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तो क्या भाजपा ने खुद ही कुल्हाड़ी पर दे मारा है पांव!

संवैधानिक संकट के चलते तीरथ सिंह रावत ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया है. ऐसे में लगता है कि आर्टिकल 164-A और 151 को लेकर गलतफहमी की शिकार हो गई.

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इस्तीफा
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Published : Jul 3, 2021, 8:25 AM IST

Updated : Jul 3, 2021, 3:50 PM IST

देहरादून: तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद अब सवाल ये उठता है कि क्या देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को आर्टिकल 164-A और 151 की जानकारी नहीं थी. हम ये बात यूं ही नहीं कह रहे बल्कि प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक समीकरण ही इस बात की ओर ही इशारा कर रहे हैं.

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क्या कहता हैं आर्टिकल 164-A और 151.

बता दें कि, 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने बतौर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि उस दौरान, विधानसभा चुनाव को एक साल का वक्त बचा था. लेकिन गलतफहरी की शिकार होने के चलते बीजेपी ने आर्टिकल 164-A और 151 पर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते आज तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा.

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गलतफहमी की शिकार हुई बीजेपी !

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में खत्म हुआ तीरथ 'राज', दिल्ली से लौटकर राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

कल यानि शुक्रवार को देर रात तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, और इसकी सबसे बड़ी वजह है चुनाव प्रक्रिया पर आधारित आर्टिकल 164-A और 151. चलिए बताते हैं कि क्या कहता है आर्टिकल 164-A और 151.

संवैधानिक संकट के चलते दिया इस्तीफा.

जी हां, तीरथ सिंह रावत ने सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद प्रेसवार्ता में इसी संवैधानिक संकट की बात कह रहे थे. राजनीतिक जानकार जय सिंह रावत की मानें तो बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी तो है, लेकिन उन्हें नियमों का ज्ञान नहीं है. जिसके चलते पहले तो तीरथ सिंह रावत के ऊपर उत्तराखंड के सीएम का पद थोपा गया और फिर इस्तीफा ले लिया गया.

ये भी पढ़ें: महज 3 महीने 22 दिन की रही 'तीरथ' यात्रा, जानें छोटे से राज के बड़े फैसले

बीजेपी की सबसे बड़ी गलती

बतौर जय सिंह रावत ने बताया कि बीजेपी ने सबसे बड़ी गलती ये किया कि तीरथ सिंह रावत को सल्ट विधानसभा सीट से उपचुनाव नहीं लड़ाया. क्योंकि अगर सल्ट विधानसभा सीट से तीरथ सिंह रावत को उपचुनाव लड़ाया जाता तो शायद आज ये नौबत नहीं आती.

सल्ट पर तीरथ की सफाई

हालांकि, इस्तीफा देने के बाद तीरथ सिंह रावत ने आलाकमान का धन्यवाद देते हुए कहा कि आर्टिकल 164-A और 151 के चलते संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है. यहीं नहीं, तीरथ ने सल्ट विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि उस समय कोरोना संक्रमित होने के चलते वहां से चुनाव नहीं लड़ सके.

ये भी पढ़ें: हरदा का तंज- पहले हबड़-तबड़ में त्रिवेंद्र की और अब तीरथ की हास्यापद विदाई, दोनों भले आदमी

गलतफहमी पर बोले प्रदेश अध्यक्ष

वहीं, बीजेपी को गलतफहमी होने के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक में कहा कि बीजेपी को आर्टिकल 164-A और 151 की जानकारी थी. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव कराने से मना कर दिया, जिसके चलते ये संवैधानिक संकट उत्पन्न हुआ है. ऐसे में संवैधानिक संकट को देखते हुए तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.

देहरादून: तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, मुख्यमंत्री के इस्तीफा देने के बाद अब सवाल ये उठता है कि क्या देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को आर्टिकल 164-A और 151 की जानकारी नहीं थी. हम ये बात यूं ही नहीं कह रहे बल्कि प्रदेश में मौजूदा राजनीतिक समीकरण ही इस बात की ओर ही इशारा कर रहे हैं.

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क्या कहता हैं आर्टिकल 164-A और 151.

बता दें कि, 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने बतौर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. हालांकि उस दौरान, विधानसभा चुनाव को एक साल का वक्त बचा था. लेकिन गलतफहरी की शिकार होने के चलते बीजेपी ने आर्टिकल 164-A और 151 पर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते आज तीरथ सिंह रावत को इस्तीफा देना पड़ा.

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गलतफहमी की शिकार हुई बीजेपी !

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कल यानि शुक्रवार को देर रात तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, और इसकी सबसे बड़ी वजह है चुनाव प्रक्रिया पर आधारित आर्टिकल 164-A और 151. चलिए बताते हैं कि क्या कहता है आर्टिकल 164-A और 151.

संवैधानिक संकट के चलते दिया इस्तीफा.

जी हां, तीरथ सिंह रावत ने सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद प्रेसवार्ता में इसी संवैधानिक संकट की बात कह रहे थे. राजनीतिक जानकार जय सिंह रावत की मानें तो बीजेपी देश की सबसे बड़ी पार्टी तो है, लेकिन उन्हें नियमों का ज्ञान नहीं है. जिसके चलते पहले तो तीरथ सिंह रावत के ऊपर उत्तराखंड के सीएम का पद थोपा गया और फिर इस्तीफा ले लिया गया.

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बीजेपी की सबसे बड़ी गलती

बतौर जय सिंह रावत ने बताया कि बीजेपी ने सबसे बड़ी गलती ये किया कि तीरथ सिंह रावत को सल्ट विधानसभा सीट से उपचुनाव नहीं लड़ाया. क्योंकि अगर सल्ट विधानसभा सीट से तीरथ सिंह रावत को उपचुनाव लड़ाया जाता तो शायद आज ये नौबत नहीं आती.

सल्ट पर तीरथ की सफाई

हालांकि, इस्तीफा देने के बाद तीरथ सिंह रावत ने आलाकमान का धन्यवाद देते हुए कहा कि आर्टिकल 164-A और 151 के चलते संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिसके चलते उन्होंने इस्तीफा दिया है. यहीं नहीं, तीरथ ने सल्ट विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि उस समय कोरोना संक्रमित होने के चलते वहां से चुनाव नहीं लड़ सके.

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गलतफहमी पर बोले प्रदेश अध्यक्ष

वहीं, बीजेपी को गलतफहमी होने के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक में कहा कि बीजेपी को आर्टिकल 164-A और 151 की जानकारी थी. लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की वजह से भारत निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव कराने से मना कर दिया, जिसके चलते ये संवैधानिक संकट उत्पन्न हुआ है. ऐसे में संवैधानिक संकट को देखते हुए तीरथ सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.

Last Updated : Jul 3, 2021, 3:50 PM IST
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