देहरादूनः उत्तराखंड इन दिनों आर्थिकी की मार झेल रहा है. ऐसे में सरकार प्रदेश को चलाने के लिए लगातार कर्ज ले रही है. अभीतक सरकार RBI से 500 सौ करोड़ रुपये का लोन ले चुकी है. वहीं, सूबे के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि कर्ज लेना और देना एक सामान्य प्रक्रिया है. सभी राज्य कर्ज लेते हैं और कर्ज लेने के बाद प्रदेश में तमाम विकास कार्यों को करने के बाद लौटते भी हैं.
उत्तराखंड राज्य बनने के बाद सरकार लोन लेकर प्रदेश को आगे बढ़ाने का दावा कर रही है. कर्ज को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड राज्य भी समय-समय पर कर्ज लेता आ रहा है. पिछले कर्ज को चुकाने में पिछली सरकारों ने काफी ढील बरती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. साथ ही कहा कि कर्ज लेना गलत नहीं है, बल्कि कर्ज लिए गए पैसे का उपयोग किस तरह से हो रहा है. ये जरूरी है.
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सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि उनके द्वारा लिया जा रहा लोन राज्य की कर्ज लेने की सीमा के भीतर है. प्रदेश की GDP बढ़ रही है. जिसके चलते कर्ज लेने में कोई समस्या नहीं है. वहीं, उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि कर्ज लिए गए पैसे का सही जगह इस्तेमाल होगा और समय पर चुकाया भी जाएगा.
वहीं, आर्थिक मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार सुधाकर भट्ट का कहना है कि कोई भी सरकसर FRBM की नियमावली के अनुसार राज्य की जीडीपी के 7 प्रतिशत तक लोन ले सकती है. इस हिसाब से उत्तराखंड 7 हजार करोड़ रुपये तक का लोन ले सकता है. ऐसे में 500 करोड़ का लोन एक मामूली लोन है.
उन्होंने कहा कि पिछले लंबे समय से चला आ रहा लोन का बैकलॉग चिंता का विषय जरूर है. साथ ही कहा कि देश के अन्य राज्यों में स्थिति इससे भी बदतर है. आर्थिक मैनेजमेंट के नजरिये से देखा जाए तो उत्तराखंड की स्थिति अन्य राज्यों से काफी बेहतर है.