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राम मंदिर: सीएम त्रिवेंद्र ने दी शुभकामनाएं, कहा- सैकड़ों वर्षों से हो रही थी इस घड़ी की प्रतीक्षा

5 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन और शिलान्यास करने जा रहे हैं. इसे लेकर उत्तराखंड के साधु-संत भी खासा उत्साहित हैं. वहीं, प्रदेश के सीएम ने सभी देशवासियों को इसकी शुभकामनाएं दीं.

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त्रिवेंद्र सिंह रावत
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Published : Aug 4, 2020, 3:31 PM IST

देहरादून: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे. इसे लेकर उत्तराखंड के लोगों में भी खासा उत्साह है. प्रदेश के बीजेपी के नेता और मंत्री इस पल को ऐतिहासिक और अलौकिक क्षण बता रहे हैं. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभी प्रदेश और देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सैकड़ों सालों से हिंदू समाज के लोग इस ऐतिहासिक घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे. लोगों का कहना था कि जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जन्म लिया है उसी स्थान पर रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो. वो स्वर्णिम और ऐतिहासिक अवसर अब आ गया है, जब प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर निर्माण का विधिवत रूप से भूमि पूजन कर शिलान्यास करेंगे.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

सीएम रावत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों की तादाद में लोगों ने अपना बलिदान दिया है. इतना ही नहीं इसके लिए सैकड़ों युद्ध भी लड़े गए हैं.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर : बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि जिन स्थानों से देश के समस्त हिंदुओं का मान-सम्मान जुड़ा हुआ है, उन स्थानों को अत्याचारों द्वारा नष्ट करने का प्रयास किया गया लेकिन आज एक ऐसी सरकार और सर्वोच्च न्यायालय ने अपना अहम और ऐतिहासिक निर्णय दिया कि अब अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर को पुनर्स्थापित किया जाएगा. सभी देश और प्रदेशवासियों के लिए इससे गर्व और सौभाग्य की बात नहीं हो सकती. लिहाजा इस स्वर्णिम अवसर पर लोग अपने घरों में दीए जलाकर दीपावली मनाएं.

सीएम ने कहा कि भगवान राम के मंदिर निर्माण को लेकर जिन लोगों ने अपना बलिदान दिया है, मंदिर निर्माण के बाद उनकी आत्मा को शांति मिलेगी.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर आंदोलन की यादें: मुलायम ने कहा था- 'परिंदा पर नहीं मार सकता'

वहीं, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत कृष्णागिरी महाराज ने कहा कि भगवान राम का जो भव्य, अलौकिक और परंपरागत मंदिर का निर्माण होने जा रहा है इसे लेकर पूरे देशवासियों सहित सभी संत समाजों में काफी उत्साह है. उन्होंने बताया कि इससे पहले तमाम राजा-महाराजाओं ने कई धर्मशालाओं और मंदिरों का निर्माण किया है. अगर कोई व्यक्ति इस पद पर रहते हुए धर्मपरायण बने तो यह अलौकिक है. यही देश के प्रधानमंत्री अब अपने हाथों से करने जा रहे हैं.

देहरादून: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे. इसे लेकर उत्तराखंड के लोगों में भी खासा उत्साह है. प्रदेश के बीजेपी के नेता और मंत्री इस पल को ऐतिहासिक और अलौकिक क्षण बता रहे हैं. वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी सभी प्रदेश और देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि सैकड़ों सालों से हिंदू समाज के लोग इस ऐतिहासिक घड़ी की प्रतीक्षा कर रहे थे. लोगों का कहना था कि जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जन्म लिया है उसी स्थान पर रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण हो. वो स्वर्णिम और ऐतिहासिक अवसर अब आ गया है, जब प्रधानमंत्री मोदी राम मंदिर निर्माण का विधिवत रूप से भूमि पूजन कर शिलान्यास करेंगे.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत.

सीएम रावत ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हजारों की तादाद में लोगों ने अपना बलिदान दिया है. इतना ही नहीं इसके लिए सैकड़ों युद्ध भी लड़े गए हैं.

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उन्होंने कहा कि जिन स्थानों से देश के समस्त हिंदुओं का मान-सम्मान जुड़ा हुआ है, उन स्थानों को अत्याचारों द्वारा नष्ट करने का प्रयास किया गया लेकिन आज एक ऐसी सरकार और सर्वोच्च न्यायालय ने अपना अहम और ऐतिहासिक निर्णय दिया कि अब अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर को पुनर्स्थापित किया जाएगा. सभी देश और प्रदेशवासियों के लिए इससे गर्व और सौभाग्य की बात नहीं हो सकती. लिहाजा इस स्वर्णिम अवसर पर लोग अपने घरों में दीए जलाकर दीपावली मनाएं.

सीएम ने कहा कि भगवान राम के मंदिर निर्माण को लेकर जिन लोगों ने अपना बलिदान दिया है, मंदिर निर्माण के बाद उनकी आत्मा को शांति मिलेगी.

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वहीं, पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत कृष्णागिरी महाराज ने कहा कि भगवान राम का जो भव्य, अलौकिक और परंपरागत मंदिर का निर्माण होने जा रहा है इसे लेकर पूरे देशवासियों सहित सभी संत समाजों में काफी उत्साह है. उन्होंने बताया कि इससे पहले तमाम राजा-महाराजाओं ने कई धर्मशालाओं और मंदिरों का निर्माण किया है. अगर कोई व्यक्ति इस पद पर रहते हुए धर्मपरायण बने तो यह अलौकिक है. यही देश के प्रधानमंत्री अब अपने हाथों से करने जा रहे हैं.

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