देहरादून: चमोली हादसे का दौरा करके मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत वापस लौट चुके हैं. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया से बात करते हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान उन्होंने बताया कि अभी तक सवा सौ से ज्यादा लोग लापता है. 7 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. सीएम ने बताया कुछ लोग जो कि टनल में फंसे उन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है, साथ ही सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस हादसे से लिए मुआवजे का एलान किया है. राज्य सरकार ने इसके लिए 4 लाख का ऐलान किया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि चमोली में हुई घटना की सूचना उन्हें भी सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई. जिसके बाद उन्होंने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए बताया था कि चमोली जिले के सीमांत रैंणी गांव के दोनों तरफ ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा और धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गयी. जिसके बाद वहां पर पिछले साल कमीशन हुए ऋषि गंगा जल विद्युत प्रोजेक्ट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. घटना के वक्त वहां तकरीबन 35 लोग काम कर रहे थे. जिनमें 2 पुलिसकर्मी भी मौजूद थे. इनमें से 30 लोग लापता हैं. इसी नदी पर नीचे उतरकर तपोवन में स्थित एनटीपीसी निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट पर तकरीबन 176 लोग काम कर रहे थे. जिनमें से दो अलग-अलग सुरंगों में से एक सुरंग में 15 लोग तो वहीं दूसरी सुरंग में 35 लोग इस घटना के बाद फंस गए हैं.
मुख्यमंत्री ने बताया कि इन दोनों टनल में से पहली टेलर जिसमें की 16 लोग फंसे हुए थे. उन्हें रेस्क्यू किया जा चुका है जो कि छोटी टनल थी, लेकिन दूसरी टनल तकरीबन ढाई सौ मीटर लंबी है. जिसमें काफी अंदर तक मलबा भरा हुआ है. यहां पर लगातार मजदूरों को रेस्क्यू करने का प्रयास SDRF द्वारा किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि उत्तराखंड में हुई इस भीषण आपदा को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक सभी ने चिंता व्यक्त की है. पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और कई प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने दूरभाष से संपर्क कर पूरी तरह से मदद का भरोसा दिया है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने चमोली में हुई आपदा की घटना पर मीडिया द्वारा तथ्यपरक रिपोर्टिंग करने के लिए मीडिया का धन्यवाद दिया. साथ ही इस घटना में मृतकों के लिए चार लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है. ताजा हालातों की बात करें तो मुख्यमंत्री ने बताया कि रुद्रप्रयाग से पीछे पानी बिल्कुल साफ हो चुका है. अब किसी भी तरह का कोई खतरा नहीं है.