देहरादूनः उत्तराखंड में विधानसभाओं के विकास कार्यों को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समीक्षा बैठकें करने जा रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने आज सुबह 11 बजे सचिवालय में जनपद बागेश्वर, चंपावत एवं पिथौरागढ़ की घोषणाओं के संबंध में बैठक की. इसके बाद शाम 4:15 बजे सचिवालय में ही सेवा का अधिकार आयोग की रिपोर्ट मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. दरअसल, 18 मार्च को प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार के 4 साल पूरे होने जा रहे हैं. ऐसे में इससे पहले मुख्यमंत्री ने विधानसभाओं में हो रहे विकास कार्यों का लेखा-जोखा तैयार करने के लिए समीक्षा बैठकों का कार्यक्रम तय किया है.
प्रदेश में सरकार के 4 साल पूरा होने से पहले सरकार विकास योजनाओं को लेकर खाका तैयार करने की कोशिशों में जुट गई है. इस दिशा में मुख्यमंत्री ने आज से विभिन्न विधानसभाओं में हुए कामों का रिकॉर्ड तैयार करने के लिए समीक्षा बैठकों को आयोजित किया है. दरअसल, राज्य में सरकारों के सालाना कार्यकाल पर विकास योजनाओं से जुड़ी विकास पुस्तिका को लॉन्च करने की परंपरा है. लिहाजा त्रिवेंद्र सरकार अपने 4 साल पूरा होने से पहले विधानसभाओं में होने वाले विकास कार्यों की समीक्षा कर रही है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि यूं तो उनके द्वारा समीक्षाएं की जाती रही हैं, लेकिन इस बार विधानसभाओं के स्तर पर एक बार फिर विकास कार्यों और घोषणाओं को लेकर वे अधिकारियों से स्थितियों को जानने की कोशिश करेंगे.
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फिलहाल मौजूदा जानकारी के अनुसार सरकार आज सीएम ने चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर की विधानसभाओं की समीक्षा बैठक ली. इन जिलों को इसलिए चुना गया है क्योंकि ये जिले सबसे ज्यादा दुर्गम और आपदा प्रभावित जिलों में शामिल है. इसके बाद कुमाऊं के ही नैनीताल और अल्मोड़ा जिले की विधानसभाओं को चुना गया है.
उधर, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पर विपक्ष ने हमलावर तेवर अपनाए हुए हैं. आम आदमी पार्टी के नेता मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठकों को जनता को भ्रमित करने वाला बता रहे हैं. आप नेता अमरेंद्र बिष्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 4 सालों तक विकास कार्यों से दूर रहे और अब उन्हें चुनाव से पहले चुनावी एजेंडे के तहत लोगों को भ्रमित करने के लिए ऐसी समीक्षा बैठकों की याद आ रही है.