देहरादूनः पंचायती राज एक्ट में हुए संशोधन पर राज्यपाल ने मोहर लगा दी है. जिसके बाद विपक्ष सरकार पर जमकर हमला बोल रही है. जबकि सरकार इसे पंचायतों के लिए काफी महत्वपूर्ण मान रही है. उधर, कांग्रेस ने पंचायती राज संशोधन अधिनियम को लेकर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. जिस पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए कहा कि मामले में कोई भी कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है.
उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार पंचायती राज एक्ट के जरिये जनसंख्या नियंत्रण का संदेश देना चाहती है. इसी मकसद के साथ राज्य सरकार ने पंचायती राज एक्ट में संशोधन किया है, लेकिन इस संशोधन को लेकर कई स्तर पर विरोध देखने को मिल रहा है. खासतौर पर पंचायतों में लड़ने वाले प्रत्याशियों की शिक्षा और उनके बच्चों की संख्या को लेकर किया गया संशोधन विरोधियों के निशाने पर है.
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हालांकि, तमाम विरोध के बावजूद राज्यपाल ने भी अब पंचायती राज संशोधन अधिनियम को स्वीकृति दे दी है. ऐसे में कांग्रेस ने कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोर्ट जाने का हर व्यक्ति का अधिकार है. ऐसे में वो कोर्ट जा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि इसके तहत शिक्षा को लेकर कैटेगरी बनाकर संशोधन किया गया है. दूसरी ओर 2 बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अक्षम घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कर सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण की जरुरत को एक संदेश के रूप में सामने लाने की कोशिश की है.