देहरादून: त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफा देने के बाद उत्तराखंड की कमान अब तीरथ सिंह रावत को सौंपी गई है. तीरथ सिंह रावत ने आज राज्य के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
बीसी खंडूड़ी रह चुके हैं गुरु
आरएसएस की पृष्ठभूमि से जुड़े तीरथ सिंह रावत गढ़वाल के सांसद और उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. पार्टी के प्रदेश संगठन महामंत्री पद पर रह चुके हैं. उन्हें मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी के सबसे वफादार नेताओं में गिना जाता रहा. तीरथ के सामने पिछले लोकसभा चुनाव में तब धर्मसंकट पैदा हुआ जब उन्हें अपने गुरु के पुत्र के खिलाफ गढ़वाल सीट से चुनाव लड़ना पड़ा था. इस सीट पर उन्होंने जनरल खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी को पराजित कर दिया था.
शहीद आंदोलनकारियों को दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत राजभवन से देहरादून स्थित शहीद स्मारक पहुंचे. जहां उन्होंने शहीदों को नमन किया. उत्तराखंड की राजनीति की परिपाटी रही है कि जो भी मुख्यमंत्री बनता है, वह शपथ ग्रहण करने के बाद सबसे पहले शहीद स्थल पहुंचता है और शहीदों को श्रद्धांजलि देकर आशीर्वाद लेता है.
शहीद स्थल पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावक ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने उन पर विश्वास कर इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. लिहाजा वह उनके विश्वास पर खरा उतरेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का भाव लेकर वह आगे बढ़ेंगे.
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तीरथ सिंह रावत संघ की पृष्ठिभूमि से बीजेपी की राजनीति में आने वाले नेता हैं. छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ाव रहा. संघ से जुड़े दायित्व निभाते हुए वह बीजेपी की मुख्यधारा की राजनीति में आए. 1997 में पहली बार वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे. वह राज्य के मंत्री भी रह चुके हैं. साल 2012 में चौबटाखाल विधानसभा सीट से चुनाव जीते. साल 2013 से 31 दिसंबर 2015 तक वह उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे. गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं. पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गढ़वाल सीट से उतारा था और उन्होंने 2.85 लाख से अधिक वोटों से जीत दर्ज की थी.