देहरादून: राजधानी देहरादून में इन दिनों डेंगू का प्रकोप लगातार जारी है. वहीं डेंगू मरीजों की प्लेटलेट्स की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. शहर के निजी अस्पताल और लैब पर डेंगू मरीज की प्लेटलेट्स कम बता कर धोखाधड़ी करने का आरोप लगा है. जिलाधिकारी सोनिका के निर्देशन पर जिला स्तरीय टीम द्वारा जनपद के निजी अस्पताल और लैब अनियमितता पाए जाने के बाद सख्त एक्शन लिया गया है. सीएमओ की ओर से संबधित लैब संचालकों और अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं. साथ ही टीम द्वारा शहर में निरीक्षण के बाद आयुर्वेदिक अस्पताल होते हुए एलोपैथिक की प्रैक्टिस कर रहे संचालक को भी नोटिस भेजते हुए कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
निजी अस्पताल और लैब कर रहे खेला: जिला स्तरीय टीम ने निरीक्षण के दौरान एक निजी पैथोलॉजी लैब द्वारा एक डेंगू के भर्ती मरीज की 51,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी. लेकिन क्रॉस चेक करने पर मरीज की 2.73 लाख प्लेटलेट्स पाई गई.वहीं एक और निजी अस्पताल की पैथोलॉजी लैब द्वारा एक डेंगू के भर्ती मरीज की 10,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन सरकारी लैब से कास चेक करने पर 32,000 प्लेटलेट्स पाई गई.
रिपोर्ट क्रॉस चेक करने पर खुला राज: एक पैथोलॉजी लैब द्वारा एक डेंगू के भर्ती मरीज की 19,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन सरकारी लैब से क्रॉस चेक करने पर 30,000 पाई गई. मामला यही थमा एक और निजी अस्पताल और पैथोलॉजी लैब में प्लेटलेट्स काउंट का क्रॉस चेक किया. अस्पताल की पैथोलॉजी द्वारा एक डेंगू के भर्ती मरीज की 14,000 प्लेटलेट्स काउंट की रिपोर्ट दी गई थी, लेकिन सरकारी लैब से क्रॉस चेक करने पर 80,000 पाई गई.
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डीएम सोनिका ने दिखाई सख्ती: जिलाधिकारी सोनिका ने बताया है कि टीम द्वारा जांच में पाया गया कि लैब रिपोर्ट में अनियमितताएं पाई गई. इस प्रकार की रिपोर्ट से मरीजों के तीमारदारों में घबराहट (Panic) स्थिति उत्पन्न हो रही है. सीएमओ को सभी अस्पतालों और लैब को नोटिस देने के लिए निर्देशित कर दिया गया है. तीन दिवस के अंदर लिखित प्रति उत्तर साक्ष्यों सहित उपलब्ध कराने और समय के अंतर्गत संतोषजनक जवाब नहीं देने पर संबंधित निजी अस्पताल और लैब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसके लिए संबंधित संस्थाएं स्वयं उत्तरदायी होंगे.
वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अजबपुर चौक देहरादून का औचक निरीक्षण किया. जिसमें पाया गया कि एक आयुर्वेदिक चिकित्सक एलोपैथिक की प्रैक्टिस कर रहा था.साथ ही इनके द्वारा प्रचुर मात्रा में एलोपैथिक दवाइयों का भंडारण बिना औषधि लाइसेंस लिए किया जा रहा था. साथ ही दवाइयां मरीजों को बेची जा रहा थी. जिसके बाद संबंधित डॉक्टर को नोटिस भेज कर औषधि निरीक्षक, मेडिकल पॉल्यूशन बोर्ड को संस्थान का निरीक्षण करते हुए कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है.