देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायतीराज विभाग की समीक्षा बैठक की. सीएम ने बैठक में अधिकारियों को पंचायतीराज विभाग द्वारा कराए जाने वाले कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने इसमें जल जीवन मिशन को भी जोड़ने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत त्रिस्तरीय पंचायतों को आवंटित धनराशि के व्यय की समीक्षा करने एवं शीघ्र ही अवशेष धनराशि व्यय करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि जहां भी पंचायत भवनों के पुनर्निर्माण की आवश्यकता है, उसके प्रस्ताव भेजे जाएं. विभागीय योजनाओं की प्रगति एवं गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने के संबंध में नियमित रूप से समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाए.
मुख्यमंत्री ने विभाग में गत वर्ष आउटसोर्सिंग माध्यम से तैनात 376 डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं 95 कनिष्ठ अभियंता को केन्द्र वित्त आयोग की कंटीजेंसी से नियोजित किए जाने के संबंध में विभागीय प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में लाने के निर्देश दिए. उन्होंने त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों की समस्याओं को जनपद एवं राज्य स्तर पर नियमानुयार समाधान करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए.
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बैठक में सचिव पंचायतीराज ने अप्रैल, 2021 के अंत तक प्लास्टिक अपशिष्ट रिसाईकलिंग मशीन के स्थापित होने के संबंध में सीएम को अवगत कराया. साथ ही आरजीएसए योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 की कार्ययोजना में काठगोदाम में स्थापित प्लास्टिक अवशिष्ठ रिसाइक्लिंग मशीन के आधुनीकीकरण का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाने के संबंध में अवगत कराया.
उत्तराखंड में कुल 7791 ग्राम पंचायतें है, जिसमें 6610 ग्राम पचायतों में पंचायत भवन निर्मित है. वहीं, 1181 ग्राम पंचायतें पंचायत भवन विहीन है. जबकि 1157 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में है. कुल 2338 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन निर्माण/नवनिर्माण की आवश्यकता है.