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दवा खरीद घोटाले और फर्जी गूल निर्माण में होगी कार्रवाई, CM ने दिए निर्देश - देहरादून लेटेस्ट न्यूज

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्वास्थ्य उपकेंद्रों में औषधि खरीद घोटाले और भीमताल में करीब 15-16 साल पहले हुए फर्जी गूल निर्माण मामले में कार्मिक और सतर्कता विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

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Published : Jan 18, 2021, 9:42 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर संदेश देते हुए जीरो टॉलरेंस सरकार के रूप में भ्रष्टाचारियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं. इसमें एक तरफ जहां औषधि खरीद के मामले पर कार्रवाई की जाएगी तो दूसरी तरफ गूल निर्माण में गड़बड़ी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी.

दोषी कार्मिकों से वसूली के निर्देश

स्वास्थ्य उपकेंद्रों में औषधि खरीद के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई धनराशि के सापेक्ष क्रय की की गई दवाईयों की किट-ए, किट-बी और आशा किट का संपूर्ण उपयोग नहीं हो पाया. इसकी वजह से दवाईयां रुड़की ड्रग वेयर हाउस में कालातीत हो गई. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्मिक और सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर इस मामले की विभागीय जांच किए जाने और दोषी कर्मचारियों से नियमानुसार धनराशि की वसूली किए जाने की संस्तुति दी है.

पढ़ेंः नए साल पर त्रिवेंद्र सरकार का तोहफा, मनरेगा में मिलेगा 150 दिन का रोजगार

गूलों के निर्माण में फर्जीवाड़ा

लघु सिंचाई विभाग में वर्ष 2002-03 से 2006-07 के बीच राज्य में गूलों के निर्माण के लिए शासन से आवंटित बजट में फर्जीवाड़ा किया गया. बिना गूल बनाए धनराशि हड़पने और धरातल पर कोई कार्य नहीं होने से संबंधी मामले की जांच जस्टिस बीसी कांडपाल एकल जांच आयोग द्वारा की गई थी. इस मामले में आयोग द्वारा संबंधित अधीक्षण अभियंता, लघु सिंचाई की निरीक्षण रिपोर्ट व सतर्कता अधिष्ठान से उपलब्ध कराई गई.

जांच आख्या व संस्तुतियां के क्रम में नैनीताल के भीमताल ब्लॉक में तत्समय कार्यरत कमलेश भट्ट तत्कालीन अवर अभियंता (सेवानिवृत 30 जून, 2017), सुरेश चंद्रा तत्कालीन सहायक अभियंता (अधिशासी अभियंता- सेवानिवृत्त 30 जून, 2020) और परमजीत सिंह बग्गा, तत्कालीन अधिशासी अभियंता (सेवानिवृत्त) के खिलाफ कार्मिक व सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्रवाई किए जाने की मंजूरी दे दी है.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर संदेश देते हुए जीरो टॉलरेंस सरकार के रूप में भ्रष्टाचारियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं. इसमें एक तरफ जहां औषधि खरीद के मामले पर कार्रवाई की जाएगी तो दूसरी तरफ गूल निर्माण में गड़बड़ी करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई होगी.

दोषी कार्मिकों से वसूली के निर्देश

स्वास्थ्य उपकेंद्रों में औषधि खरीद के लिए केंद्र सरकार द्वारा दी गई धनराशि के सापेक्ष क्रय की की गई दवाईयों की किट-ए, किट-बी और आशा किट का संपूर्ण उपयोग नहीं हो पाया. इसकी वजह से दवाईयां रुड़की ड्रग वेयर हाउस में कालातीत हो गई. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्मिक और सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर इस मामले की विभागीय जांच किए जाने और दोषी कर्मचारियों से नियमानुसार धनराशि की वसूली किए जाने की संस्तुति दी है.

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गूलों के निर्माण में फर्जीवाड़ा

लघु सिंचाई विभाग में वर्ष 2002-03 से 2006-07 के बीच राज्य में गूलों के निर्माण के लिए शासन से आवंटित बजट में फर्जीवाड़ा किया गया. बिना गूल बनाए धनराशि हड़पने और धरातल पर कोई कार्य नहीं होने से संबंधी मामले की जांच जस्टिस बीसी कांडपाल एकल जांच आयोग द्वारा की गई थी. इस मामले में आयोग द्वारा संबंधित अधीक्षण अभियंता, लघु सिंचाई की निरीक्षण रिपोर्ट व सतर्कता अधिष्ठान से उपलब्ध कराई गई.

जांच आख्या व संस्तुतियां के क्रम में नैनीताल के भीमताल ब्लॉक में तत्समय कार्यरत कमलेश भट्ट तत्कालीन अवर अभियंता (सेवानिवृत 30 जून, 2017), सुरेश चंद्रा तत्कालीन सहायक अभियंता (अधिशासी अभियंता- सेवानिवृत्त 30 जून, 2020) और परमजीत सिंह बग्गा, तत्कालीन अधिशासी अभियंता (सेवानिवृत्त) के खिलाफ कार्मिक व सतर्कता विभाग के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने विभागीय कार्रवाई किए जाने की मंजूरी दे दी है.

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