देहरादून: उत्तराखंड सरकार महिला सहायता समूहों को वित्तीय मदद देकर सुदृढ़ बनाने की कोशिशों में जुटी हुई है. इस दिशा में सरकार एलईडी निर्माण में लगे स्वयं सहायता समूह के लिए रिवाल्विंग फंड स्थापित कर रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सभी स्वयं सहायता समूहों को ऊर्जा संरक्षण दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हमारा अगला फोकस अपनी मां-बहनों के सिर से घास-लकड़ी का बोझा उतारना है. उन्होंने कहा कि इस दिशा में कार्य किया जा रहा है.
सीएम रावत ने अधिकारियों को भी इस दिशा में विचार कर योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कार्यक्रम में जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित ग्राम प्रधानों एवं स्वयं सहायता समूहों से इस सम्बन्ध में अपने सुझाव देने का अनुरोध किया. मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एलईडी निर्माण में लगे सभी स्वयं सहायता समूहों के लिए 50-50 हजार के रिवॉल्विंग फंड की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों से बात भी की.
उन्होंने कहा कि इनका 'दरांती से सॉल्डरिंग रोड के बीच का सफर' अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायक है. स्वरोजगार से जुड़कर महिलाओं का आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता बढ़ा है. उनके मन में विश्वास पैदा हुआ है कि वे उद्यम के क्षेत्र में भी बहुत कुछ कर सकती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेंटर स्वरोजगार के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. रेडीमेड गारमेंट्स के क्षेत्र में भी ग्रोथ सेंटर्स की अपार सम्भावनाएं हैं. स्कूल ड्रेस, डॉक्टर्स-नर्स आदि के लिए ड्रेसिज तैयार करने पर भी फोकस किया जाना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड कैबिनेट ने अभी निर्णय लिया है कि जिलाधिकारी स्तर पर 5 लाख तक की खरीद में, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में अनेकों मंदिर हैं. मंदिरों के कपाट खुलने, बंद होने व अन्य धार्मिक अनुष्ठानों में सजावटी कार्यों के लिए स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं, जो अपने साथ क्षेत्र की स्मृति चिन्ह ले जाना चाहते हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने स्वयं सहायता समूहों से भी क्रिएटिव होकर राज्य से जुड़ी हुई अलग-अलग थीम पर स्मृति चिन्ह बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेंटर्स में फैंसी आईटम पर भी फोकस किया जाना चाहिए. इसके लिए स्पेशिफिक प्रशिक्षण भी कराया जा सकता है. इसके साथ ही भ्रमण कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा सकता है, ताकि स्वयं सहायता समूह कुछ नई चीजें सीख सकें. मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से कहा कि स्थानीय दुकानदारों से बातचीत कर स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री हेतु प्रोत्साहित किया जा सकता है. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने कार्यालयों, हेलीपैड, स्थानीय बाजारों में ‘वोकल फॉर लोकल‘ का प्रचार-प्रसार करते हुए एक विंडो उपलब्ध करायी जानी चाहिए, ताकि इनके उत्पादों को बाजार मिल सके.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने ऊर्जा संरक्षण विषय पर सभी जनपदों में छात्र-छात्राओं से संवाद भी किया. ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर प्रदेश के चयनित विद्यालयों में चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित की गई थी. चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. इन विजेता छात्र-छात्राओं द्वारा तैयार पेंटिंग को वर्ष 2021 के कैलेंडर के रूप में प्रकाशित किया गया है, जिसका मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा विमोचन किया गया.