मसूरीः पहाडो़ं की रानी मसूरी में आयोजित हिमालयी राज्यों के कॉन्क्लेव को लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गईं हैं. शनिवार की शाम तक मेघालय, मिजोरम, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों के दो मुख्यमंत्री और अधिकारी मसूरी पहुंच चुके हैं. उनका स्वागत उत्तराखंड के पारंपरिक नृत्य और पुलिस के विशेष बैंड की धुन से किया गया.
मसूरी में सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. पुलिस और अर्धसैनिक बल द्वारा होटल को अपनी सुरक्षा के घेरे में ले लिया गया है. होटल में आने वाले सभी लोगों को बिना चेक किए नहीं भेजा जा रहा है. मसूरी पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का विधायक गणेश जोशी और पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया.
वहीं इस मौके पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए सीएम ने कहा कि उत्तराखंड में कॉन्क्लेव में प्रतिभाग करने के विभिन्न हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्री और अधिकारी का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि हिमालयी राज्यों की सभी समस्याओं को लेकर कॉन्क्लेव में पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन, वन अधिनियम जैसे ज्वलंत विषयों पर मंथन किया जाए. वहीं हिमालय राज्यों के कॉमन एजेंडे को मूल रूप दिया जाए.
उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों की ज्यादातर समस्याएं एक जैसी हैं. ऐसे में सभी समस्याओं पर गहन मंथन करके उसका संयुक्त रूप से निराकरण किया जाएगा. जिससे हिमालयी राज्यों का विकास हो सके. उन्होंने कहा कि वन अधिनियम के कठोर नियमों के कारण हिमालयी राज्यों का विकास नहीं हो पा रहा है.
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खासकर सड़कों का निर्माण नहीं किया जा रहा है, जिसकी वजह से ज्यादातर विकास की गतिविधियां रुक गईं हैं. उन्होंने कहा कि इन सभी समस्याओं को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा और इन्हीं सभी समस्याओं का हल भी निकाला जाएगा.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पर्यावरणीय सेवाओं को और अधिक कैसे प्रयोगकर लाभ उठाया जा सके इस पर भी विचार विमर्श किया जाएगा. वहीं ग्रीन बोनस कॉन्क्लेव का महत्वपूर्ण विषय है. जिस पर सभी हिमालयी राज्य से आए प्रतिनिधि और मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे.