कुछ वीडियो भी शूट कराए थे. कंपनी ने उन्हें भारत में अपना पहला नन्हा प्रतिनिधि भी बनाया है.