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रिस्पना नदी के किनारे लगाए गए पौधों का निरीक्षण करने पहुंचे CM, स्थिति को बताया संतोषजनक - rispina river

रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण को लेकर लगाये गए पौधों को हाल जानने पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत. उन्होंने कहा कि सरकार का संकल्प है कि जल्द ही रिस्पना में पानी फिर से आये.

पौधों का निरीक्षण करते सीएम.
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Published : Apr 30, 2019, 10:43 PM IST

देहरादून: रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान के तहत ढाई लाख पौधे लगाए गए थे. 10 महीने बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन पौधों का निरीक्षण करने पहुंचे. सीएम ने कहा कि गर्मी शुरू हो गई हैं इसलिए अब पौधे न सूखे इसकी व्यवस्था करनी होगी. मई और जून का महीना कट गया तो पौधे अच्छी तरीके से बढ़ पाएंगे.

दरअसल, 10 महीने पहले केरवा गांव से सरकार ने पूरे रिस्पना के एरिया में लाखों पेड़ लगाए थे. लेकिन, पौधों का सही तरीके से देखरेख न होने की वजह से इनमें से कई पौधे सूख गए हैं. हालांकि सीएम ने निरीक्षण के दौरान पौधों को देखकर संतोष जताते हुए कहा कि ये अच्छी प्रोग्रेस कर रहे हैं. लेकिन हकीकत ये है कि सीएम के पहुंचने से पहले ही लाखों रुपये खर्च कर लगाये गये पौधे जो सूख चूके थे उन्हें हटाकर नए पौध लगाए गए.

पौधों का निरीक्षण करते सीएम.

इतना ही नहीं सीएम के पहुंचने से कुछ देर पहले ही पौधों को सिंचा जा रहा था. ताकि निरीक्षण में लापरवाही और पौधों के सूखने की बात सामने न आये. हालांकि सीएम के निरीक्षण दौरान भी कई पौधे सूखे हुए नजर आ रहे थे. मुख्यमंत्री ने इसे भीषण गर्मी समझते हुए पौधों की स्थिति को अच्छा बताया. लेकिन, इसी तरह अगर आगे भी लापरवाही बरती गई तो रिस्पना में पानी फिर से लाने के सरकार के सपने में पानी जरूर फिर सकता है.

निरीक्षण के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि रिस्पना को पुनर्जीवित किया जा सके. रिस्पना में पानी आने का जो सोर्स था उन सोर्से का इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए किया जा रहा है. इसलिए सरकार अन्य विकल्पों पर काम कर रही है. लेकिन सरकार का संकल्प है कि जल्द ही रिस्पना में पानी फिर से आये.

देहरादून: रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान के तहत ढाई लाख पौधे लगाए गए थे. 10 महीने बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन पौधों का निरीक्षण करने पहुंचे. सीएम ने कहा कि गर्मी शुरू हो गई हैं इसलिए अब पौधे न सूखे इसकी व्यवस्था करनी होगी. मई और जून का महीना कट गया तो पौधे अच्छी तरीके से बढ़ पाएंगे.

दरअसल, 10 महीने पहले केरवा गांव से सरकार ने पूरे रिस्पना के एरिया में लाखों पेड़ लगाए थे. लेकिन, पौधों का सही तरीके से देखरेख न होने की वजह से इनमें से कई पौधे सूख गए हैं. हालांकि सीएम ने निरीक्षण के दौरान पौधों को देखकर संतोष जताते हुए कहा कि ये अच्छी प्रोग्रेस कर रहे हैं. लेकिन हकीकत ये है कि सीएम के पहुंचने से पहले ही लाखों रुपये खर्च कर लगाये गये पौधे जो सूख चूके थे उन्हें हटाकर नए पौध लगाए गए.

पौधों का निरीक्षण करते सीएम.

इतना ही नहीं सीएम के पहुंचने से कुछ देर पहले ही पौधों को सिंचा जा रहा था. ताकि निरीक्षण में लापरवाही और पौधों के सूखने की बात सामने न आये. हालांकि सीएम के निरीक्षण दौरान भी कई पौधे सूखे हुए नजर आ रहे थे. मुख्यमंत्री ने इसे भीषण गर्मी समझते हुए पौधों की स्थिति को अच्छा बताया. लेकिन, इसी तरह अगर आगे भी लापरवाही बरती गई तो रिस्पना में पानी फिर से लाने के सरकार के सपने में पानी जरूर फिर सकता है.

निरीक्षण के बाद सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है कि रिस्पना को पुनर्जीवित किया जा सके. रिस्पना में पानी आने का जो सोर्स था उन सोर्से का इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए किया जा रहा है. इसलिए सरकार अन्य विकल्पों पर काम कर रही है. लेकिन सरकार का संकल्प है कि जल्द ही रिस्पना में पानी फिर से आये.

Intro:रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान के तहत ढाई लाख पौधों का रोपण किया गया था। जिसकी शुरूआत केरवा गांव से की गई थी, हालांकि उस दौरान सरकार का कहना था की इन पेड़ों को लगाने से पहाड़ों का कटान रुकेगा, और रिस्पना नदी को पुनर्जीवित किया जा सकेगा। लेकिन 10 महीने पहले केरवा गांव में लगाए गए तमाम पेड़ों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। जिसकी वजह यह है कि वहां पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था नहीं किया जा पा रहा है साथ ही लगाए गए पेड़ों का देखरेख नहीं हो पा रहा है।


Body:केरवा गांव मे लगाए तमाम पेड़ सूख चुके हैं लेकिन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के पहुंचने से पहले ही वहाँ तमाम सूखे पेड़ों को हटाकर नए पेड़ भी लगाए गए और पेड़ों में पानी डाले गए। ताकि निरीक्षण में यह बात सामने ना पाए। बावजूद इसके जब थोड़ी दूरी पर जाकर देखा गया तो वहां तमाम पेड़ सूखे नजर आए। इससे साफ कहा जा सकता है कि सरकार द्वारा चलाए गए रिस्पना के पुनर्जीवित अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

आपको बता दें की बीते 10 महीने पहले राज्य सरकार ने रिस्पना नदी के अस्तित्व बचाने के लिए रिस्पना नदी के आसपास करीब ढाई लाख पौधे लगाए थे, जिसमें लाखों रुपए खर्च किए गए थे। मगर अब उन पेड़ों की स्थिति यह है की तमाम पेड़ सूख गए हैं। मगर अभी भी राज्य सरकार को लग रहा है कि पौधे बहुत अच्छे से बढ़ रहे है। जिस वजह से 10 महीने बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगाया के पेड़ों का निरीक्षण करने पहुंचे।

वही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि निरीक्षण करने के बाद जो भी दिखा वह ठीक है, और अभी गर्मी शुरू होने वाली है ऐसे में वन विभाग लगातार व्यवस्थाएं कर रहा है जिससे पेड़ नही सूखे। साथ ही कहा कि गर्मी के समय निकलने के बाद अच्छे से पेड़ खड़े हो पाएंगे और मुझे संतोष है कि पेड़ों की अच्छी प्रोग्रेस हो रही है। साथ ही बताया कि सरकार प्रयास कर रही है कि रिस्पना को पुनर्जीवित किया जा सके। रिस्पना में पानी आने का जो सोर्स था उन सोर्से का इस्तेमाल पेयजल और सिंचाई के लिए किया जा रहा है। इसलिए सरकार अन्य विकल्पों पर काम कर रही है। लेकिन सरकार का संकल्प है कि जल्द ही रिस्पना में पानी फिर से आ जाएगा।


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