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आयुष कॉलेजों की फीस वृद्धि को लेकर HC के अंतिम निर्णय का इंतजार

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के आयुष कॉलेजों को हाईकोर्ट के निर्देशों का अनुपालन के लिए एक महीने का समय दिया है.

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आयुष कॉलेज फीस वृद्धि
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Published : Dec 16, 2019, 2:20 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 3:05 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के आयुष कॉलेजों को हाईकोर्ट के निर्देशों का अनुपालन के लिए एक महीने का समय दिया है. चेयरमैन डॉ0 कंबोज ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि सभी आयुष कॉलेज हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करें. जिसके लिए कॉलेजों को एक महीने का समय दिया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि 80 हजार रुपए फीस आयुष छात्रों से ली जाती है, जिसमें पब्लिक स्कूल का बच्चा भी नहीं पढ़ सकता है, जिसकी फीस करीब डेढ़ लाख रुपए होती है. आयुष कॉलेजों की फीस सरकार के आदेश पर बढ़ाई गई थी.

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वहीं आयुर्वेदिक कॉलेज संचालकों का कहना है कि एक तरफ आयुष चिकित्सक एमबीबीएस डॉक्टरों के समान वेतनमान की मांग कर रहे है, और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आयुष चिकित्सकों का वेतनमान एमबीबीएस चिकित्सक के समान होना चाहिए.

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ऐसे में सवाल उठता है कि आयुष चिकित्सक एमबीबीएस चिकित्सक के बराबर वेतनमान की बात कर रहे हैं तो फीस भी समान होनी चाहिए. एमबीबीएस के लिए देश में साढ़े बारह लाख से लेकर बीस लाख रुपए मेडिकल कॉलेजों में लगते हैं ,ऐसे में आयुष कॉलेज अस्सी हजार रुपए फीस कैसे ले सकता है.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के आयुष कॉलेजों को हाईकोर्ट के निर्देशों का अनुपालन के लिए एक महीने का समय दिया है. चेयरमैन डॉ0 कंबोज ने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि सभी आयुष कॉलेज हाईकोर्ट के आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करें. जिसके लिए कॉलेजों को एक महीने का समय दिया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि 80 हजार रुपए फीस आयुष छात्रों से ली जाती है, जिसमें पब्लिक स्कूल का बच्चा भी नहीं पढ़ सकता है, जिसकी फीस करीब डेढ़ लाख रुपए होती है. आयुष कॉलेजों की फीस सरकार के आदेश पर बढ़ाई गई थी.

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वहीं आयुर्वेदिक कॉलेज संचालकों का कहना है कि एक तरफ आयुष चिकित्सक एमबीबीएस डॉक्टरों के समान वेतनमान की मांग कर रहे है, और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आयुष चिकित्सकों का वेतनमान एमबीबीएस चिकित्सक के समान होना चाहिए.

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ऐसे में सवाल उठता है कि आयुष चिकित्सक एमबीबीएस चिकित्सक के बराबर वेतनमान की बात कर रहे हैं तो फीस भी समान होनी चाहिए. एमबीबीएस के लिए देश में साढ़े बारह लाख से लेकर बीस लाख रुपए मेडिकल कॉलेजों में लगते हैं ,ऐसे में आयुष कॉलेज अस्सी हजार रुपए फीस कैसे ले सकता है.

Intro:मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के निजी आयुर्वेदिक कॉलेजों को हाईकोर्ट के निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी आयुष कॉलेजों को 1 महीने का समय दिया है। ऐसे में उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज के चेयरमैन डॉ अश्विनी कंबोज का कहना है कि अभी कई चीजें हाईकोर्ट में गतिमान है ऐसे में हाई कोर्ट का जो भी अंतिम निर्णय आएगा उसका अनुपालन सभी निजी आयुर्वेदिक कॉलेज करेंगे।


Body:डॉ अश्विनी कंबोज का कहना है कि सीएम त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में एक बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया कि सभी आयुष कॉलेज हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करना सुनिश्चित करें उसमें सभी कॉलेजों को 1 महीने का समय दिया गया है उन्होंने कहा कि सीएम की अध्यक्षता में जो बैठक हुई उसमें एक पक्षीय सुनवाई हुई और बैठक में संस्थाओं के प्रति कोई सुनवाई नहीं हुई है । जो अस्सी हजार रुपये आयूष छात्रों से फीस ली जा रही है, उस फीस में एक पब्लिक स्कूल का बच्चा भी नहीं पढ़ पा रहा है पब्लिक स्कूलों की फीस भी करीब डेढ़ लाख रुपया है एसएम आयुष कॉलेजों ने जो फीस वृद्धि की थी वह गवर्नमेंट ऑर्डर से बढ़ाई गई थी आयकर अधिनियम की धारा के अंतर्गत 85% धन से फाइनेंसियल ईयर में खर्च करना पड़ता है जो पैसा आयुष कॉलेजों ने छात्रों से लिया है वह पैसा उन संस्थाओं ने अब खर्च कर दिया है फिलहाल हमारे संगठन की एक संस्था उच्च न्यायालय की शरण में है और उच्च न्यायालय के कुछ आदेश और भी हैं जो गतिमान हैं। ऐसे में सभी चीजें प्रोसेस में है ,हाई कोर्ट का जो भी अंतिम निर्णय आएगा उसका सभी आयुर्वेदिक कॉलेज अनुपालन करेंगे
बाइट डॉ अश्विनी कंबोज चेयरमैन, उत्तरांचल आयुर्वेदिक कॉलेज


Conclusion: आयुर्वेदिक कॉलेज संचालकों का कहना है कि एक तरफ आयुष चिकित्सक एमबीबीएस डॉक्टर्स के समान वेतनमान की मांग कर रहे हैं और पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग कमेटी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आयुष चिकित्सकों का वेतनमान एमबीबीएस चिकित्सक के समान होना चाहिए। यदि आयुष चिकित्सक एमबीबीएस चिकित्सक के बराबर वेतनमान की बात कर रहे हैं तो फीस भी समान होनी चाहिए। एमबीबीएस कोर्स करने के लिए देश में साढे बारह लाख रुपए से लेकर बीस लाख रुपये प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में लगते हैं ,ऐसे मे आयुष कॉलेजों से कैसे उपेक्षा की जा सकती है कि अस्सी हज़ार रुपये फीस लेकर आयुर्वेदिक डॉक्टर तैयार हो जाएं।
Last Updated : Dec 16, 2019, 3:05 PM IST
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