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जनसंख्या नियंत्रण का संदेश देने के लिए पंचायत बिल में सरकार ने किया संशोधन: सीएम त्रिवेंद्र

पंचायती राज एक्ट में संशोधन के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को कोर्ट जाने का अधिकार है. वो जा सकते हैं. साथ ही उन्होंने इसे जनसंख्या नियंत्रण के लिए बड़ा कदम करार दिया है.

panchayati raj act in uttarakhand
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Published : Jul 26, 2019, 6:53 PM IST

देहरादूनः पंचायती राज एक्ट में हुए संशोधन पर राज्यपाल ने मोहर लगा दी है. जिसके बाद विपक्ष सरकार पर जमकर हमला बोल रही है. जबकि सरकार इसे पंचायतों के लिए काफी महत्वपूर्ण मान रही है. उधर, कांग्रेस ने पंचायती राज संशोधन अधिनियम को लेकर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. जिस पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए कहा कि मामले में कोई भी कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है.

उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार पंचायती राज एक्ट के जरिये जनसंख्या नियंत्रण का संदेश देना चाहती है. इसी मकसद के साथ राज्य सरकार ने पंचायती राज एक्ट में संशोधन किया है, लेकिन इस संशोधन को लेकर कई स्तर पर विरोध देखने को मिल रहा है. खासतौर पर पंचायतों में लड़ने वाले प्रत्याशियों की शिक्षा और उनके बच्चों की संख्या को लेकर किया गया संशोधन विरोधियों के निशाने पर है.

पंचायत राज एक्ट में संशोधन पर बोलते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

ये भी पढे़ंः मुख्यमंत्री के उल्टे-पुल्टे बयान, नेताओं के ज्ञान से सकते में 'विज्ञान'

हालांकि, तमाम विरोध के बावजूद राज्यपाल ने भी अब पंचायती राज संशोधन अधिनियम को स्वीकृति दे दी है. ऐसे में कांग्रेस ने कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोर्ट जाने का हर व्यक्ति का अधिकार है. ऐसे में वो कोर्ट जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसके तहत शिक्षा को लेकर कैटेगरी बनाकर संशोधन किया गया है. दूसरी ओर 2 बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अक्षम घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कर सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण की जरुरत को एक संदेश के रूप में सामने लाने की कोशिश की है.

देहरादूनः पंचायती राज एक्ट में हुए संशोधन पर राज्यपाल ने मोहर लगा दी है. जिसके बाद विपक्ष सरकार पर जमकर हमला बोल रही है. जबकि सरकार इसे पंचायतों के लिए काफी महत्वपूर्ण मान रही है. उधर, कांग्रेस ने पंचायती राज संशोधन अधिनियम को लेकर कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. जिस पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पलटवार करते हुए कहा कि मामले में कोई भी कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है.

उत्तराखंड में त्रिवेंद्र सरकार पंचायती राज एक्ट के जरिये जनसंख्या नियंत्रण का संदेश देना चाहती है. इसी मकसद के साथ राज्य सरकार ने पंचायती राज एक्ट में संशोधन किया है, लेकिन इस संशोधन को लेकर कई स्तर पर विरोध देखने को मिल रहा है. खासतौर पर पंचायतों में लड़ने वाले प्रत्याशियों की शिक्षा और उनके बच्चों की संख्या को लेकर किया गया संशोधन विरोधियों के निशाने पर है.

पंचायत राज एक्ट में संशोधन पर बोलते सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत.

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हालांकि, तमाम विरोध के बावजूद राज्यपाल ने भी अब पंचायती राज संशोधन अधिनियम को स्वीकृति दे दी है. ऐसे में कांग्रेस ने कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कोर्ट जाने का हर व्यक्ति का अधिकार है. ऐसे में वो कोर्ट जा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि इसके तहत शिक्षा को लेकर कैटेगरी बनाकर संशोधन किया गया है. दूसरी ओर 2 बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अक्षम घोषित किया गया है. उन्होंने कहा कि ऐसा कर सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण की जरुरत को एक संदेश के रूप में सामने लाने की कोशिश की है.

Intro:summary- पंचायती राज एक्ट में संशोधन पर राज्यपाल की मोहर के बाद जहां विपक्षी दल हमलावर है तो सरकार इसे पंचायतों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मान रही है।


उत्तराखंड में पंचायती राज एक्ट के जरिए जनसंख्या नियंत्रण का संदेश सरकार देना चाहती है। इसी मकसद के साथ राज्य सरकार ने पंचायती राज में संशोधन किया और अब इस संशोधन को विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार बेहद महत्वपूर्ण बता रही है।



Body:उत्तराखंड में पंचायती राज एक्ट के संशोधन को लेकर कई स्तर पर जबरदस्त विरोध किया जा रहा है.... खासतौर पर पंचायतों में लड़ने वाले प्रत्याशियों की शिक्षा और उनके बच्चों की संख्या को लेकर किया गया संशोधन विरोधियों के निशाने पर है। हालांकि तमाम विरोध के बावजूद राज्यपाल ने भी अब पंचायती राज संशोधन अधिनियम को स्वीकृति दे दी है। ऐसे में कांग्रेस द्वारा कोर्ट जाने की चेतावनी देने के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मामले में कोई भी कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है... हालांकि उन्होंने इन संशोधनों को बेहद महत्वपूर्ण बताया मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ शिक्षा को लेकर केटेगरी बनाकर संशोधन किया गया है तो दूसरी तरफ 2 बच्चों से अधिक वाले प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने के लिए अक्षम किया गया है। सीएम ने कहा कि ऐसा कर सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण की जरूरत को एक संदेश के रूप में सामने लाने की कोशिश की है।

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड




Conclusion:जनसंख्या नियंत्रण को लेकर देशभर में बहस जारी है इस बीच मुख्यमंत्री जे पंचायती राज संशोधन को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सबसे बड़ा कदम करार दे दिया है।
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