देहरादून: उत्तराखंड में मौजूद पावर सेक्टर की बड़ी कंपनी के निजीकरण को लेकर एक ओर केंद्रीय मंत्री मंडल में फैसला हो चुका है. वहीं, इस मामले में सूबे के सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. साथ ही उन्होंने केंद्रीय कैबिनेट के अधिकारिक सूचना न होने की बात कही.
बीते बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में केंद्र सरकार ने तीन बड़ी कंपनियों के निजीकरण का फैसला लिया है. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकारी पावर सेक्टर की टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड की 74.23 फीसदी हिस्सेदारी और नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रॉनिक पावर कॉरपोरेशन की 100 फीसदी हिस्सेदारी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (NTPC) को दी गई है.
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वहीं, दूसरी तरफ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत इस मामले से बेखबर नजर आए. उत्तराखंड में मौजूद पावर सेक्टर की बड़ी कंपनी टीएचडीसी के निजीकरण को लेकर जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से सवाल किया गया तो उन्होंने साफ किया कि केंद्रीय कैबिनेट में क्या फैसला हुआ है. इसकी उन्हें जानकारी नहीं है.
वहीं, टीएचडीसी के निजीकरण को लेकर उन्होंने कहा कि उनके पास कोई अधिकारिक सूचना नहीं है. टीएचडीसी के निजीकरण को लेकर ये सारी बातें कही सुनी बातें हैं. उन्होंने कहा कि जब इस मामले में कुछ अधिकारिक तौर पर स्पष्ट होगा तो वे अपनी प्रतिक्रिया देंगे.