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हरिद्वार महाकुंभ: जोर-शोर से तैयारियां जारी, करना होगा डबल शिफ्ट काम

कुंभ मेले से संबंधित स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए तात्कालिक रूप से 402 करोड़ रुपए की धनराशि अनुमोदित की गई है. इसके सापेक्ष 154 करोड़ रुपए की धनराशि संबंधित विभागों को उपलब्ध करायी जा चुकी है.

बैठक
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Published : Nov 14, 2019, 3:49 AM IST

Updated : Nov 14, 2019, 8:23 AM IST

देहरादून: हरिद्वार में आगामी 2021 में होने वाले महाकुंभ में किसी तरह की कमी न रहे इसको लेकर त्रिवेंद्र सरकार ने जोर-शोर से जुटी हुई है. महाकुंभ की तैयारियों को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में मेले से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

बैठक में सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को उनके स्तर पर होने वाले कार्यों का स्पष्ट रोड मैप तैयार कर समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं. कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों से समन्वय कर उनके सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा गया है.

कुंभ मेले से संबंधित स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए तात्कालिक रूप से 402 करोड़ रुपए की धनराशि अनुमोदित की गई है. इसके सापेक्ष 154 करोड़ रुपए की धनराशि संबंधित विभागों को उपलब्ध करायी जा चुकी है.

पढ़ें- बौराणी मेले में 27 फीट लंबी मशाल लेकर मंदिर पहुंचे ग्रामीण, कुप्रथा को दी तिलांजलि

इसके अलावा सीएम ने कुंभ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए. सीएम ने कहा कि कुंभ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हो. उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सड़कों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी.

सीएम ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थाएं स्वयं के खर्च पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए. मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी सीएम ने जोर दिया.

सीएम ने कहा कि कुंभ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुंभ के सुखद अनुभव के साथ लौटें. इसके अलावा सभी अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये.

पढ़ें- सरकार ने STARTUP नीति में किया संशोधन, रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

सीएम ने कुंभ मेला क्षेत्र में बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा. सीएम ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा. उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए. अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिये.

देहरादून: हरिद्वार में आगामी 2021 में होने वाले महाकुंभ में किसी तरह की कमी न रहे इसको लेकर त्रिवेंद्र सरकार ने जोर-शोर से जुटी हुई है. महाकुंभ की तैयारियों को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में मेले से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए.

बैठक में सीएम त्रिवेंद्र ने अधिकारियों को उनके स्तर पर होने वाले कार्यों का स्पष्ट रोड मैप तैयार कर समयबद्धता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं. कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों से समन्वय कर उनके सुझावों पर भी ध्यान देने को कहा गया है.

कुंभ मेले से संबंधित स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए तात्कालिक रूप से 402 करोड़ रुपए की धनराशि अनुमोदित की गई है. इसके सापेक्ष 154 करोड़ रुपए की धनराशि संबंधित विभागों को उपलब्ध करायी जा चुकी है.

पढ़ें- बौराणी मेले में 27 फीट लंबी मशाल लेकर मंदिर पहुंचे ग्रामीण, कुप्रथा को दी तिलांजलि

इसके अलावा सीएम ने कुंभ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए. सीएम ने कहा कि कुंभ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हो. उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सड़कों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी.

सीएम ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थाएं स्वयं के खर्च पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए. मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी सीएम ने जोर दिया.

सीएम ने कहा कि कुंभ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुंभ के सुखद अनुभव के साथ लौटें. इसके अलावा सभी अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये.

पढ़ें- सरकार ने STARTUP नीति में किया संशोधन, रोजगार के बढ़ेंगे अवसर

सीएम ने कुंभ मेला क्षेत्र में बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा. सीएम ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा. उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए. अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिये.

Intro:summary-मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कुम्भ मेले से जुड़े अधिकारियों को उनके स्तर पर होने वाले कार्यों का स्पष्ट रोड मैप तैयार कर समयबद्धता के साथ कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। कुम्भ मेले के सफल आयोजन के लिये सभी अखाड़ों से समन्वय कर उनके सुझावों पर भी ध्यान देने के आदेश हुए।
कुम्भ मेले से सम्बन्धित स्थायी प्रकृति के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए तात्कालिक रूप से 402 करोड़ धनराशि अनुमोदित की गई है। इसके सापेक्ष 154 करोड़ रूपये की धनराशि सम्बन्धित विभागों को उपलब्ध करायी जा चुकी है।


Body:बुधवार को सचिवालय में कुम्भ मेले के आयोजन से सम्बन्धित उच्च स्तरीय बैठक हुई...जिसकी अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कुम्भ मेले के निर्माण कार्यों में और अधिक तेजी लाने के लिये डबल शिफ्ट में कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के आदेश दिए..सीएम ने कहा कि कुम्भ मेले से सम्बन्धित जितने भी पुलों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर उन्हें पूर्ण करने के प्रयास हों। उन्होंने कहा कि पुलों का समय पर निर्माण होने से सडकों के निर्माण में और अधिक सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि यदि निजी संस्थायें स्वयं के व्यय पर स्नान घाटों का निर्माण करती है तो इसके लिये उन्हें डीपीआर एवं तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराया जाए। मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने तथा स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान देने पर भी उन्होंने बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के आयोजन में ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए कि श्रद्धालु कुम्भ के सुखद अनुभव के साथ लौंटे। मुख्यमंत्री ने अखाड़ों के प्रमुख प्रतिनिधियों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के भी निर्देश सम्बन्धित अधिकारी को दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी कुम्भ मेले की ऐसी व्यवस्थायें होनी चाहिए ताकि यह आयोजन भविष्य के आयोजनों के लिये भी मिसाल बन सके। 
उन्होंने कुम्भ क्षेत्र के बिजली व गैस पाइप लाइन को अंडर ग्राउंड किये जाने में भी तेजी लाने को कहा।  कुम्भ की व्यवस्थाओं के लिये जो भी जरूरत होगी वह उपलब्ध करायी जायेगी। सभी अधिकारी तालमेल से कार्य करें। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार की देवभूमि के अनुरूप उसकी पहचान बनाये रखने पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने निर्देश दिये कि असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती बरती जाए। अतिक्रमण को हटाने की दिशा में भी उन्होंने प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार महाकुम्भ 2021, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व आध्यात्मिक मेला होगा। वैश्विक स्तर के इस मेले में दुनिया भर के देशों से करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। तद्नुसार हमें इसकी व्यापक व्यवस्थायें सुनिश्चित करनी होंगी।।।।


Conclusion:
Last Updated : Nov 14, 2019, 8:23 AM IST
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