देहरादून: उत्तराखंड में मरीजों की बढ़ती संख्या के बीच त्रिवेंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत अब उत्तराखंड के हर नागरिक की स्क्रीनिंग की जाएगी. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस संबंध में कार्य योजना बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है. सीएम रावत ने अधिकारियों से 10 से 12 दिन के अंदर सभी नागरिकों की स्क्रीनिंग कराने का निर्देश दिया है.
सीएम ने कहा कि प्रदेश में करीब 10 हजार आशाएं और करीब 36 हजार आंगनबाड़ी वर्कर्स काम कर रही हैं. इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों को मिलाकर एक ऐसी योजना तैयार की जाए. जिसकी मदद से 10 से 12 दिन के भीतर प्रदेश के हर एक नागरिक की स्क्रीनिंग हो सके. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि है कि प्रदेश के भीतर जो भी संभावना हो सकती हैं. हम संभावनाओं का इस्तेमाल कर अपनी जनता को बचा सकते हैं.
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जनता को सजग करना हमारा कर्तव्य
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वैश्विक महामारी के प्रति जनता को सजग और सचेत करना राज्य सरकार का कर्तव्य है. प्रदेश के भीतर रिकवरी रेट भी बहुत अच्छा है. ऐसे में राज्य सरकार को अनुमान है कि 20 जून के आसपास प्रदेश की स्थिति थोड़ी सामान्य हो जाएगी. उत्तराखंड में अभी भी 4 हजार सैंपलों की रिपोर्ट आना बाकी है. ये सभी सैंपल उन लोगों के हैं, जो कोरोना संक्रमित इलाकों से प्रदेश में आए हैं. लेकिन इन सबके बीच राज्य सरकार को भरोसा है कि हमारे कोरोना वारियर्स इस जंग को जीत जाएंगे.
स्क्रीनिंग की चुनौतियां
आंदोलन की आग में तपकर 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड का जन्म हुआ था. अपने 19 साल के सफर में उत्तराखंड ने सफलता के कई मुकाम हासिल किए. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक उत्तराखंड की जनसंख्या 1 करोड़ के आसपास है. त्रिवेंद्र सरकार ने अभी तक 46 हजार 573 लोगों की सैंपलिंग करा चुकी है.
15 मई की हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक अब तक 1836 लोगों में कोरोना वायरस की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें 1135 लोग स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिए गए हैं. वहीं उत्तराखंड में अब तक 24 लोगों की मौत भी हो चुकी है. उत्तराखंड में 24.65 दिन में कोरोना के मरीज दोगुने हो रहे हैं और रिकवरी रेट 61.82 प्रतिशत चल रहा है.