लखनऊ: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच गुरुवार को लखनऊ में बैठक हुई. इस दौरान दोनों राज्यों की परिसंपत्ति के लंबित मुद्दों (assets issue) को लेकर काफी देर तक चर्चा हुई, जिसमें कई मुद्दों पर दोनों राज्यों की सहमति बनी है. लेकिन कई मुद्दे ऐसे हैं, जिनका हल नहीं निकला है. कुछ प्रकरणों पर 15 दिनों का समय लिया गया है. ऐसे प्रकरणों पर दोनों राज्यों द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर निस्तारण किया जाएगा.
दिसंबर में उत्तराखंड को ट्रांसफर होगा अलकनंदा पर्यटक आवास गृह: बैठक के दौरान वीवीआइपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान सीएम धामी ने कहा कि दोनों राज्यों के बीच संपत्ति के ट्रांसफर को लेकर बात हुई है. 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे, उस पर सहमति बनी है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसंबर 2021 में किया जाएगा और उसी समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा. वहीं, किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखंड को 15 दिन के अंदर हस्तांतरित किया जाएगा. वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड को किया जायेगा.
ज्वाइंट सर्वे करवाएंगे दोनों राज्य: बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग के लिए आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे होगा, जो जमीन उत्तर प्रदेश के काम की है, वह उत्तर प्रदेश को मिल जाएगी. दोनों राज्यों के बीच सहमति बनी कि न्यायालयों में पेंडिंग विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा. भारत-नेपाल सीमा पर दो बैराज- बनबसा बैराज व किच्छा बैराज, जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग करेगा.
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम 205 करोड़ का भुगतान उत्तराखंड परिवहन निगम को करेगा. उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद की उत्तराखंड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा. जनपद उधम सिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई. ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की अनुमति भी दी गई.
पढ़ें- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले सीएम धामी, बैठक में 21 साल पुराने मसले हल होने की उम्मीद
यूपी वन विभाग से मिले 77 करोड़: इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के वन विभाग के अधिकारियों ने भी सीएम धामी को समझौते के तहत कुल 90 करोड़ रुपए में से 77 करोड़ रुपये का चेक सौंपा और शेष राशि आरटीजीएस के जरिए शीघ्र ट्रांसफर कर दी जाएगी.
बता दें कि 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड यूपी से अलग होकर अलग राज्य बना था, तभी से लगातार परिसंपत्तियों के विभाजन (Uttar Pradesh and Uttarakhand assets dispute) को लेकर मामले फंसे हुए हैं. केंद्र के साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के कारण यह उम्मीद जताई जा रही थी कि परिसंपत्तियों से जुड़ी पहेली जल्द ही हल हो जाएगी. अब उत्तराखंड में चुनाव को करीब ढाई से 3 महीने का समय बचा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बातचीत के दौरान बताया कि ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बनती नजर आ रही है. राजस्व विभाग को हस्तांतरित होने वाली कुंभ मेला की जमीन को लेकर भी बात हुई है.
पढ़ें- लखनऊ यूनिवर्सिटी के पुराने दिन याद कर भावुक हुए CM धामी, बोले- हॉस्टल छोड़ने के बाद मैं रो पड़ा था
यह मुद्दे फंसे: उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की अनुमति देनी है. इसके अलावा उधम सिंह नगर में धौरा, बैगुल और नानक सागर जलाशय में जल क्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है. केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम को भी भुगतान किया जाना है. यूपीसीएल को बिजली बिलों का बकाया भुगतान देना है. इसके अलावा यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित कार्यालय, कार सेक्शन फॉर कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला के विभाजन का फैसला होना.
21 साल के लंबित मसले:
- हरिद्वार, उधम सिंह नगर और चंपावत में 379 हेक्टेयर भूमि उत्तराखंड को हस्तांतरित होनी है.
- हरिद्वार, उधम सिंह नगर और चंपावत में 351 आवासीय भवन यूपी से मिलने हैं.
- कुंभ मेला की 687.575 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई विभाग को हस्तांतरित होनी है.
- उत्तराखंड पर्यटन विभाग को पुरानी ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट्स की सशर्त मंजूरी दी जानी है.
- यूएसनगर में धौरा, बैगुल, नानकसागर जलाशय में पर्यटन व जलक्रीड़ा से पहले परीक्षण कराया जाना है.
- केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार, उत्तराखंड वन विकास निगम को यूपी वन निगम में संचित व आधिक्य धनराशि 425.11 करोड़ में से 229.55 करोड़ की धनराशि उत्तराखंड मिलनी है.
- वाहन भंडार की 2061 की धनराशि का भी भुगतान होना है.
- यूपीसीएल को बिजली बिलों का 60 करोड़ का बकाया देना है.
- उत्तराखंड गठन के बाद 50 करोड़ मोटर यान कर उत्तराखंड परिवहन निगम को दिया जाना था, जिसका 36 करोड़ बकाया है.
- अजमेरी गेट स्थित अतिथि गृह नई दिल्ली, यूपी परिवहन के लखनऊ स्थित मुख्यालय, कार सेक्शन और कानपुर स्थित केंद्रीय कार्यशाला व ट्रेनिंग सेंटर के विभाजन का निर्णय होना है.
बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे, सभी मांगों पर सहमति बन गई है. सभी मामले जल्द ही निस्तारित किये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड दोनों राज्य का आपस में बड़े एवं छोटे भाई का संबंध है.